• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home ओए एंटरटेन्मेंट इंटरव्यूज़

किरदारों की लंबाई नहीं, गहराई देखती हैं श्वेता त्रिपाठी

प्रिया श्रीवास्तव by प्रिया श्रीवास्तव
May 31, 2021
in इंटरव्यूज़, ओए एंटरटेन्मेंट
A A
किरदारों की लंबाई नहीं, गहराई देखती हैं श्वेता त्रिपाठी
Share on FacebookShare on Twitter

यूं तो एक दशक से ज़्यादा समय से श्वेता त्रिपाठी टीवी, फ़िल्मों और वेब सिरीज़ में सक्रिय हैं. रोल की लंबाई नहीं, गहराई में यक़ीन रखनेवाली श्वेता को पिछले दिनों चर्चित वेब सिरीज़ मिर्ज़ापुर ने नई पहचान दिलाई. आजकल क्या कर रही है यह टैलेंटेड अदाकारा हमने जानने की कोशिश की, एक छोटे-से टेलिफ़ोनिक इंटरव्यू के दौरान.

श्वेता त्रिपाठी से हमारी बातचीत का रुख़ उनके पसंदीदा किरदारों के साथ-साथ ओटीटी प्लैटफ़ॉर्म पर बढ़ रही बड़े सितारों की भीड़ समेत कोरोना काल में शूटिंग के दौरान की मुश्क़िलों की ओर भी मुड़ा.

क्या आपको लगता है कि बड़े कलाकारों का ओटीटी का रुख़ करना, उन स्वतंत्र फ़िल्मकारों के लिए ख़तरे की घंटी है, जिन्होंने अपनी मेहनत और अनूठी सोच के बूते यह प्लैटफ़ॉर्म खड़ा किया है?
यह सच है कि बड़े कलाकार इन दिनों ओटीटी का रुख़ कर रहे हैं. इससे कुछ लोगों को लग सकता है कि अब उनकी स्टारडम के चलते बाक़ी कलाकारों का काम दब जाएगा, पर मुझे नहीं लगता कि ऐसा सोचनेवाले लोग ज़्यादा होंगे. देखा जाए तो यहां किसी इस तरह की इंसिक्योरिटी नहीं है. उल्टा मेरा मानना है कि अभी कॉन्टेंट के लिहाज से इतना सारा काम हो रहा है कि हर किसी के पास उसकी क्षमता के अनुसार काम है. ऐसे में बड़े स्टार्स के आने से कोई ख़ास फ़र्क़ नहीं पड़ने वाला है. इसका सकारात्मक पक्ष यह है कि अब तो दर्शकों के पास विकल्प बढ़ गए हैं. अच्छा काम नहीं होगा तो वह फ़ौरन कुछ और देखने लगेंगे. इसलिए अपने काम का बेस्ट देना हर किसी के लिए चुनौती होगी. ओटीटी पर बड़े छोटे सभी स्टार्स को अपनी क्षमता को साबित करनी पड़ेगी.

इन्हें भीपढ़ें

पठान, पठान-विवाद और समीक्षा: इससे ज़्यादा नग्नता तो हम ओटीटी पर देख रहे हैं!

पठान, पठान-विवाद और समीक्षा: इससे ज़्यादा नग्नता तो हम ओटीटी पर देख रहे हैं!

January 30, 2023
देशप्रेम का पाठ पढ़ानेवाली 10 बॉलिवुड मूवीज़

देशप्रेम का पाठ पढ़ानेवाली 10 बॉलिवुड मूवीज़

January 26, 2023
doctor-G

गहरे मुद्दे को हल्के-फुल्के तरीक़े से उठाती शानदार फ़िल्म है ‘डॉक्टर G’

November 28, 2022
good-bye-movie

और बेहतर तरीक़े से हो सकता था ‘गुड बाय’

November 26, 2022

आप भी लंबे समय से मनोरंजन जगत का हिस्सा हैं. आप अपने किरदारों का चुनाव करते समय किन बातों पर ध्यान देती हैं?
मुझे हमेशा लीड किरदार निभाने में ही दिलचस्पी नहीं रही है. मुझे ऐसे कई किरदार ऑफ़र हुए हैं, जो लीड थे, पर मैंने करने से मना किया. मैं किरदारों की लंबाई नहीं, गहराई देखती हूं. यही कारण रहा है कि मैंने कई ऐसे किरदारों के लिए हां कहा है, जो लीड न होकर भी बेहद सशक्त थे. जैसे मेरी हालिया फ़िल्म रात अकेली है का किरदार. फ़िल्म में मेरे संवाद कम थे, लेकिन किरदार को दर्शकों ने ख़ूब पसंद किया. आगे भी किरदारों का चुनाव करने का मेरा यही तरीक़ा रहनेवाला है.

आप अपने अब तक के करियर का अपना बेस्ट किरदार किसे मानती हैं?
फ़िल्म हरामखोर का मेरा किरदार बेहद ख़ास था. हरामखोर के किरदार के लिए जो तैयारी चाहिए थी वह आसान नहीं थी. वह किरदार जिस ट्रॉमा से गुज़रता है, वह आसान नहीं था. इसलिए वह किरदार निभाना मेरे लिए सबसे अधिक कठिन भी रहा और लर्निंग एक्सपीरियंस भी. इसके अलावा मसान का किरदार भी मेरे पसंदीदा किरदारों में है. आने वाले समय में मैं और अधिक कठिन किरदार निभाने की चाहत रखती हूं.

लॉकडाउन ने आपको क्या सिखाया है?
शूटिंग का काम हर हाल में सेट पर करना अच्छा लगता है, क्योंकि फ़िल्म मेकिंग एक टीम एफ़र्ट का काम है और आपको एक माहौल भी बनाना होता है, आप कितनी भी कोशिश कर लें घर पर आप वैसा क्रिएट नहीं कर सकते. जब हम घर से काम करते हैं, तब काफ़ी रुकावटें आती हैं. आपको अपने साथ परिवार वालों को भी परेशान करना पड़ता है. इसलिए मेरी दिली इच्छा है कि जल्द से जल्द इस महामारी से छुटकारा मिले ताकि दोबारा थियेटर खुलें और हमारा काम शुरू हो.

क्या किरदारों के लिए तैयारी करना मुश्क़िल हो गया है?
ऐसे दौर में जब हमें घरों से बाहर नहीं निकलना है, कलाकारों के लिए किरदारों को जीना कठिन होता है, क्योंकि रियल ज़िंदगी के किरदारों की तैयारी के लिए तो आम लोगों से मिलने और उन्हें ऑब्ज़र्व करने का वैसा मौक़ा नहीं मिलता. पर हां, मेरा मानना है कि सोशल मीडिया ने इस परेशानी को कम कर दिया है. आज सोशल मीडिया पर आम लोगों की ज़िंदगी से जुड़े इतने वीडियोज़ आते हैं कि उन्हें देखकर तैयारी में थोड़ी मदद मिल जाती है. मैं सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग और फ़ालतू की चीजों पर ध्यान देने की बजाय ऐसे ही दिलचस्प वीडियोज़ पर अधिक फ़ोकस करना पसंद करती हूं.

ख़ूबसूरती बरक़रार रखने के लिए आप क्या करती हैं?
देखिए यह सच है कि मैं अपनी जि़ंदगी के शुरुआती सालों में लुक्स को लेकर बहुत कॉन्शस रहती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है. मैं ख़ुद को बाहरी दिखावे से मुक्त रखने की कोशिश करती हूं. लॉकडाउन के बाद मैंने अंदरूनी तरीक़े से ख़ुद को फ़िट रखने के लिए काफ़ी कुछ किया है, मेडिटेशन से लेकर फ़िटनेस के कई सेशंस किए हैं, कई नई चीज़ें ट्राई की हैं. मैं फ़िलहाल इस बात को लेकर अधिक नहीं सोचती कि मेरे बाल कैसे दिख रहे, मैंने कई दिनों से वैक्सिंग की है या नहीं. मुझे अब लगता है कि स्क्रीन पर तो हमें किरदार के मुताबिक़ दिखना ही होता है, ऐसे में स्क्रीन के बाहर अपनी रियल ज़िंदगी में जैसे हैं वैसे ही रहें तो बेहतर होगा.

Tags: Mirzapur fem Shweta TripathiOye AflatoonOye Aflatoon InterviewShweta TripathiShweta Tripathi Interviewओए अफलातून इंटरव्यूश्वेता त्रिपाठीश्वेता त्रिपाठी इंटरव्यूश्वेता त्रिपाठी मिर्जापुर
प्रिया श्रीवास्तव

प्रिया श्रीवास्तव

Related Posts

maya-memsaab
ओए एंटरटेन्मेंट

माया मेमसाब: जादुई सी कहानी वाली ऐसी फ़िल्म जिसमें शाहरुख़ ख़ान के बोल्ड सीन भी थे

November 2, 2022
asha-parekh
ओए एंटरटेन्मेंट

आशा पारेख को दादा साहब फाल्के अवॉर्ड मिलना कई मामलों में है ख़ास

September 28, 2022
delhi-crime
ओए एंटरटेन्मेंट

डेल्ही क्राइम सीज़न 2: क्या सपने देखने का हक़ हमें नहीं है?

September 9, 2022
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist