‘वज़न कम करना’ आज ज़्यादातर लोगों की दिली इच्छा ही नहीं ज़रूरत भी बन गई है, क्योंकि बढ़ा हुआ वज़न हमारे शरीर की उम्र को कम करता है. डॉ अबरार मुल्तानी बता रहे हैं कैसे आप बिना किसी ख़ास डायट को फ़ॉलो किए, पानी पीने के सही तरीक़े को अपनाकर अपना वज़न कम कर सकते हैं.
अमेरिकी कवि, दार्शनिक और प्रकृतिवादी हेनरी डेविड थोरो ने कहा था,‘जल ही ज्ञानियों का एकमात्र पेय है’. आगे चलकर पानी पर हुए कई शोधों में इस बात की पुष्टि हो गई पानी क्यों सबसे ज़रूरी पेय पदार्थ क्यों माना जाता है. बिना स्वाद और रंग वाले इस द्रव्य को क्यों जीवन कहा जाता है. इस धरती पर पानी एकमात्र ऐसा महानतम् पेय है, जिसमें कोई कैलोरी नहीं होती, लेकिन इसमें पोषक तत्वों का भण्डार होता है. पानी वज़न कम करने या मोटापे को हटाने का एक प्रबल अस्त्र है, अस्त्र इसलिए कि इसे आपको धारण करना पड़ेगा. आइए सीखते हैं, इसे धारण करने का सही तरीक़ा.
कितना पानी पिएं?
पानी कितना पीना चाहिए इसको लेकर मतभेद होता रहता है. आपके लिए पानी की कितनी मात्रा पर्याप्त हो सकती है, यह आपके वज़न पर निर्भर होता है. आप अपने वज़न को 10 से भाग दीजिए और जो संख्या आए उतना पानी आपको रोज़ाना पीना चाहिए, जैसे यदि आपका वज़न 80 किलो है तो आपको 8 लीटर पानी 24 घण्टों में पीना चाहिए, ऐसे ही यदि आपका वज़न 100 किलो है तो आपको 10 लीटर पानी पीना पड़ेगा.
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वसा का नियंत्रण किडनी द्वारा ही किया जाता है इसलिए यदि हम पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं तो किडनी सही से कार्य करती है, जिससे कि वसा का पाचन सही प्रकार होता है. लेकिन याद रहे ज़रूरत से ज़्यादा पानी भी न पिएं, क्योंकि पानी कफ़ को बढ़ाता है, इसलिए वज़न के अनुसार पानी की मात्रा निर्धारित करना सर्वश्रेष्ठ है. तो अपना वज़न करें और पानी की मात्रा निर्धारित करें.
कब और कैसे पानी पीना चाहिए?
आपके आसपास कई ऐसे लोग होंगे, जो पानी तो ख़ूब पीते हैं, पर उनका वज़न कम नहीं होता. इसमें पानी की ग़लती नहीं है. पानी पीने के समय और तरीक़े में गड़बड़ है. ज़्यादातर लोग सुबह उठकर ख़ाली पेट पानी पीते हैं. सुबह उठकर ख़ाली पेट पानी पीना मोटापावर्धक है इसलिए, सुबह गुनगुने पानी में शहद और नींबू का रस मिलाकर पिएं. नींबू और शहद मिलकर शरीर में अतिरिक्त वसा को घोलने में मदद करते हैं, इसलिए सुबह उठकर गर्म पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीना लाभदायक होता है.
खाना और पानी का क्या है कनेक्शन?
मोटापा घटाने और स्वस्थ रहने के लिए भी हमें क़रीब आठ से दस गिलास पानी रोज़ पीना चाहिए, लेकिन ध्यान रहे कि भोजन करने के तुरन्त बाद पानी न पिएं. यह पेट पर चर्बी जमने के प्रमुख कारणों में से एक है. अत्यधिक भूख को शांत या नियंत्रित करने के लिए भी पानी एक अच्छा साधन है. खाना खाने के लगभग 40 मिनट तक पानी न पिएं, जिससे कि खाना अच्छे से पचे, क्योंकि भोजन के तुरंत बाद पानी पीने से हमारे डायजेस्टिव ज्यूस की सांद्रता (कॉन्सन्ट्रेशन) नष्ट हो जाती है और भोजन अधपचा रह जाता है, जो कि मोटापावर्धक होता है.
आप जब भी भोजन करें, उससे पहले एक गिलास पानी पी लें. इससे आप ज़रूरत से ज़्यादा भोजन नहीं ग्रहण करेंगे. भोजन के एक घंटे बाद पानी पिएं. ध्यान रहे कि यदि आपको मोटापा घटाना है तो पानी का यह गिलास गर्म पानी का होना चाहिए. जी हां, भोजन के एक घंटे बाद एक गिलास पानी. पानी बहुत गर्म नहीं, बस इतना गर्म हो कि आप आसानी से पी सकें. इस पानी को धीरे-धीरे घूंट-घूंट कर पिएं. रोज़ इन दोनों विधियों को अपनाएं, एक महीने में बहुत ही सुखद नतीजा आपके सामने होगा.
ज़ीरो कैलोरी वाला पानी आपकी कैलोरी कम करने में मददगार है
अगर शरीर से मल (अवशिष्ट और दूषित पदार्थ) ठीक ढंग से बाहर न आएं तो शरीर में मोटापा आता है. इसे दूसरे शब्दों में कहें तो तो यदि दूषित पदार्थों को हम शरीर से ठीक ढंग से बाहर निकालने में सफल हो जाएं तो मोटापे को मात दे सकते हैं. कुछ अध्ययनों में यह भी पता चला है कि यदि आप रोज़ाना आठ से दस गिलास पानी पीते हैं, तो आप रोज़ाना भोजन के रूप में क़रीब 200 कैलोरी ऊर्जा कम ग्रहण करेंगे यानी हफ़्ते में क़रीब 1,400 कैलोरी ऊर्जा का कम सेवन. आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि ज़्यादा पानी और उसके फलस्वरूप ज़्यादा मूत्र-त्याग का वज़न घटने से सीधा संबंध है.
यदि शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी रहता है तो शरीर के सभी काम अपने उच्चतम स्तर पर होते हैं. इसी के साथ यदि पानी गर्म हो तो वह शरीर के कोर तापमान को बढ़ा देता है और ऐसी स्थिति में ज़्यादा कैलोरी का व्यय होता है. यदि हम दिन भर गर्म पानी ही पिएं तो शरीर की मेटाबोलिक दर 30 फ़ीसदी तक बढ़ जाती है, जो कैलोरी के व्यय का प्रमुख कारण बनती है और मोटापे को हराने का एक प्रबल अस्त्र.
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