हमें हमेशा से यही समझाया गया है कि यदि हम कंडोम का इस्तेमाल करते हैं तो हम सेक्शुअली ट्रांस्मिटेड डिज़ीज़ेज़ के साथ-साथ एड्स से भी बचे रह सकते हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि रबर का यह टुकड़ा हमें कई तरह की बीमारियों से बचाने के बावजूद हर तरह की एसटीडीज़ से महफूज़ नहीं रख सकता. इस आलेख में हम जानेंगे कि सेक्शुअल रिश्तों के दौरान कंडोम के इस्तेमाल के बावजूद कौन-सी बीमारियां होने का ख़तरा बना रह जाता है.
‘‘मुझे पूरा भरोसा था कि अपने पार्टनर के साथ सेक्शुअल संबंधों के दौरान इस्तेमाल किया गया कंडोम मुझे हर तरह की सेक्शुअली ट्रांस्मिटेड डिज़ीज़ से बचा लेगा. आख़िर सभी ऐसा कहते हैं,‘‘ बताती हैं बीना (बदला हुआ नाम). लेकिन बावजूद इस सुरक्षा के उन्हें वजाइना में खुजली और जलन की वजह से डॉक्टर के पास जाना पड़ा. और जब डॉक्टर ने उन्हें बताया कि उन्हें सिफ़िलिस का संक्रमण हुआ है तो वे हैरान रह गईं. सिफ़िलिस सेक्स के ज़रिए फैलनेवाला संक्रमण है. तब बीना को पता चला कि कंडोम भले ही कई तरह की बीमारियों से सुरक्षित रखता हो, लेकिन कई एसटीडीज़ और बीमारियां ऐसी भी हैं, जिनसे यह रबर हमें नहीं बचा सकता.
सुरक्षित सेक्शुल संबंध बनाने के बावजूद हो सकती हैं कुछ बीमारियां
हममें से अधिकतर जोड़े कंडोम को एसटीडीज़ से बचने का सबसे सुरक्षित ज़रिया मानते हैं, लेकिन हम आपको बता दें कि कई इन्फ़ेक्शन्स ओरल सेक्स या चुंबन के ज़रिए भी फैल सकते हैं. और ये त्वचा के खुले हिस्सों का आपसी संपर्क होने की वजह से भी फैल सकते हैं. चूंकि कंडोम सेक्शुअल संबंधों के दौरान स्राव के विनिमय को रोक देता है यह प्रेग्नेंसी से आपका बचाव कर सकता है. साथ ही, यह कुछ एसटीडीज़ से भी आपको सुरक्षा देता है, लेकिन सिफ़िलिस, हरपीज़, एचपीवी और गोनोरिया जैसी बीमारियों के होने की संभावना कंडोम के इस्तेमाल के बावजूद बनी रहती है.
तो कैसे किया जाए इन बीमारियों का ख़तरा कम?
इसका सबसे आसान तरीक़ा है कि आपका सेक्शुअल पार्टनर कोई एक ही व्यक्ति हो. यदि आप एक से अधिक लोगों के सेक्शुअल संपर्क में हैं तो इन बीमारियों का ख़तरा और बढ़ जाता है. यदि आपका ब्रेकअप हुआ है, तलाक़ हुआ है या फिर किसी अन्य वजह से आपको अपना सेक्शुअल पार्टनर बदलना पड़ा है तो बेहतर होगा कि पहले आप दोनों अपना चेकअप करवा लें और उसके बाद ही सेक्शुअल संबंध बनाएं. यदि आप दोनों वाक़ई एक-दूसरे को पसंद करते हैं तो दोनों को ही इस तरह के चेकअप से कोई समस्या नहीं होगी. वैसे भी इस तरह के चेकअप को बिल्कुल उसी तरह लिया जाना चाहिए, जैसा कि हम साल में एक बार कराए जानेवाले रूटीन हेल्थ चेकअप को लेते हैं.
क्या है इन बीमारियों का इलाज?
यदि आपको इस तरह की कोई बीमारी हो तो आप डॉक्टर की सलाह से ही इलाज लें. कुछ ब्लड टेस्ट करवाने के बाद, सही नतीजों पर पहुंचकर वे आपको कुछ ऐंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देंगे, ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके. इसके अलावा हेपेटाइटिस और एचपीवी से बचने के लिए वैक्सीन्स उपलब्ध हैं, जिन्हें डॉक्टर की सलाह पर आप लगवा सकते हैं. यदि आप चाहें तो अपने डॉक्टर से खुलकर इस बारे में बात कर सकते हैं, जिससे वे हर तरह की आवश्यक सलाह आपको दे सकें, ताकि आपका सेक्शुअल जीवन सुरक्षित बना रहे.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट