• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home लाइफ़स्टाइल ट्रैवल

आइए चलें जन्नत के टुकड़े ऑकलैंड की सैर पर

डॉ दीप्ति गुप्ता by डॉ दीप्ति गुप्ता
February 8, 2021
in ट्रैवल, लाइफ़स्टाइल
A A
आइए चलें जन्नत के टुकड़े ऑकलैंड की सैर पर
Share on FacebookShare on Twitter

गर फ़िरदौस बर्-रूए-ज़मीन अस्त
हमीं अस्त, हमीं अस्तो, हमीं अस्त!
अगर कहूं कि ऑकलैंड पर यह शेर पूरी तरह सही उतरता है तो अत्युक्ति नहीं होगी! प्रशान्त महासागर में ऑस्ट्रेलिया के पास स्थित, धरती पर जन्नत का टुकड़ा-सा, दुनिया के सबसे ख़ूबसूरत देशों में से एक है-न्यूज़ीलैंड! और इस देश का ख़ास शहर है ऑकलैंड.

सालभर पहले मैं तीन महीने इस जन्नत-सी जगह में अपनी बेटी के पास रही! न्यूज़ीलैंड के उत्तरी भाग में बसा, इस देश का एक चमचमाता शहर ‘ऑकलैंड’. इसे न्यूज़ीलैंड की शान, मान और जान के रूप में जाना जाता है! यह इस देश का विशालतम शहर है. विविध संस्कृतियों की नगरी ऑकलैंड दुनिया की पौलीनेशियन आबादी के लिए बसने का सबसे प्रिय और मनभावन स्थान है.

अक्सर लोगों को कहते सुना है कि लम्बी हवाई यात्रा के बाद आठ-दस दिन तक जेट-लेग रहता है, पर इसे इस शहर की आबो-हवा का असर कहूं या बेटी से मिलने की ख़ुशी कहूं, बहरहाल, जो भी कारण रहा हो, मुझे जेट-लेग महसूस ही नहीं हुआ! मैं वहां रात ग्यारह बजे पहुंचने के बाद, अगले दिन सुबह बिना किसी थकावट के वहां की ख़ुशगवार सुबह के साथ, ताज़गी से भरी हुई उठी! सुबह की चाय पर, दिन का प्रोग्राम बना कि उस दिन अधिक दूर नहीं, बल्कि आस-पास एक दो स्थानों पे और मुख्य रूप से घर के पास नीचे ही समुद्र किनारे लम्बी सैर के लिए जाएगें. वहां जगह-जगह पसरे समुद्रों की सफ़ाई का इतना ध्यान रखा जाता है कि उनका स्वच्छ चमचमाता हल्का नीला जल सहज ही मन मोह लेता है! बेटी और मैं शान्त सड़क पर टहलते हुए, सागर तीरे पहुंचे तो ठंडी हवाओं ने हमारे गले लगते हुए स्वागत किया. सूरज के डूबने तक, उस ख़ूबसूरत नज़ारे को देखने के लिए हम देर तक टहलने के बाद, वहां सीमेंट की बनी एक बेंच पर बैठ गए. धीरे-धीरे अस्ताचल को जाता कुछ लाल, कुछ नारंगी सूरज, आस-पास की हर चीज़ को अपनी लालिमा में रंगते हुए समुद्र में ऐसे समाता चला गया जैसे कोई योगी धीरे-धीरे ‘जल-समाधि’ ले रहा हो. उस समय ईश्वर की चहुं ओर विद्यमानता को लेकर लिखा गया कबीर का यह दोहा सहसा ही मुझे याद आ गया- ‘’ लाली मेरे लाल की जित देखूं, तित लाल। लाली देखन मैं गई, मैं भी हो गई लाल।।’’ वहां के प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में बाते करते हुए हम टहलते हुए कब घर आ गए पता ही नहीं चला.

इन्हें भीपढ़ें

आइए, चीन के हांग्ज़ोउ शहर की सैर पर चलें

आइए, चीन के हांग्ज़ोउ शहर की सैर पर चलें

December 7, 2023
पर्यटन पर ख़ूब जाइए, पर अपने कार्बन फ़ुटप्रिंट पर कसिए लगाम

पर्यटन पर ख़ूब जाइए, पर अपने कार्बन फ़ुटप्रिंट पर कसिए लगाम

October 12, 2023
‘ईद-ए-मिलादुन नबी’ के तौर-तरीक़े क्यों बदल रहे हैं?

‘ईद-ए-मिलादुन नबी’ के तौर-तरीक़े क्यों बदल रहे हैं?

September 27, 2023
पुस्तक आलोचना के गुर सीखें

पुस्तक आलोचना के गुर सीखें

September 5, 2023

मूल निवासी और भूगोल: दो दिन बाद रात के खाने पर ऑकलैंड के बारे में बातचीत करते हुए, बेटी ने बताया कि यहां के मूल निवासी ‘माओरी’ जनजाति के लोगों की स्थानीय “माओरी भाषा” में, ऑकलैंड का नाम “तमाकी” या “सौ प्रेमियों वाला तमाकी” (Tamaki-makau-rau= Tamaki with hundred lovers) है. यह नाम, यहां चारों दिशाओं में सैकड़ों जलधारा-केन्द्रों पर मिलने वाली उस उपजाऊ भूमि के कारण है, जहां सब बसना चाहते हैं. यह शहर, उत्तर में ‘वेवैरा’, उत्तर-पश्चिम में “कुमू” और दक्षिण में “रुंसीमॉन” तक फैला हुआ है. इन रोचक बातों के बीच खिड़की से आए, ठंडी हवा के झोके ने मुझे सिहरा दिया. उस सर्द लहर से मैं, ऑकलैंड की भौगोलिक स्थिति को जानने के लिए उत्सुक हो उठी और मैंने बेटी मानसी से इस बारे में कुछ बताने के लिए कहा. वह बोली, ‘कॉफ़ी बना लाती हूं, फिर कॉफ़ी पीते हुए यहां की ज्योग्राफ़ी पर बात करेगें.’ कुछ ही देर में, मानसी ने गरम-गरम कॉफ़ी का कप मुझे पकड़ाते हुए, मेरे पास सोफ़े पर बैठ कर, कॉफ़ी की चुस्कियों के साथ किसी भूगोलवेत्ता की तरह मुझे बताना शुरू किया- ऑकलैंड प्रशान्त महासागर के पूर्व में “हॉराकी खाड़ी”, दक्षिण-पूर्व में “हुना”, दक्षिण-पश्चिम में “मनुकाऊ बन्दरगाह” व “वाइटाकरे” क्षेत्र और थोड़ा हिस्सा पश्चिम व उत्तर-पश्चिम तक पसरा हुआ है. शहरी क्षेत्र के मध्य भाग, तस्मान सागर पर “मनुकाऊ बन्दरगाह” और प्रशान्त महासागर में “वेटाइमैटा बन्दरगाह” के बीच, संकरे “स्थलडमरूमध्य” तक जाता है. ऑकलैंड पुल अपनी लम्बाई और चौड़ाई से, दोनों बन्दरगाहों को अलग दो हिस्सों में बांटता है .”ऑकलैंड हार्बर ब्रिज”, ऑकलैंड सेन्ट्रल बिज़नैस डिस्ट्रिक (CBD) के पश्चिम में ‘वाईतामाता’ बन्दरगाह के आरपार जाता है. यह शहर, स्थलडमरूमध्य पर और उसके आसपास ‘मान्गेरे’ प्रवेश मार्ग और तमाकी नदी के मध्य, अपने सबसे सकरे बिन्दु पर, लगभग दो किलोमीटर से भी कम की चौड़ाई में फैला हुआ है. मैं बेटी से उस शहर के भूगोल की इतनी सूक्ष्म जानकारी पाकर मन ही मन चकित थी कि तभी वह बोली कि ऑकलैंड का कुल समुद्र तट लगभग 3000 किलो मीटर लम्बा है. “माउन्गेरे ब्रिज” और “अपर हार्बर ब्रिज” क्रमश: ‘मानुकाऊ’ और ‘वाईतामाता’ के उपरी हिस्से से लगे हुए स्थित है. पहले के समय में, भारवाहन पथ, स्थलडमरूमध्य के सकरे से सकरे हिस्सों को भी पार करते थे. मेरे मनोभाव देख कर एक पल के विराम के बाद वह बोली- इतनी चकित क्यों हो मम्मी? तेरह-चौदह वर्षों से यहां रह रही हूं तो ये सब जानकारियां और नाम आदि सहज ही मेरे ज़हन मे अंकित है! यहां के नाम तुमको अटपटे से लग सकते हैं, लेकिन बार-बार कानों से गुज़रेगें तो सामान्य लगने लगेंगे और स्मृति में भी बैठ जाएंगे. उसने आगे बताना शुरू किया कि हौराकी खाड़ी के कुछ द्वीप, ऑकलैंड के अंग माने जाते हैं, जबकि वे ऑकलैंड मैट्रोपॉलिटन क्षेत्र के अन्तर्गत नहीं हैं. ‘वाहीके द्वीप’ के हिस्से ऑकलैंड के क़स्बों की तरह हैं तथा ऑकलैंड के पास के विविध छोटे-छोटे द्वीप, मनोरंजन के खुले स्थान और प्राकृतिक सैंच्युरी (पशु-पक्षियों की शरणस्थली) के रूप में प्रयुक्त
होते हैं.
उसने बताया कि ऑकलैंड के चारों ओर अपना सुरक्षा घेरा बनाने वाली पहाड़ियां, भारी बारिश वाले घने जंगलों से ढंकी हुई हैं और हरियाली से भरी ज़मीन पर दर्जनों निष्क्रिय ज्वालामुखियों के शंकु छितरे हुए हैं. स्थलडमरूमध्य, जिस पर ऑकलैंड स्थित है, वह सन् 1350 में अस्तित्व में आया था और अपनी उपजाऊ भूमि के लिए जाना गया.
इसी बीच मुझे नींद का सा एहसास हुआ और इसलिए बाक़ी बातें अगले दिन के लिए रोक कर हम सोने चले गए.
क्रमश:
अगली कड़ी में पढ़िए ऑकलैंड के बारे में और भी दिलचस्प जानकारियां

फ़ोटो: इन्स्टाग्राम

Tags: AucklandNew ZealandTravelTravelogueऑकलैंडट्रैवलट्रैवलॉगन्यू ज़ीलैंडन्यूज़ीलैंडयात्रायात्रा संस्मरण
डॉ दीप्ति गुप्ता

डॉ दीप्ति गुप्ता

डॉ दीप्ति गुप्ता पूर्व यूनिवर्सिटी प्रोफ़ेसर हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय,नई दिल्ली, में राष्ट्रपति द्वारा "शिक्षा सलाहकार" पद पर नियुक्त होकर अपनी सेवाएं भी दे चुकी हैं. वे हिन्दी के साथ अंग्रेज़ी में भी समान अधिकार से लिखती हैं. उनकी अंग्रेज़ी की रचनाएं कई नामचीन पत्रिकाओं में प्रकाशित होती रही हैं. उनकी कविताएं विश्व फलक पर चर्चित और पुरस्कृत हो चुकी हैं, विभिन्न देशों की World Poetry Anthology में शामिल होने के साथ-साथ डच, स्पेनिश, रूसी, इटैलियन, पोलिश व जर्मन भाषाओं में उनका अनुवाद भी किया गया है. उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा ‘साहित्य भूषण’ सम्मान, कोलकाता का ‘रवीन्द्रनाथ ठाकुर’ सम्मान, महाराष्ट्र हिन्दी अकादमी  का  'प्रेमचंद सम्मान' और 'भाषा शिरोमणि' जैसे अनेक सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है.

Related Posts

पर्यटन पर जा रहे हैं तो ट्रैवल इंश्योरेंस करवा लें
ज़रूर पढ़ें

पर्यटन पर जा रहे हैं तो ट्रैवल इंश्योरेंस करवा लें

August 18, 2023
job-rejection
करियर-मनी

रिजेक्शन के बाद जॉब पाने की आपकी तैयारी हो और भारी

June 21, 2023
andaman_folk-tale
ज़रूर पढ़ें

ये उन दिनों की बात है, जब पेड़ चला करते थे!

June 6, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.