• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

क्या तकनीक ने बढ़ाई हैं पैरेंटिंग की चुनौतियां?

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
November 17, 2021
in ज़रूर पढ़ें, पैरेंटिंग, रिलेशनशिप
A A
क्या तकनीक ने बढ़ाई हैं पैरेंटिंग की चुनौतियां?
Share on FacebookShare on Twitter

पैरेंटिंग आसान ही कब थी? ये तो हमेशा ही मुश्क़िल रही है, आप अपने बच्चे को अपने समय के मानदंडों के हिसाब से बड़ा करना चाहते हैं और बच्चे अपने समय के हिसाब से बड़ा होना चाहते हैं. एक खींचतान सी बनी ही रहती है माता-पिता और बच्चों के बीच. लेकिन अमेरिका में हुई एक स्टडी में 66% पैरेंट्स ने माना है कि तकनीक के आने से, स्क्रीन, सोशल मीडिया, स्मार्ट फ़ोन के आने से पैरेंटिंग की चुनौतियां पिछले कुछ वर्षों की तुलना में अब बहुत बढ़ गई हैं. आइए, बात करते हैं इस अध्ययन के नतीजों पर.

यदि कहीं भी आप दो या तीन जोड़ी पैरेंट्स को आपस में बच्चों के बारे में बातचीत करता सुनेंगे तो इस बात की पूरी संभावना है कि वे अपने बच्चों के स्क्रीन टाइम को लेकर चिंतित मिलेंगे और इस पर किसी न किसी तरह की चर्चा ज़रूर करते मिलेंगे. वे एक-दूसरे से पूछते मिलेंगे कि आख़िर उन्हें अपने बच्चे को कितने समय के लिए स्क्रीन देखने की इजाज़त देनी चाहिए?
यूं तो इस बारे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गैनाइज़ेशन ने पहले ही गाइडलाइन्स जारी कर रखी हैं, लेकिन यह पैन्डेमिक से पहले की बात है. और हम जिस अमेरिकन स्टडी की बात कर रहे हैं वो भी महामारी आने से पहले की है… कहने का मतलब ये कि इसके बाद तो बच्चों की स्कूलिंग भी ऑनलाइन ही हुई है यानी जो भी समय वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गैनाइज़ेशन ने बताया, बच्चों ने उससे कहीं ज़्यादा समय ही स्क्रीन पर बिताया होगा.

सर्वे सैंपल साइज़
अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर सर्वे ने मार्च 2020 में 3640 ऐसे अमेरिकी पैरेंट्स को इस सर्वे में शामिल किया था, जिनका कम से कम एक बच्चा 18 वर्ष से कम उम्र का हो. इनमें से 66% पैरेंट्स का मानना था कि आज से 20 वर्ष पहले की तुलना में आज पैरेंटिंग काफ़ी चुनौतीभरी हो गई है. इन सभी ने विकसित होती टक्नोलॉजी को इसकी वजह ठहराया.

इन्हें भीपढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#14 मैं हार गई (लेखिका: मीता जोशी)

फ़िक्शन अफ़लातून#14 मैं हार गई (लेखिका: मीता जोशी)

March 22, 2023
Fiction-Aflatoon

फ़िक्शन अफ़लातून प्रतियोगिता: कहानी भेजने की तारीख़ में बदलाव नोट करें

March 21, 2023
सशक्तिकरण के लिए महिलाओं और उनके पक्षधरों को अपने संघर्ष ध्यान से चुनने होंगे

सशक्तिकरण के लिए महिलाओं और उनके पक्षधरों को अपने संघर्ष ध्यान से चुनने होंगे

March 21, 2023
फ़िक्शन अफ़लातून#13 लेकिन कैसे कह दूं इंतज़ार नहीं… (लेखिका: पद्मा अग्रवाल)

फ़िक्शन अफ़लातून#13 लेकिन कैसे कह दूं इंतज़ार नहीं… (लेखिका: पद्मा अग्रवाल)

March 20, 2023

स्क्रीन टाइम को लेकर बढ़ी है चिंता
स्टडी में भाग लेने वाले 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के 71% पैरेंट्स को इस बात की चिंता है कि कहीं उनका बच्चा स्क्रीन पर ज़रूरत से ज़्यादा समय तो नहीं बिता रहा है? इस बात को लेकर 31% पैरेंट्स की चिंता गंभीर है और कुछ पैरेंट्स तो यह मान भी रहे हैं कि उनके बच्चे स्मार्टफ़ोन पर ज़रूरत से ज़्यादा समय बिताते हैं. 

