ओ हरामज़ादे: कहानी विदेश में बसे एक भारतीय की (लेखक: भीष्म साहनी)
आप दुनिया में कहीं भी चले जाएं, पर अपने देश की बातें और यादें पीछा नहीं छोड़ती हैं. भीष्म साहनी ...
आप दुनिया में कहीं भी चले जाएं, पर अपने देश की बातें और यादें पीछा नहीं छोड़ती हैं. भीष्म साहनी ...
1947 में देश की आज़ादी अपने साथ विभाजन और विभाजन ने विस्थापन की सौगात दी थी. लाखों लोग सीमा के ...
इंसान का उसके हालात से लगातार संघर्ष चलता रहता है. कई बार हालत उसे मजबूर कर देते हैं तो हम ...
एक ग़रीब, बुज़ुर्ग और अकेली महिला के लिए ज़िंदगी कितनी मुश्क़िल हो सकती है, हम इसकी कल्पना कर सकते हैं. ...
दोस्ती वह रिश्ता है, जिसके बारे में बड़े रोमानी तरीक़े से कहा जाता है कि उम्रभर नहीं बदलती. पर वक़्त ...
बरसात की रातें, अक्सर अपने साथ कहानियां ले आती हैं. बरसात की यह तूफ़ानी रात भी कुछ ऐसी ही है. ...
व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई की पैनी नज़र से भला कौन बच पाया. उन्होंने उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की फ़ोटो में उनके ...
कहते हैं प्रेम में धोखा खाना भी एक तरह से प्रेम की पूर्णाहुति है. मुंशी प्रेमचंद की यह कहानी एक ...
दो बेटों, बिन्नी और लाली की मां बचन अपने बेरोज़गार छोटे बेटे बिन्नी के साथ बंबई की एक झुग्गी बस्ती ...
बाल सफ़ेद होना एक सहज और अनिवार्य क़ुदरती प्रक्रिया है. फिर भी हम अपना पहला सफ़ेद बाल देखकर डर जाते ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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