यदि आप भी उन लोगों में से हैं, जो अपनी त्वचा की देखभाल को प्राथमिकता देते/देती हैं तो बहुत ज़रूरी है कि आप त्वचा की देखरेख से जुड़ी इन भ्रांतियों को आज ही जान लें, ताकि कहीं अनजाने में आप अपनी त्वचा को ख़ुद ही नुक़सान न पहुंचा लें. ये वे सामान्य मिथक हैं, जिनकी सच्चाई आपको पता होनी ही चाहिए.
आपकी सुंदरता का सबसे अच्छा साथी है स्वस्थ और चमकती हुई त्वचा. त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आपको अपने खान-पान को सही रखना होगा, एक्सरसाइज़ करनी होगी, पर्याप्त मात्रा में पानी पीना होगा और अच्छी नींद लेनी होगी. ये बातें तो आप जानते ही होंगे/होंगी. लेकिन जो आप नहीं जानते हैं, वो हैं कुछ ऐसे मिथक, सामान्यत: हम सभी के सामने आते हैं और हम उन्हें सच्चाई समझकर उनको अपना लेते हैं, पर नतीजा सही आने की बजाय बिगड़ने लगता है यानी फ़ायदे की जगह नुक़सान हो जाता है.
भ्रांति 1# चेहरे को बार-बार धोना चाहिए
चेहरे को आभावान बनाने के चक्कर में चेहरे को बार-बार धोना एक ऐसी आदत है, जिसे आपको तुरंत ही बंद कर देना चाहिए. बार-बार धोने से चेहरा रूखा और डीहाइड्रेटेड हो जाता है. चेहरे पर खुजली होने लगती है और नमी की कमी चलते त्वचा बेहद ड्राई हो सकती है. बार-बार चेहरा धोने से त्वचा पर मौजूद प्राकृतिक तेल हट जाता है. अत: यदि आप त्वचा को स्वस्थ चमक देना चाहते/चाहती हैं तो चेहरे को दिनभर में केवल एक से दो बार ही धोएं.
भ्रांति 2# चेहरा गर्म पानी से धोना चाहिए
चेहरे को हमेशा सामान्य तापमान के पानी से धोना चाहिए. यह बात कि चेहरे को गर्म पानी से धोया जाना चाहिए मिथक है. गर्म पानी से चेहरा धोने पर चेहरे पर मौजूद नैचुरल ऑइल्स हट जाते हैं और चेहरा रूखा हो जाता है. यदि आप चेहरे के रोमछिद्रों से गंदगी हटाना चाहते/चाहती हैं तो चेहरे पर भाप लेना चाहिए, ताकि रोमछिद्र खुल जाएं और उनमें मौजूद गंदगी बाहर निकल सके. भाप लेने के बाद चेहरे को ठंडे पानी से धोना चाहिए, ताकि रोमछिद्र दोबारा बंद हो जाएं. यदि आप ज़्यादा गर्म पानी से चेहरे को धोते हैं तो त्वचा जल भी सकती है.
भ्रांति 3# त्वचा को जल्दी-जल्दी और सख़्ती से एक्स्फ़ॉलिएट करना चाहिए
त्वचा पर मौजूद मृत कोशिकाओं यानी डेड स्किन सेल्स को हटाना हो तो चेहरे को स्क्रब किया ही जाना चाहिए, पर यह बात याद रखें कि किसी भी चीज़ की अति ठीक नहीं होती. यही बात त्वचा को एक्स्फ़ॉलिएट करने पर भी लागू होती है. त्वचा को सप्ताह में एक बार एक्स्फ़ॉलिएट करना काफ़ी होता है. हमेशा त्वचा को हल्के हाथों से ही स्क्रब किया जाना चाहिए, ताकि त्वचा की भीतरी पर्त को कोई नुक़सान न पहुंचने पाए. अत: त्वचा को कभी-भी जल्दी-जल्दी स्क्रब न करें और कभी-भी सख़्ती से एक्स्फ़ॉलिएट नहीं किया जाना चाहिए.
भ्रांति 4# त्वचा ऑइली हो तो मॉइस्चराइज़र नहीं लगाना चाहिए
यह भी एक भ्रांति ही है कि त्वचा ड्राइ हो तभी मॉइस्चराइज़र लगाया जाना चाहिए,ऑइली हो तो नहीं. सच्चाई यह है कि त्वचा ड्राइ हो या ऑइली इसे मॉइस्चराइज़ करना बहुत ज़रूरी होता है. हां, बेशक़ आप अपनी त्वचा के प्रकार के मुताबिक़ मॉइस्चराइज़र लगाएं. इसकी वजह यह है कि हर तरह क त्वचा की अंदरूनी पर्त को अतिरिक्त नमी और पोषण की ज़रूरत होती है, जो उसे अच्छी क्वालिटी वाले मॉइस्चराइज़र से ही मिल सकती है. ऑइली स्किन वालों को जेल बेस्ड मॉइस्चराइज़र लगाना चाहिए.
भ्रांति 5# सनस्क्रीन केवल गर्मी के मौसम में लगाना चाहिए
साल का चाहे कोई भी मौसम हो, सनस्क्रीन हमेशा लगया जाना चाहिए. कुल मिलाकर हम यह कह रहे हैं कि इस भ्रांति से बचें की सनस्क्रीन का इस्तेमाल गर्मियों में ही किया जाना चाहिए. वजह यह है कि मौसम चाहे जो भी हो, सूरज की किरणों में त्वचा के लिए हानिकारक अल्ट्रावायलेट यानी यूवी किरणें हमेशा ही मौजूद रहती हैं. इनसे बचाव के लिए सनस्क्रीन का लगाया जाना बेहद ज़रूरी है.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट