• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home बुक क्लब कविताएं

रानियां सब जानती हैं: वर्तिका नन्दा की कविता

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
February 3, 2021
in कविताएं, बुक क्लब
A A
रानियां सब जानती हैं: वर्तिका नन्दा की कविता
Share on FacebookShare on Twitter

वर्तिका नन्दा की यह कविता उन रानियों की कहानी है, जिनके पास सारे सच तो थे, पर ज़ुबां बंद थी. सुख-सुविधाओं की चारदीवारी में क़ैद की गई रानियों के दिल की बात है यह कविता.

उनकी आंखों में सपने तैरते ही नहीं

वे भारी पलकों से रियासतें देखती हैं
सत्ताओं के खेल
राजा की चौसर

इन्हें भीपढ़ें

friendship

ज़िंदगी का सरमाया: शकील अहमद की ग़ज़ल

April 22, 2025
kid-reading-news-paper

ख़ज़ाना कौन सा उस पार होगा: राजेश रेड्डी की ग़ज़ल

April 21, 2025
इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025

वे इंतज़ार करती हैं
अपने चीर हरण का
या फिर आहुति देने का

वे जानती हैं
दीवार के उस पार से होने वाला हमला
तबाह करेगा सबसे पहले
उनकी ही दुनिया

पर वे यह भी जानती हैं
गुलाब जल से चमकती काया
मालिशें
ख़ुशबुएं
ये सब चक्रव्यूह हैं

वे जानती हैं
पत्थर की इन दीवारों में कोई रौशनदान नहीं
और पायल की आवाज़ में इतना ज़ोर नहीं

चीखें यहीं दबेंगी
आंसू यहीं चिपकेंगे
मकबरे यहीं बनेंगे

तारीख़ें यहीं बदलेंगी
पर उनकी क़िस्मत नहीं
रानियां बुदबुदाती हैं
गर्म दिनों में सर्द आहें भरती हैं
सुराही सी दिखकर
सुखी रहती हैं-अन्दर, बहुत अन्दर तक

राजा नहीं जानते
दर्द के हिचकोले लेती यही आहें
सियासतों को, तख़्तों को,
मिट्टी में मिला देती हैं एक दिन

राजा सोचा करते हैं
दीवारें मज़बूत होंगी
तो वे भी टिके रहेंगे

राजा को क्या पता
रानी में ख़ुशी की छलक होगी
मन में इबादत और
हथेली में सच्चे प्रेम की मेहंदी
तभी टिकेगी सियासत

रानियां सब जानती हैं
पर चुप रहती हैं
आंखों के नीचे
गहरे काले धब्बे
भारी लहंगे से रिसता हुआ ख़ून
थका दिल
रानी के साथ चलता है
तो समय का पहिया कंपकंपा जाता है

सियासतें कंपकंपा जाती हैं
तो राजा लगते हैं दहाड़ने
इस कम्पन का स्रोत जानने की नर्माहट
राजा के पास कहां है

रानियां जो जानती हैं
वे राजा नहीं जानते
न बेटे
न दासियां

हरम के अन्दर हरम
हरम के अन्दर हरम
तालों में
सीखचों में
पहरे में

हवा तक बाहर ठहरती है
और सुख भी

रानियां सब जानती हैं
पर मुस्कुराती हैं
मुस्कुराहट चस्पां है
बाक़ी भाव भी बाहर हैं पत्थरों की दीवारों के
दफ़न होंगे यहीं

रानियां जानती हैं
चाहे कितनी ही बार लिखे जाएं इतिहास
फटे हुए ये पन्ने उड़कर बाहर जा नहीं पाएंगे

रानियों के पास सेना नहीं है
सत्ता नहीं
राजपाट भी नहीं
लेकिन उनके पास सच है

मगर अफ़सोस!
सच के सन्दूकों की चाबी भी
राजा के ही पास है

हां, रानियां ये भी जानती हैं


कवयित्री: वर्तिका नन्दा
कविता संग्रह: रानियां सब जानती हैं
प्रकाशक: वाणी प्रकाशन
Illustration: Raja Ravi Verma Painting by Pinterest

Tags: Aaj ki KavitaHindi KavitaHindi PoemKavitaPoem Collection Raniyan Sab Janti HainRaniyan Sab Janti Hain by Vartika NandaVani PrakashanVartika NandaVartika Nanda Poetryआज की कविताकविताकविता संग्रह रानियां सब जानती हैंरानियां सब जानती हैंरानियां सब जानती हैं वर्तिका नन्दावर्तिका नन्दावर्तिका नन्दा की कवितावाणी प्रकाशनहिंदी कविता
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

democratic-king
ज़रूर पढ़ें

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों: सफ़दर हाशमी की कविता
कविताएं

पढ़ना-लिखना सीखो ओ मेहनत करने वालों: सफ़दर हाशमी की कविता

September 24, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.