क्या आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्हें अपनी नानी या दादी से कोई साड़ी विरासत में मिली है? और आप इस बेश्क़ीमती तोहफ़े को सालों-साल संभाल कर रखना चाहती हैं, ताकि आप भी इसे अपनी अगली पीढ़ी की किसी महिला को दे सकें? तो आप बिल्कुल सही आर्टिकल पढ़ रही हैं. यहां हम आपको साड़ियों की इस तरह साज-संभाल करने के तरीक़े बता रहे हैं, ताकि वे सालों-साल ख़राब न हों और पीढ़ी दर पीढ़ी विरासत को संभालती हुई अगली पीढ़ी तक पहुंच जाएं.
सामान्य नियम, जो हर तरह की साड़ी के लिए अपनाए जाने चाहिए
- जब साड़ी ख़रीदें या आपको साड़ी तोहफ़े में मिले तो उसे धोने के निर्देश ज़रूर पूछ लें.
- जब पहली बार साड़ी को धोएं तो पानी में हल्का सा नमक डालें. इससे साड़ी का रंग नहीं निकलेगा और रंग फीके भी नहीं पड़ेंगे.
- साड़ियों का फ़ैब्रिक नाज़ुक होता है और अधिकतर डिटर्जेंट्स बहुत कठोर होते हैं. ये साड़ी के फ़ैब्रिक पर बुरा असर डालते हैं, जिससे साड़ी के रेश निकल सकते हैं, उनके रंग पर असर भी आ सकता है. यही वजह है कि साड़ी को सौम्य ऑर्गैनिक डिटर्जेंट से धोएं. आप साड़ी धोने के लिए शैम्पू का इस्तेमाल भी कर सकती हैं.
- साड़ियों को कभी भी मशीन में न धोएं. उन्हें धोते समय ब्रश का इस्तेमाल करने से भी बचें. साड़ियों को या तो हाथ से धोया जाना चाहिए या फिर ड्राइक्लीन करवाना चाहिए.
- किसी भी तरह की साड़ी हो, उसे आयरन करते समय बहुत ध्यान रखा जाना चाहिए. साड़ी को दो सूती कपड़ों के बीच रख कर आयरन करना सही रहता है. इससे साड़ी के जलने का कोई ख़तरा नहीं होता.
- साड़ियों को हैंगर पर टांगना सही नहीं रहता, लेकिन यदि आप ऐसा करती हैं तो हर दो-तीन महीने में उनकी तह बदलती रहें.
- प्राकृतिक रेशों से बनी साड़ियों में कीड़े लगने की संभावना बनी रहती है. अत: बहुत ज़रूरी है कि जब आप साड़ियों को रखें तो उनमें नैफ़्थलीन बॉल्स डाल कर रखें.
- यदि साड़ी में दाग़ लग जाए तो इसे ठंडे पानी से निकालने के कोशिश करें. दाग़ हटाने के लिए कपड़े धोने के डिटर्जेंट की बजाय शैम्पू या नहाने के साबुन का इस्तेमाल करें. यदि तेल का दाग़ लग जाए तो पहले इस पर टैल्कम पाउडर डालें. जब यह सूख जाए, तब इसे छुड़ाएं. दाग़ हटाने के लिए आप साड़ी को ड्राइक्लीन भी करवा सकती हैं.
जरी वाली साड़ियों की देखभाल के नियम
- जरी वाली साड़ियों को तह करने के बाद सूती कपड़े के कवर के भीतर रखें.
- हर छह माह के बाद ज़री की साड़ियों को हल्की धूप दिखानी चाहिए. इससे उनमें फ़ंगस नहीं लगती है.
- इसके बाद दोबारा अंदर रखने से पहले साड़ी की तह को पलट दें. इससे ज़री ख़राब नहीं होगी.
सिल्क की साड़ियों के देखभाल के नियम
- सिल्क की साड़ियों को नमी से बचाए रखना ज़रूरी है. इसके लिए इन्हें तह कर के सूती कपड़े के बैग में स्टोर करना चाहिए.
- नमी की वजह से सिल्क की साड़ियों में लगने वाली फ़ंगस से बचाव के लिए सिलिका जेल का इस्तेमाल करें.
- सिल्क की साड़ियों को हैंगर्स पर न टांगें.
भारी काम वाली साड़ियों के देखभाल के नियम
- भारी काम वाली साड़ियों को हैंगर पर बिल्कुल नहीं टांगना चाहिए. यदि आप इन्हें हैंगर पर टांगेंगी तो भारी काम की वजह से साड़ी का नाज़ुक फ़ैब्रिक फट सकता है.
- इन साड़ियों में जहां काम किया गया है उसके पिछले हिस्से पर आपन नेट लगवा सकती हैं, जिससे एम्बेलिशमेंट और धागे न टूटने पाएं और साड़ी सही-सलामत रहे.
- भारी काम वाली साड़ियों को इस तरह तह किया जाना चाहिए कि काम वाला हिस्सा अंदर की ओर रहे.
हमें पूरी उम्मीद है कि आप इन टिप्स को आज़माएंगी और अपनी साड़ियों को भी विरासत में दी जाने वाली साड़ियों में शुमार करवाएंगी.