यदि आप भी उन युवतियों या महिलाओं में से हैं, जिन्हें अपने वजाइना में कभी-कभार कंपन, गुंजन, हलचल या अजीब सी संवेदना का एहसास होता है तो जान लीजिए कि आप अकेली ही इस अजीब एहसास से रूबरू नहीं हो रही हैं. कई महिलाओं को ऐसा महसूस होता है. और इस संसेशन को नाम दिया गया है रेस्टलेस जेनिटल सिंड्रोम यानी आरजीएस. यहां हम आपको इसके बारे में और जानकारी देने जा रहे हैं.
बीते दिनों बातों ही बातों में मेरी एक दोस्त ने खुलासा किया कि इन दिनों उसे वजाइना में वाइब्रेशन-सा महसूस होता है. लगातार नहीं, बस कभी-कभी. उसके मुताबिक़,‘’इससे मुझे कोई फ़र्क़ तो नहीं पड़ता, लेकिन थोड़ा अजीब और असहज महसूस होता है. फिर ये लगातार नहीं होता है तो मैं इसपर ज़्यादा ध्यान नहीं देती हूं.’’ कुछ दिनों बाद अपनी एक और दोस्त से बात करते हुए मुझे पता चला कि पिछले कुछ दिनों से उसे वजाइना में ‘हमिंग’ यानी गुंजन जैसा एहसास होता है, जो इरिटेटिंग है. जब इस तरह की बात निकली तो हम सभी दोस्त, जो उम्र के चौथे दशक में हैं, उनमें से एक-दो और ने माना कि कभी न कभी उन्हें भी वजाइना में हलचल, झुनझुनी या सुन्नता जैसी समस्या हुई है. यूं भी इस उम्र तक आते-आते महिलाएं इतने तरह के हॉर्मोनल बदलाव झेल रही होती हैं कि उनमें किसी एक चीज़ की बढ़ोतरी भी अपने आप में सिरदर्द लगती है.
जननांगों में होने वाले इस तरह के संसेशन्स को हाल ही में रेस्टलेस जेनिटल सिंड्रोम (RGS) नाम दिया गया है. जिसमें महिलाओं और पुरुषों के जननांगों में होने वाली कई तरह के असहज कर देने वाले संसेशन्स को शामिल किया गया है. इसमें खुजली, झुनझुनी, सिकुड़न और दर्द को भी शामिल किया गया है. हालांकि यह महिलाओं और पुरुषों दोनों के जननांगों के लिए परिभाषित किया गया है, लेकिन महिलाओं में यह बहुत आम है. इस सिंड्रेम का नतीजा होता है जननांग के आसपास सुन्नता, दर्द, जलन, परेशानी, वाइब्रेशन या दूसरे तरह की असहजता. आइए, इसके बारे में और जानते हैं…
क्या यह आम है?
हमारे देश में अपने शरीर के बारे में बात करते हुए पुरुष ही इतने सकुचाते हैं तो महिलाओं की संकोच का आलम कितना होगा, ये तो हम समझ ही सकते हैं. इन दिनों फिर भी महिलाएं अपनी समस्याओं के लेकर मुखर हुई हैं, लेकिन सिर्फ़ पढ़ी-लिख, शहरी महिलाएं. और जहां बात वजाइना से जुड़ी हो, वहां इनमें से भी आधी से ज़्यादा महिलाएं चुप रहना ही पसंद करती हैं. ऐसे में यह कहना कि वजाइना में होने वाली किसी अलग तरह की संवेदना आम समस्या है या नहीं यह तो संभव नहीं है. लेकिन हां, कई महिलाओं को वजाइना में अलग-अलग तरह की संवेदनाएं महसूस होती हैं. कई ऑन लाइन फ़ोरम्स पर महिलाएं अपनी पहचान छुपा कर इस बारे में पूछ लेती हैं. अब चूंकि यह बहुत गंभीर समस्या नहीं है, कभी-कभार ही होता है अत: अधिकतर महिलाएं इसे अपनी गायनाकोलॉजिस्ट के साथ भी नहीं बांटतीं. और इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कभी न कभी हर महिला इस सेंसेशन को महसूस करती हो.
कितने तरह के संसेशन हो सकते हैं?
यदि आपकी रुचि यह जानने में है कि ये संसेशन कितने तरह का होता है तो आपको बता दें कि यह हर महिला के लिए अलग हो सकता है. फिर भी मुख्यत: महिलाओं को कंपन (वाइब्रेशन), गुंजन (हमिंग), झुनझुनी, बज़िंग, सुन्नता या फड़कने जैसी हलचल महसूस होती है. कुछ महिलाएं इससे असहज महसूस करती हैं, कुछ को अजीब लगता है, कुछ को परेशानी और उलझन महसूस होती है तो कुछ को इसके साथ हल्के दर्द का भी एहसास होता है. उन्हें ऐसा लग सकता है, जैसे वजाइना में उनका सेलफ़ोन वाइब्रेट कर रहा है, ये वाइब्रेशन थोड़ी-थोड़ी देर के अंतराल पर हो सकते हैं. हमिंग या बज़िंग भी थोड़े-थोड़े अंतराल पर हो सकती है. यूं महसूस हो सकता है, जैसे वजाइना के भीतर कोई कीड़ा घुस आया हो या फिर कोई भौरा गुंजन कर रहा हो.
क्या हो सकती है वजह?
यूं तो बहुत संभव है कि डॉक्टर भी इसके बारे में तुरंत आपको कोई जवाब न दे पाएं. लेकिन चूंकि वजाइना कई तरह की मांसपेशियों का एक नेटवर्क है, तो कई वजहों से इसमें इस तरह के सेंसेशन हो सकते हैं. वजाइना की मसल्स में स्पाज़म यानी सिकुड़न भी इसकी वजह हो सकती है. और आपको बता दें कि मसल्स में स्पाज़म होने पर भी दो लोगों को इसका एहसास बिल्कुल अलग-अलग तरह से हो सकता है. यह सेंसेशन आपको ग़लत पॉस्चर में लंबे समय तक बैठने से भी हो सकता है, क्योंकि यदि मसल्स में सिकुड़न है तो ग़लत ढंग से बैठने पर यह बढ़ सकती है. इसके अलावा तनाव, चिंता थकान, ऐल्कहॉल या कैफ़ीन का ज़्यादा सेवन भी इसकी वजह हो सकती है. या फिर यदि आप किसी तरह की दवाई ले रही हैं तो यह उसका साइड इफ़ेक्ट भी हो सकता है. इसकी वजह पेल्विक फ़्लोर डिस्ऑर्डर भी हो सकता है, जो बच्चे के जन्म के कारण, मेनोपॉज़ या पेरि-मेनोपॉज़ल अवस्था में हो सकता है. इसके अलावा उम्र का बढ़ना, ओबिसिटी, ज़्यादा तनाव लेना भी इसके कारण हो सकते हैं. टैम्पन्स का इस्तेमाल भी इसका एक कारण हो सकता है.
इसके लिए हम क्या कर सकते हैं?
यदि प्रेग्नेंसी के दौरान आपको ऐसा महसूस हो रहा है तो बहुत संभव है कि बच्चे के जन्म के बाद यह सेंसेशन ख़ुद ब ख़ुद चला जाए. यदि यह प्रेग्नेंसी की अवस्था में हो रहा है तो आप डॉक्टर से सलाह लें. अन्यथा इस सेंसेशन को दुरुस्त करने के लिए आप ये उपाय अपना सकती हैं- पेल्विक फ़्लोर मसल्स को मज़बूत करने के लिए कीगल एक्सरसाइज़ सीखें, अच्छी नींद लें, खानपान अच्छा रखें, हाइड्रेटेड रहें, ऐक्टिव रहें, एक्सरसाइज़ करें और जब ऐसा हो तो अपना ध्यान कहीं और केंद्रित करने का प्रयास करें. वाइब्रेशन या हमिंग जैसे सेंसेशन कभी-कभार और अस्थाई होते हैं और ये कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाते हैं.
कब लेनी चाहिए डॉक्टरी सलाह?
यदि आपको प्रेग्नेंसी के दौरान ऐसा सेंसेशन हो रहा है तो अपने डॉक्टर से इसके बारे में ज़िक्र करें और तुरंत सलाह लें. यदि यह सेंसेशन बहुत बार हो रहा है, लगातार हो रहा है और इससे आप परेशान हैं तो डॉक्टर के पास जाने में देर न करें. यदि आपको सेक्शुअल इंटरकोर्स के दौरान परेशनी हो रही है, जलन महसूस हो रही है तब भी डॉक्टरी सलाह लेना ज़रूरी है. इस सेंसेशन के साथ ब्लीडिंग या कोई और डिस्चार्ज हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं. यदि वजाइना और उसके आसपास के हिस्से में सूजन है तब भी डॉक्टरी जांच करवाएं.
फ़ोटो: गूगल