परवीन शाकिर पाकिस्तान की बेहद लोकप्रिय शायर हैं, जिन्हें हमारे देश में बहुत पसंद किया जाता है. उनकी इस ग़ज़ल में आपको इश्क़ के कई रंग सहज ही दिखाई दे जाएंगे.
कू-ब-कू फैल गई बात शनासाई की
उस ने ख़ुशबू की तरह मेरी पज़ीराई की
तेरा पहलू तिरे दिल की तरह आबाद रहे
तुझ पे गुज़रे न क़यामत शब-ए-तन्हाई की
वो कहीं भी गया लौटा तो मिरे पास आया
बस यही बात है अच्छी मिरे हरजाई की
कैसे कह दूँ कि मुझे छोड़ दिया है उस ने
बात तो सच है मगर बात है रुस्वाई की
उस ने जलती हुई पेशानी पे जब हाथ रखा
रूह तक आ गई तासीर मसीहाई की
अब भी बरसात की रातों में बदन टूटता है
जाग उठती हैं अजब ख़्वाहिशें अंगड़ाई की
फ़ोटो साभार: पिन्टरेस्ट