lekhak: अदम गोंडवी

ग़र ग़लतियां बाबर की थीं जुम्मन का घर फिर क्यों जले: अदम गोंडवी की कविता

ग़र ग़लतियां बाबर की थीं जुम्मन का घर फिर क्यों जले: अदम गोंडवी की कविता

इतिहास अपने आप को ख़ुद ही करेक्ट कर लेता है, बशर्ते हमें उसकी दुखती रगों को बार-बार नहीं छेड़ना चाहिए. ...

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है: अदम गोंडवी की कविता

वो जिसके हाथ में छाले हैं पैरों में बिवाई है: अदम गोंडवी की कविता

देश के मेहनतकश वर्ग और गांधी का नाम लेकर नेतागिरी करनेवालों की ज़िंदगी में कितना फ़र्क़ है, अदम गोंडवी यह ...

ज़ुल्फ़ अंगड़ाई तबस्सुम चांद आईना गुलाब: अदम गोंडवी की कविता

ज़ुल्फ़ अंगड़ाई तबस्सुम चांद आईना गुलाब: अदम गोंडवी की कविता

भूख के सामने दुनियाभर के शबाब का कोई मोल नहीं होता, बता रही है अदम गोंडवी यह कविता. ज़ुल्फ़-अंगड़ाई-तबस्सुम-चांद-आईना-गुलाब भुखमरी ...

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