• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home बुक क्लब कविताएं

तब तुम क्या करोगे: ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
January 17, 2023
in कविताएं, ज़रूर पढ़ें, बुक क्लब
A A
Tab-tum-kya-karoge_Poem_Omprakash-Valmiki
Share on FacebookShare on Twitter

महानगरों में रहनेवालों के लिए जातिप्रथा भले ही बीते कल की बात लगे, पर हमारे गांवों के सिलैबस में जातिवाद अब भी एक बेहद महत्वपूर्ण विषय है. दलित साहित्य के सबसे प्रतिष्ठित नामों में एक रहे ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता ‘तब तुम क्या करोगे’ हम शहरी लोगों से बस कुछ छोटे-छोटे सवाल कर रही है. ग्रामीण भारत से निकले ये सवाल हर संवेदनशील शहरी को बेचैन कर देते हैं.

यदि तुम्हें,
धकेलकर गांव से बाहर कर दिया जाए
पानी तक न लेने दिया जाए कुएं से
दुत्कारा फटकारा जाए चिल-चिलाती दोपहर में
कहा जाए तोड़ने को पत्थर
काम के बदले
दिया जाए खाने को जूठन
तब तुम क्या करोगे?

यदि तुम्हें,
मरे जानवर को खींचकर
ले जाने के लिए कहा जाए
और
कहा जाए ढोने को
पूरे परिवार का मैला
पहनने को दी जाए उतरन
तब तुम क्या करोगे?

इन्हें भीपढ़ें

Arun-chandra-roy_Kavita

कच्ची सड़क: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 29, 2023
देशप्रेम का पाठ पढ़ानेवाली 10 बॉलिवुड मूवीज़

देशप्रेम का पाठ पढ़ानेवाली 10 बॉलिवुड मूवीज़

January 26, 2023
Subhadra-Kumari-Chauhan_Kahani

पवित्र ईर्ष्या: कहानी एक ईर्ष्यालू पति की (लेखिका: सुभद्रा कुमारी चौहान)

January 24, 2023
Basheer-Badra_Shayari_Yoon-koi-bewafa-nahi-hota

यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता: बशीर बद्र की ग़ज़ल

January 24, 2023

यदि तुम्हें,
पुस्तकों से दूर रखा जाए
जाने नहीं दिया जाए
विद्या मंदिर की चौखट तक
ढिबरी की मंद रोशनी में
काली पुती दीवारों पर
ईसा की तरह टांग दिया जाए
तब तुम क्या करोगे?

यदि तुम्हें,
रहने को दिया जाए
फूस का कच्चा घर
वक़्त-बे-वक़्त फूंक कर जिसे
स्वाहा कर दिया जाए
बर्षा की रातों में
घुटने-घुटने पानी में
सोने को कहा जाए
तब तुम क्या करोगे?

यदि तुम्हें,
नदी के तेज़ बहाव में
उल्टा बहना पड़े
दर्द का दरवाज़ा खोलकर
भूख से जूझना पड़े
भेजना पड़े नई नवेली दुल्हन को
पहली रात ठाकुर की हवेली
तब तुम क्या करोगे?

यदि तुम्हें,
अपने ही देश में नकार दिया जाए
मानकर बंधुआ
छीन लिए जाएं अधिकार सभी
जला दी जाए समूची सभ्यता तुम्हारी
नोच-नोच कर
फेंक दिए जाएं
गौरव में इतिहास के पृष्ठ तुम्हारे
तब तुम क्या करोगे?

यदि तुम्हें,
वोट डालने से रोका जाए
कर दिया जाए लहू-लुहान
पीट-पीट कर लोकतंत्र के नाम पर
याद दिलाया जाए जाति का ओछापन
दुर्गन्ध भरा हो जीवन
हाथ में पड़ गए हों छाले
फिर भी कहा जाए
खोदो नदी नाले
तब तुम क्या करोगे?

यदि तुम्हें,
सरे आम बेइज़्ज़त किया जाए
छीन ली जाए संपत्ति तुम्हारी
धर्म के नाम पर
कहा जाए बनने को देवदासी
तुम्हारी स्त्रियों को
कराई जाए उनसे वेश्यावृत्ति
तब तुम क्या करोगे?

साफ सुथरा रंग तुम्हारा
झुलस कर सांवला पड़ जाएगा
खो जाएगा आंखों का सलोनापन
तब तुम काग़ज़ पर
नहीं लिख पाओगे
सत्यम, शिवम, सुन्दरम!
देवी-देवताओं के वंशज तुम
हो जाओगे लूले लंगड़े और अपाहिज
जो जीना पड़ जाए युगों-युगों तक
मेरी तरह?
तब तुम क्या करोगे?

Illustration: Pinterest

Tags: Aaj ki KavitaHindi KavitaHindi PoemKavitaOmprakash ValmikiOmprakash Valmiki PoetryTab tum kya karoge by Omprakash Valmikiआज की कविताओमप्रकाश वाल्मीकिओमप्रकाश वाल्मीकि की कविताओमप्रकाश वाल्मीकि के लेखकवितातब तुम क्या करोगेहिंदी कविता
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

बच्चा लाल उन्मेष
कविताएं

अच्छी कविता: श्यौराज सिंह बेचैन की कविता

January 23, 2023
Bhagwaticharan-Verma_Kahani
क्लासिक कहानियां

प्रेज़ेंट: एक बिंदास महिला की कहानी (लेखक: भगवतीचरण वर्मा)

January 23, 2023
sharatchandra_Kahani
क्लासिक कहानियां

बलि का बकरा: कहानी गांव के एक नटखट लड़के की (लेखक: शरतचंद्र)

January 20, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist