आजकल के दौर में छुट्टियां हुईं नहीं कि सभी सोचते हैं कि कहीं घूम आया जाए. सप्ताहांत पर अपने शहर के आसपास की जगहों पर और सालाना छुट्टियों के दौरान किसी ख़ास जगह पर जाने की योजनाएं न जाने कितने पहले से बना ली जाती हैं. इस तरह का पर्यटन और भी संतुष्टिदायक हो सकता है यदि हम एक ऐसे पर्यटक बनकर जाएं, जो न केवल प्रकृति का आनंद ले, बल्कि उसे संवारने का काम भी करे. आइए, जानते हैं आप ऐसे पर्यटक कैसे बन सकते हैं.
इससे पहले कि आपको ईको-फ्रेंडली पर्यटक बनने के तरीक़े बताएं यह बताना ज़्यादा ज़रूरी है कि कार्बन फ़ुटप्रिंट, जिसे कम करने की बात हम कह रहे हैं, वह आख़िर है क्या? तो आपको बता दें कि कार्बन फ़ुटप्रिंट दरअसल किसी व्यक्ति, संगठन या उत्पाद द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किया जाने वाला कुल ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन है. यह एक पर्यावरणीय संकेतक है, जो उन ग्रीनहाउस गैसों की उत्सर्जन की मात्रा को दर्शाता है, जो हमारे पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं.
हम मनुष्य जब कोई भी गतिविधि करते हैं तो उसकी वजह से कई ग्रीनहाउस गैसें, जैसे- कार्बनडाइ ऑक्साइड, मीथेन, नाइट्रस ऑक्साइड वगैरह निकलती हैं, जो वायुमंडल में शामिल हो जाती हैं और इनकी वजह से पृथ्वी का वातावरण गर्म होने लगता है और पर्यावरण को नुक़सान पहुंचता है.
आपको ईको-फ्रेंडली टूरिस्ट बनने के लिए कहने का हमारा अर्थ यह है कि आप अपने पर्यटन के दौरान कम से कम कार्बन फ़ुटप्रिंट छोड़ें और इस तरह पर्यटन करते हुए पर्यावरण को संवारने में अपना योगदान दें. तो आइए, जानते हैं ऐसा करने के तरीक़े:
प्रिंटेड टकिट्स के बग़ैर करें यात्रा: आजकल हर तरह के टिकट चाहे हवाईजहाज़ के हों, ट्रेन के या फिर बस के… डिजिटली उपलब्ध हैं. फिर काग़ज़, स्याही और प्रिंटर में लगने वाली बिजली की बचत कर लेना यानी प्रिंटेड टिकिट्स के बिना सफ़र करना समझदारी भरी बात है.
कपड़ों के बैग: ज़ाहिर है आप पर्यटन पर जा रहे हैं तो आपके साथ सामान होगा ही, पर इस सामान के साथ एक या दो ख़ाली कपड़े के बैग भी रखें. आप जिस जगह को एक्स्प्लोर करने जा रहे हैं, वहां स्थानीय जगहों की सैर के लिए निकलते समय, जो भी बैक्पैक रखें, उसके भीतर एक कपड़े का थैला ज़रूर रखें. कोई सामन पसंद आने पर अचानक ख़रीदना चाहें तो उसे इस बैग में डाल लें. इस तरह आप पॉलिथिन के इस्तेमाल को कम करेंगे और कम कार्बन फ़ुटप्रिंट छोड़ेंगे.
सार्वजनिक यातायात: जब आप उस जगह पहुंच जाएं, जहां आप घूमना चाहते हैं तो आने-जाने के लिए सार्वजनिक यातायात का इस्तेमाल करें या फिर किसी के साथ शेयर्ड टैक्सी का इस्तेमाल करें. इस तरह भी आप ईको-फ्रेंडली टूरिस्ट बन सकते हैं.
साइकल का उपयोग: स्थानीय जगहों को घूमने के लिए आप साइकल का उपयोग करें. इससे न सिर्फ़ आप उस जगह को अच्छी तरह एक्स्पलोर कर सकेंगे और आपकी कसरत हो जाएगी, बल्कि कार्बन फ़ुटप्रिंट पर लगाम लगाने के हिसाब से भी यह बेहतरीन फ़ैसला होगा.
बोनफ़ायर न करें: अपनी ट्रिप के दौरान यदि आप कैम्पिंग के लिए जा रहे हैं, तब भी बोनफ़ायर न करें, क्योंकि यह है तो आग ही और यह तो सीधे-सीधे पर्यावरण को नुक़सान ही पहुंचाएगी.
डिस्पोज़ेबल चीज़ों के उपयोग से बचें: अपने साथ अपने बर्तन, स्टील या प्लास्टिक की रीयूज़बेल बॉटल्स ज़रूर रखें और इनका ही इस्तेमाल करें. किसी भी तरह के डिस्पोज़ेबल्स का इस्तेमाल कम करेंगे तो ही आप ज़्यादा ईको-फ्रेंडली बनेंगे. स्ट्रॉ के उपयोग से तो ख़ास तौर पर बचें.
शैम्पू, साबुन साथ लेकर चलें: यह बात आपको ओल्ड फ़ैशन्ड लग सकती है और जब होटल्स में शैम्पू, शावर जेल मौजूद है तो आपको इसे साथ क्यों ले जाना चाहिए? दरअसल, शैम्पू की वे छोटी-छोटी बॉटल्स जो होटलों में रखी होती हैं, वो प्लास्टिक की बनी होती हैं. कई लोग उन्हें इस्तेमाल करते हैं और फेंक देते हैं या फिर अपने साथ ले आते हैं. उनकी जगह नई बॉटल्स रखी जाती हैं और अंतत: ये सभी बॉटल्स लैंडफ़िल का हिस्सा बन जाती हैं. पर्यावरण के प्रति इस दुष्चक्र को रोकने में यदि हम सब अपना-अपना योगदान देंगे तभी तो प्रकृति आने वाली पीढ़ी के लिए भी वरदान साबित होगी.
फ़ोटो: फ्रीपिक