आज़ादी किसे नहीं पसंद? एक पंछी भी सोने के पिंजरे में सारी-सुख सुविधाओं का लाभ लेने के बजाय संघर्ष से...
यूं तो कहानी का शीर्षक है ‘एक थी विमला’ पर इस कहानी में विमला के साथ-साथ तीन और लड़कियों की...
कुछ ज़िंदगियों के मुक्कदर में दर्द ही दर्द होता है. ऐसे ही दर्द को समेटती है मुनव्वर राना की गज़ल....
उस घटना का मार्मिक वर्णन जब 27 वर्ष की उम्र में लेखिका एक 18 साल की अनाथ और विधवा बालिका...
जो हमारे पास होता है, उस उससे ज़्यादा उस चीज़ को पाने की कामना करते हैं, जो हमारे पास नहीं...
हमारे समाज की विसंगतियों, विडंबनाओं पर जिन लेखकों ने बेहिचक अपनी धारदार लेखनी चलाई उसमें हरिशंकर परसाई प्रमुख थे. भूख...
नारी के हृदय की जटिलता को समझना दुनिया का सबसे मुश्क़िल काम है. एक पति द्वारा अपनी पत्नी पर शक़...
गोपालदास सक्सेना ‘नीरज’ की कविताओं, गीतों और ग़ज़लों में जीवन का फ़लसफ़ा होता है. उनकी यह रचना भी जीवन के...
प्रकृति का सहचर्य क्यों ज़रूरी है और हम कैसे यह सहचर्य पा सकते हैं, बता रही है सर्वेश्वर दयाल सक्सेना...
पशु-प्रेमी लेखिका महादेवी वर्मा के बचपन के तीन साथियों निक्की नेवला, रोजी कुत्ती और रानी घोड़ी की दिल छू लेनेवाली...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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