पैरेंट्स किससे मांग रहे हैं मदद?
हालांकि इनमें से 39% पैरेंट्स को लगता है कि वे आश्वस्त हैं कि उनके बच्चे ठीक-ठाक टाइम ही स्क्रीन पर बिताते हैं. वहीं 11 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के पैरेंट्स में से 61% ने माना कि स्क्रीन टाइम के बारे में उन्हें उनके डॉक्टर ने सलाह दी है, वहीं 5 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों के 45% पैरेंट्स ने कहा कि उन्होंने स्क्रीन टाइम कम करने के लिए बच्चों के टीचर्स की मदद ली है. इनमें से 71% पैरेंट्स का मानना है कि स्मार्ट फ़ोन का लंबे समय तक इस्तेमाल करने वाले बच्चों को इससे फ़ायदे की जगह नुक़सान ही पहुंचेगा.

पैरेंट्स भी स्क्रीन पर बिताते हैं ज़्यादा समय
इन अभिभावकों में से 56% ने माना कि वे भी स्मार्टफ़ोन पर ज़रूरत से ज़्यादा समय बिताते हैं. जबकि कुछ पैरेंट्स ने यह भी माना कि अपने बच्चों के साथ समय बिताने के लिए वे कभी-कभी फ़ोन से दूर भी रहते हैं. और जब उनसे यह पूछा गया कि क्या पैरेंटिंग पहले से कठिन हो गई है तो इसके जवाब में 68% पैरेंट्स इस बात से सहमत थे. इसके कारणों पर बात की गई तो 26% ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को, 21% ने सोशल मीडिया को और 14% ने बहुत ही कम उम्र में बच्चों को इस तकनीक से रूबरू कराने को ज़िम्मेदार ठहराया.

तो आख़िर बच्चों का स्क्रीन टाइम कैसे कम किया जा सकता है?
• अपने बच्चों को उनका ख़ुद का स्मार्ट फ़ोन या टैबलेट उनके टीनएज में आने के बाद ही दिलाएं.
• कम्प्यूटर और टीवी को ऐसी जगहों पर रखें, जहां सभी बैठते हों, जैसे- लिविंग रूम में.
• घर में सभी के लिए तकनीक मुक्त समय यानी टेक-फ्री टाइम निर्धारित करें. फिर चाहे वो सप्ताह में एक ही दिन क्यों न हो.
• पैरेंट्स ख़ुद पर भी इस बात के लिए लगाम लगाएं कि वे ख़ुद भी स्क्रीन पर कम समय बिताएंगे.
• बच्चों को व्यस्त रखने के दूसरे तरीक़े ढूंढ़ें.
• तकनीक को तकनीक से जीतें. अपने डिवाइसेस में टर्न ऑफ़ अलार्म लगाएं, ताकि नियत समय पर वो आपके पूरे परिवार के स्क्रीन टाइम को कम करने के लिए चेताएं.

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

Tags: appsParentingparenting challengesparenting experiencesscreenscreen timesocial mediawhat has increasedऐप्सक्या बढ़ गई हैं पैरेंटिंग की चुनौतियांपैरेंटिंगपैरेंटिंग की चुनौतियांपैरेंटिंग के अनुभवसोशल मीडियास्क्रीनस्क्रीन टाइम
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

फ़िक्शन अफ़लातून#12 दिखावा या प्यार? (लेखिका: शरनजीत कौर)
ज़रूर पढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#12 दिखावा या प्यार? (लेखिका: शरनजीत कौर)

March 18, 2023
फ़िक्शन अफ़लातून#11 भरा पूरा परिवार (लेखिका: पूजा भारद्वाज)
ज़रूर पढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#11 भरा पूरा परिवार (लेखिका: पूजा भारद्वाज)

March 18, 2023
फ़िक्शन अफ़लातून#10 द्वंद्व (लेखिका: संयुक्ता त्यागी)
ज़रूर पढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#10 द्वंद्व (लेखिका: संयुक्ता त्यागी)

March 17, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist