• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home बुक क्लब नई कहानियां

इज़्ज़त: पूजा भारद्वाज की लघुकथा

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
November 4, 2022
in नई कहानियां, बुक क्लब
A A
इज़्ज़त: पूजा भारद्वाज की लघुकथा
Share on FacebookShare on Twitter

कई बार, कई घटनाओं के बारे में यदि गहराई से सोचा जाए तो हमें समाज के उथले व्यवहार की झलक गहन पीड़ा के साथ नज़र आने लगती है. कुछ इसी तरह की पीड़ा आपको पूजा भारद्वाज की इस लघुकथा दिखाई देगी और उससे उठने वाले सवाल आपको विचारों के जगंल में छोड़ देंगे.

प्रशांत सुबह सुबह उठकर कमरे से बाहर आया ही था कि दरवाज़े से ताऊजी के बड़े बेटे राज भाईसाहब ने अंदर प्रवेश किया.
‘‘अरे! भाईसाहब. राम-राम. इतनी सुबह? कुछ…’’
राज ने बीच में ही प्रशांत की बात काटते हुए कहा,‘‘ हां, ज़रूरी काम है.’’
‘‘तो आप फ़ोन कर देते. मैं ख़ुद चला आता भाईसाहब. आपने तकलीफ़ क्यों की?‘‘ प्रशांत ने कहा.
‘‘नहीं मेरा आना ही ज़रूरी था. फ़ोन पर करने की बात नहीं थी,’’ राज ने गंभीर होते हुए कहा .
‘‘क्या हुआ भाईसाहब?’’ प्रशांत के स्वर में हल्की घबराहट उतर आई.
‘‘जीज जी की डेथ हो गई.’’
‘‘अरे, कब?’’
‘‘आज रात.’’
‘‘कैसे?’’
‘‘हार्ट अटैक से.’’
‘‘ओह!’’
‘‘तो आज वहां चलना है. आधे घंटे में रेडी रहना. गाड़ी घर के बाहर तैयार खड़ी है. इतने समय में मैं परिवार के अन्य लोगों को सूचना देता हूं,’’ राज ने सब एक सांस में बोल दिया.
‘‘लेकिन भाई साहब…’’ प्रशांत अपनी बात पूरी करता इससे पहले ही राज ने उसे बीच में रोक दिया.
‘‘देखो, अभी इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है. ऐसे वक़्त में सब गिले-शिकवे भूल जाने चाहिए. समाज क्या कहेगा? बहन विधवा हो गई और भाई एक बार आकर खड़ा भी न हो सका? जाना तो पड़ेगा, वरना क्या इज़्ज़त रह जाएगी चार लोगों में? ठीक है, तुम तैयार हो जाओ. लेट न करना.अं तिम संस्कार के वक़्त पहुंच जाना है,‘‘ यह कहकर राज तुरंत चला गया.

लेकिन प्रशांत वहीं जड़वत खड़ा रहा. ये सोचते हुए कि अजीब रवायतें हैं दुनिया की? जीते जी किसी से मिलने के लिए कभी भले एक घंटा ना निकाल सके, लेकिन मरने के बाद सगे-संबंधियों व मोहल्ले वालों की गाड़ी भरकर मातम मना लेने का वक़्त ज़रूर निकाल लेते हैं लोग.

इन्हें भीपढ़ें

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों: सफ़दर हाशमी की कविता

पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों: सफ़दर हाशमी की कविता

September 24, 2024

जीजी से पिछले बीस वर्षों से संबंध विच्छेद हैं भाई साहब के. किसी भी ग़म-ख़ुशी में इन सालों के दौरान आना-जाना नहीं हुआ. जीजाजी पिछले पांच सालों से गंभीर बीमार थे, लेकिन भाई साहब ने कभी एक फ़ोन नहीं किया आज तक.

जीजी से उसकी और उसकी पत्नी की बातें फ़ोन पर कभी-कभार होती रहती हैं. कितनी पीड़ा होती है जीजी को इस बात की कि मायका होते हुए भी उनका मायका नहीं रहा. यह दुख तो केवल जीजी ही समझ सकती हैं, भाई साहब नहीं. जिस जीजी से बीस वर्षों से कभी एक शब्द नहीं कहा, देखा नहीं उनकी तरफ़, आज अचानक यूं सारे परिवार को लेकर धमक जाएंगे उनके घर. किस मुंह से?

सिर्फ़ समाज के खोखले रिवाज़ों का आलंबन लेकर? मनुष्यता का कैसा निम्न स्तर है ये?
हमारे प्रेम, परवाह, वक़्त, बातों की ज़रूरत व्यक्ति को जीवन के समय होती है. मरने के बाद बहे आंसू मृत देह के किस काम के? बेवक़्त और ग़ैरज़रूरत बहा ये नमकीन पानी कब किसी के मन को ठंडक दे पाया है?

कितना अच्छा हो कि हम ज़िंदा रहते इंसान से सभी गिले-शिकवे भूलकर मिलें. जाना तो सभी को है. कोई भी मालिक नहीं इस जहान का तो फिर कैसी कड़वाहट? किसी के मरने के बाद निभाए जाने वाले दिखावों से बेहतर है कि हम उस इंसान से सब अच्छा-बुरा भूल कर कुछ पल बात कर लें. यह सब सोचते-सोचते उसके विचारक्रम को तब ब्रेक लगा जब पत्नी की चाय के लिए आवाज़ आई.

उसने गहरी सांस ली, सिर को झटका और जल्दी से तैयार होने चल दिया, क्योंकि आज तो समय पर पहुंचना बेहद ज़रूरी था, ज़रूरी है. आख़िर भाई साहब की चार लोगों के बीच इज़्ज़त का सवाल जो है!

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट, Katherineg

 

Tags: fictionIzzatshort storystoryइज़्ज़तकहानीछोटी कहानीफ़िक्शनलघुकथाशॉर्ट स्टोरीस्टोरी
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

ग्लैमर, नशे और भटकाव की युवा दास्तां है ज़ायरा
बुक क्लब

ग्लैमर, नशे और भटकाव की युवा दास्तां है ज़ायरा

September 9, 2024
लोकतंत्र की एक सुबह: कमल जीत चौधरी की कविता
कविताएं

लोकतंत्र की एक सुबह: कमल जीत चौधरी की कविता

August 14, 2024
बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले: भवानी प्रसाद मिश्र की कविता
कविताएं

बहुत नहीं सिर्फ़ चार कौए थे काले: भवानी प्रसाद मिश्र की कविता

August 12, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.