मृत्युलोक में भोलाराम नामक इंसान का जीव लेने गया यमदूत पांच दिनों से लापता है. जब वह लौटता भी है...
जीवन में हम ख़ुद न की गई ग़लतियों का बोझ भी ढोते हैं और ख़ुद की गई ग़लतियों का बोझ...
सदियों तक समाज से दूर रही आबादी को आज़ादी के बाद एकबारगी सभी के साथ, उसी रफ़्तार से चलने के...
चाहे पेंच कसना हो या बातचीत, उसके साथ सहज रहना ज़रूरी है. पेंच को बेवजह कसने से उसकी चूड़ी मर...
कई बार दूसरों का भला करने के चक्कर में हम अपना ही घर फूंक बैठते हैं. पंडा गिरजाकुमार की पत्नी...
मां और बेटी दो अलग-अलग पीढ़ियों और सोच का प्रतिनिधित्व करती हैं. बावजूद एक समय के बाद हर बेटी अपनी...
मां की महानता का वर्णन करने के लिए सबसे घिसी-पिटी कहावतों में एक है ‘भगवान हर जगह नहीं रह सकता...
ज़मीनी हक़ीक़त से नाकिफ़ लोगों को आईना दिखाती दुष्यंत कुमार की यह ग़जल, सत्ता की तानाशाही के प्रति ज़ोरदार आवाज़...
हम सभी आज आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंसी की बातें करते हैं. यह मानते हैं कि इससे हमारी दुनिया पूरी तरह बदल जानेवाली...
अक्षय तृतीया और ईद का एक ही दिन आना, उन लोगों के मन में सुनहरी यादों के जी उठने जैसा...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.