• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home ओए एंटरटेन्मेंट

मेकाना’ज़ गोल्ड: ज़बरदस्त थ्रिलर, रोमांच और ऐक्शन से भरी फ़िल्म

जयंती रंगनाथन by जयंती रंगनाथन
April 18, 2021
in ओए एंटरटेन्मेंट, रिव्यूज़
A A
मेकाना’ज़ गोल्ड: ज़बरदस्त थ्रिलर, रोमांच और ऐक्शन से भरी फ़िल्म
Share on FacebookShare on Twitter

हर जो फ़िल्म दिल पर छा जाए, वो क्लासिक ही हो, सुपरहिट ही हो यह ज़रूरी नहीं. यह वक़्त और संदर्भ की भी बात है. जिस वक़्त आप कोई ख़ास फ़िल्म देखते हैं, उस समय आप कहां हैं, आपकी मानसिक स्थिति कैसी है, आप क्या देखना चाहते हैं, यह सबकुछ निर्भर करता है. मुझे इस समय रोड मूवी, थ्रिलर, वेस्टर्न, ऑटोबायोग्राफ़ी वगैरह पसंद आ रही हैं. पर जब मैं अपनी पसंदीदा फ़िल्मों की फ़ेहरिस्त ले कर बैठी हूं, तो दूसरे नंबर पर ऐसी फ़िल्म का नाम आ रहा है, जिसका बड़ा कैनवास देख कर मैं अभिभूत हो गई थी. यह पहली हॉलीवुड फ़िल्म थी जो मैंने दांत भींच कर, चौकन्नी हो कर, हर पल सीट पर करवट बदलते देखा था. फ़िल्म थी मेकाना’ज़ गोल्ड.

यह अमेरिकन वेस्टर्न फ़िल्म 1969 में रिलीज़ हुई थी, पर मैंने देखी थी 1981 में. भिलाई में मैं, अम्मा और भाई रवि लगभग हर सप्ताह फ़िल्म देखने जाते थे. अम्मा को शुरू से अंग्रेज़ी फ़िल्में देखने का शौक़ था. जब तक अप्पा थे, वो उनके साथ जाती थी, ज़्यादातर नाइट शोज़. उसके बाद मैं और भाई उनकी कंपनी हो गए. तब तक हम एडल्ट इंग्लिश फ़िल्म देखने लायक भी हो गए थे. भिलाई में चित्र मंदिर में नई इंग्लिश फ़िल्में लगती थीं. पुरानी फ़िल्में सेक्टर एक में नेहरू सेंटर में भी कभी-कभी आ जाती थी. नेहरू सेंटर में वो मेरी पहली फ़िल्म थी. बारिशों वाले दिन थे. अम्मा यह फ़िल्म पहले देख चुकी थीं. पर चाहती थीं कि मैं और रवि भी देखें.
अब आते हैं फ़िल्म पर. मेकाना’ज गोल्ड में उस वक़्त के चर्चित सितारे ओमर शरीफ़ एक खूंखार मैक्सिकन जॉन कोलेरेडो की भूमिका में हैं. बंदे का एक ही मकसद है सोने के पहाड़ का ट्रेजर हंट करके रातोंरात अमीर बनना. अपने इस मकसद के लिए जॉन किसी का भी ख़ून कर सकता है. हीरो हैं बेहद हैंडसम ग्रेगरी पैक, जो बने हैं मार्शल मेकाना. यह फ़िल्म इसी नाम के विल हेनरी के फ़ेमस उपन्यास पर आधारित है. अपाचे इंडियन के पास ऐसे सोने के ख़ज़ाने का नक्शा है, जो बेशक़ीमती और बेशुमार है. सालों से कई गुट इस नक्शे को हथियाने के पीछे लगे हैं. मार्शल ख़ुद भी एक समय सोने के पीछे था. पर अब वो नहीं चाहता. एक हादसे में उसका सामना एक अपाचे से होता है. नक्शा मार्शल मेकाना के हाथ में आता है. पर वो उसे जला देता है. जॉन वहां पहुंचता है और मेकाना को अपने क़ब्जे में कर लेता है. अब मेकाना का काम है जॉन को उसकी मंज़िल तक पहुंचाना. इस गेम में धीरे-धीरे और भी कइयां लोग जुड़ते चलते हैं जो सोने के पीछे हैं. जॉन सबको शामिल कर लेता है ताकि रास्ते में उन्हें रेड इंडियन और अपाचे से दिक़्क़त ना आए. मंजिल तक पहुंचने के बाद सबको जॉन की मंशा पता चल जाती है जब वो एक-एक करके अपने सभी साथियों का क़त्ल कर देता है. बच जाता है मेकाना.
उनके सामने है सोने की पहाड़ियां. इतना सोना कि आंखें चौंधिया जाएं. पर पुरानी अपाचे मान्यता के अनुसार गोलियों और घोड़ों की आवाज़ से पहाड़ हिलने लगते हैं और पल भर में सब तहस-नहस हो जाता है. जॉन के हाथ कुछ नहीं लगता. अंतिम सीन में कैमरा मार्शल मेकाना के घोड़े की तरफ ज़ूम करता है, जहां सोने का एक और लालची सार्जेंट टिब्स जो जॉन के हाथों मारा जाता है, (बेहतरीन कलाकार टैली सवालास) ने सैडल बैग में सोने की कई ईंटें छिपाई हुई थीं. यानी मेकाना के हिस्से थोड़ा ही सही, गोल्ड तो आ ही गया.
इस रोमांचक ट्रेजर हंट थ्रिलर में महिला किरदारों का छौंक भर का काम है. अपाचे महिला हेश के (जूली न्यूमार) मार्शल के लव इंटरेस्ट की और एक जांबाज़ लड़की की भूमिका में जमी है.
इस फ़िल्म में ओमर शरीफ़ की खलनायकी देखकर आप गब्बर-मोगैम्बो सबको भूल जाएंगे. ओमर शरीफ़ का चेहरा बेहद आकर्षक है, मुलायम और चमकदार, और उनकी आंखें उफ़ तौबा. ग्रेगरी पैक के बारे में क्या कहूं? तराशा हुआ चेहरा. उनके चेहरे पर बेचारगी भी ग़ज़ब सूट करती है.
मुझे फ़िल्म का हर क्षण रोमांचक लगा. अंतिम दृश्य जिसमें अचानक सोने के चमकते पहाड़ आपकी आंखों के सामने आते हैं तो मन करता है उछल ही पड़ो. आंखों को चौंधियाता हुआ पहाड़. उस समय तक मैंने टेक्नीकली इतनी शानदार फ़िल्में नहीं देखी थीं. मेकाना’ज़ गोल्ड देखने के बाद जब हम नेहरू सेंटर से बाहर निकले, तो रात होने लगी थी. बारिश हो रही थी. हम सबको ज़बरदस्त भूख लगी थी. वहां कैंटीन नहीं था और खाने-पीने को कुछ नहीं मिलता था. अम्मा ने कहा कि जल्दी से रिक्शा ले कर घर पहुंचते हैं. हम भूखे घर लौटे थे. पर मैं और रवि ऐसा महसूस कर रहे थे जैसे मेकाना’ज़ के साथ हम किसी एडवेंचर पर जा कर लौट आए हों. पेट में वैसे ही उठते बगोले और दिल की बढ़ी हुई धड़कन. ये तो याद नहीं कि उस दिन घर जा कर क्या खाया, पर हां कई दिनों तक इस फ़िल्म के सम्मोहन से बंधी रही. आज भी हूं.

इन्हें भीपढ़ें

vadh

वध: शानदार अभिनय और बढ़िया निर्देशन

February 7, 2023
an-action-hero

वन टाइम वॉच है- ऐन ऐक्शन हीरो

February 1, 2023
पठान, पठान-विवाद और समीक्षा: इससे ज़्यादा नग्नता तो हम ओटीटी पर देख रहे हैं!

पठान, पठान-विवाद और समीक्षा: इससे ज़्यादा नग्नता तो हम ओटीटी पर देख रहे हैं!

