Tag: कविता

बस्ती में है वो सन्नाटा जंगल मात लगे: क़ैसर-उल ज़ाफ़री के शेर

बस्ती में है वो सन्नाटा जंगल मात लगे: क़ैसर-उल ज़ाफ़री के शेर

क़ैसर-उल ज़ाफ़री की यह शायरी प्रतीकों और विरोधाभासों के साथ ख़ूबसूरती से खेलते हुए सीधे दिल में उतर जाती है. ...

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