January 30, 2023
देशप्रेम का पाठ पढ़ानेवाली 10 बॉलिवुड मूवीज़

देशप्रेम का पाठ पढ़ानेवाली 10 बॉलिवुड मूवीज़

January 26, 2023

मेकाना’ज़ गोल्ड से जुड़े दिलचस्प क़िस्से
ओमर शरीफ़ इजिप्ट के हैं और अपने समय में विश्व के टॉप पांच ब्रिज के खिलाड़ियों में उनका नाम शुमार था. इस फ़िल्म के लिए उन्हें आठ लाख डॉलर का पारिश्रमिक दिया गया, जो उस समय हॉलिवुड के लिहाज़ से भी बहुत ज़्यादा था.
निर्देशक जे. ली. थॉम्पसन हीरो की भूमिका में उस समय के सुपर स्टार क्लिंट ईस्टवुड को साइन करना चाहते थे. पर क्लिंट ने यह कह कर काम करने से मना कर दिया कि उन्हें कहानी में मज़ा नहीं आया. इसके बाद निर्देशक ने स्टीव मैक्वीन से संपर्क किया. पर बाद में ग्रेगरी पैक करने को तैयार हो गए. फ़िल्म जब रिलीज हुई तो अमेरिका में पिट गई. लेकिन सोवियत यूनियन, यूरोप और एशिया में धूम मचाने लगी. रूस में इस फ़िल्म में सफलता के ऐसे झंडे गाड़े कि आज भी मेकाना’ज़ गोल्ड वहां की सबसे क़ामयाब फ़िल्म मानी जाती है.
फ़िल्म का संगीत भी ख़ूब लोकप्रिय हुआ था. क्लासिक टाइटल सॉन्ग old turkey buzzard को कंपोज किया था Quicy Jones ने, यह गाना सबके सिर चढ़ कर बोलने लगा था. एक बात और यही जोन्स थे, जिन्होंने कुछ सालों बाद माइकल जैक्सन का नंबर वन एल्बम thriller को प्रोड्यूस किया था जिसे 10 ग्रेमी अवॉर्ड्स मिले थे.

इस फ़िल्म को क्यों देखें: ज़बरदस्त थ्रिलर, रोमांच और ऐक्शन के लिए

कहां देखें: अमेज़ॉन पर

Tags: 30 days 30 films30 दिन 30 फिल्मेंmackenna's goldकल्ट क्लासिक फिल्मेंजयंती रंगनाथनपुरानी फिल्मेंफिल्म रिव्यूफिल्म समीक्षाफिल्में और ज़िंदगीमेकाना’ज़ गोल्ड
जयंती रंगनाथन

जयंती रंगनाथन

वरिष्ठ पत्रकार जयंती रंगनाथन ने धर्मयुग, सोनी एंटरटेन्मेंट टेलीविज़न, वनिता और अमर उजाला जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में काम किया है. पिछले दस वर्षों से वे दैनिक हिंदुस्तान में एग्ज़ेक्यूटिव एडिटर हैं. उनके पांच उपन्यास और तीन कहानी संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं. देश का पहला फ़ेसबुक उपन्यास भी उनकी संकल्पना थी और यह उनके संपादन में छपा. बच्चों पर लिखी उनकी 100 से अधिक कहानियां रेडियो, टीवी, पत्रिकाओं और ऑडियोबुक के रूप में प्रकाशित-प्रसारित हो चुकी हैं.

Related Posts

doctor-G
ओए एंटरटेन्मेंट

गहरे मुद्दे को हल्के-फुल्के तरीक़े से उठाती शानदार फ़िल्म है ‘डॉक्टर G’

November 28, 2022
good-bye-movie
ओए एंटरटेन्मेंट

और बेहतर तरीक़े से हो सकता था ‘गुड बाय’

November 26, 2022
maya-memsaab
ओए एंटरटेन्मेंट

माया मेमसाब: जादुई सी कहानी वाली ऐसी फ़िल्म जिसमें शाहरुख़ ख़ान के बोल्ड सीन भी थे

November 2, 2022
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist