• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

पेड़ों से आलिंगन, दूर भगाएगा डिप्रेशन

डॉक्टर दीपक आचार्य by डॉक्टर दीपक आचार्य
April 14, 2022
in ज़रूर पढ़ें, फ़िटनेस, हेल्थ
A A
पेड़ों से आलिंगन, दूर भगाएगा डिप्रेशन
Share on FacebookShare on Twitter

आपका चाहे जो दुख-दर्द हो शारीरिक या मानसिक तुरंत एक बड़े-से वृक्ष को अपने आलिंगन में लेकर सब कह डालिए. पेड़ के साथ लिपटम-लिपटी कीजिए खुल कर, जीभर चूमिए उसे, दिल खोल कर बातें कीजिए… और आप पाएंगे कि आपका तनाव, अवसाद, दुख-दर्द सब पेड़ ने बांट लिया है. आप बेहतर महसूस करेंगे. यह बात महसूस की है डॉक्टर दीपक आचार्य ने और वे इसी के बारे में हमें और जानकारी दे रहे हैं.

क़रीब छह साल पहले इंडिया वॉटर पोर्टल से मुझे एक फ़ेलोशिप मिली थी. पहाड़ों और झिरियाओं से रिसने वाले पानी और आदिवासियों द्वारा उनके संरक्षण पर एक रिसर्च आधारित स्टोरी करनी थी मुझे. स्टोरी के सिलसिले में कारेआम (पातालकोट के एक गांव) पहुंचा तो मेरा माथा दर्द के मारे फट रहा था. ताबड़तोड़ दर्द. भारी ठंड में 90 किमी दूर छिंदवाड़ा से बाइक चलाकर आया था यहां तक, कान भी बज रहे थे. असहनीय दर्द था, लेकिन मुझे पातालकोट के एक बुजुर्ग हर्बल जानकार छिम्मीलाल की बहुत पुरानी बात याद थी, वो भी करीब 18 साल पहले की.

एक बार छिम्मीलाल ने इसी तरह की मेरी हालत होने पर एक बड़े पेड़ की तरफ़ इशारा करते हुए कहा था कि जाकर उस पेड़ से लिपट जाओ, चिपके रहो, उसे चूमो, उससे बातें करो. मैं बग़ैर दूसरा ख़्याल मन में लाए उस विशालकाय वृक्ष से लिपट गया था और फिर एक ज़बर्दस्त मैजिक हुआ था.

इन्हें भीपढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#14 मैं हार गई (लेखिका: मीता जोशी)

फ़िक्शन अफ़लातून#14 मैं हार गई (लेखिका: मीता जोशी)

March 22, 2023
Fiction-Aflatoon

फ़िक्शन अफ़लातून प्रतियोगिता: कहानी भेजने की तारीख़ में बदलाव नोट करें

March 21, 2023
सशक्तिकरण के लिए महिलाओं और उनके पक्षधरों को अपने संघर्ष ध्यान से चुनने होंगे

सशक्तिकरण के लिए महिलाओं और उनके पक्षधरों को अपने संघर्ष ध्यान से चुनने होंगे

March 21, 2023
फ़िक्शन अफ़लातून#13 लेकिन कैसे कह दूं इंतज़ार नहीं… (लेखिका: पद्मा अग्रवाल)

फ़िक्शन अफ़लातून#13 लेकिन कैसे कह दूं इंतज़ार नहीं… (लेखिका: पद्मा अग्रवाल)

March 20, 2023

इस बार भी तुरंत मैं विशालकाय वृक्ष की तरफ़ भागा, इससे ख़ूब चिपका, ख़ूब बातें कीं, ख़ूब लिपटम-लिपटी की, देर तक चूमते रहा और जीभर प्यार किया. मन में एक अजीब-सी ख़ुशी महसूस करने लगा मैं, देखते ही देखते सिर दर्द इस बार भी नदारद हो गया. वजह कुछ भी हो सकती है, कुछ एक्स्पीरिएन्सेस को आप ख़ुद तो डिकोड कर लेते हैं, लेकिन दूसरों से उस तरह साझा नहीं कर पाते. ये आसान नहीं होता है.

मैथ्यू सिल्वरस्टोन की किताब ‘ब्लाइंडेड बाय साइंस’ पढ़ रहा था और पेड़ से चिपकम-चिपकी वाला ये वाक़या याद आया. मैथ्यू बताते हैं कि सिरदर्द, तनाव, डिप्रेशन, ADHD, मानसिक थकान, नकारात्मकता से ग्रस्त लोगों को हर दिन एक बड़े वृक्ष से लिपटना जरूर चाहिए. मैथ्यू ने इस किताब में कई उदाहरणों को प्रस्तुत किया है. उनकी ख़ुद की औलाद मानसिक तनाव और अवसाद से त्रस्त थी और किसी वैज्ञानिक मित्र की सलाह के बाद बेटे को उन्होंने वृक्ष से रोज़ लिपटने की सलाह दी थी. कुछ ही दिनों में परिणाम चौंकाने लगे थे मैथ्यू को. मैथ्यू बताते हैं कि वृक्षों से प्यार जताने, लिपटने और अटखेलियां करने से हमें पॉज़िटिव एनर्जी मिलती है, वृक्षों में हीलिंग पावर होता है. एक के बाद एक कई रिसर्च पेपर्स अपने अनुभवों के आधार पर लिखकर मैथ्यू ने इस फ़ील्ड से जुड़े लोगों को सनसनाकर रख दिया.

अब आपका दोस्त दीपक आचार्य अपनी बात करेगा. वृक्षों के हीलिंग पावर को मुझसे बेहतर कोई क्या समझेगा? मेरे हर दुःख और तकलीफ़ के वक़्त कोई मुझे सम्हालता है तो वो वृक्ष ही हैं और इस बात को पूरी ज़िम्मेदारी और व्यक्तिगत अनुभव से साझा कर रहा हूं. मुझे तो ऐसे मौक़े लगभग रोज़ मिलते हैं, जब मैं ऐसा कर गुज़रता हूं, पेड़ों को बाहों में समेटकर चूमता हूं, सुख हो या दुःख, लेकिन ऐसा करने का कोई मौक़ा नहीं गंवाता. मुझे जो एनर्जी और मानसिक सुख मिलता है, कह कर समझा पाना मुश्क़िल है. किसी दिन किस्मत से आपको ये मौक़ा मिले कि आप मेरे साथ हों, तो एहसास ज़रूर करवा दूंगा. ये पेड़ों के क़रीब जाना, उनका आलिंगन करना, उन्हें चूमना, उनसे बातें करना, अपना सुख-दुख साझा करना, मुझे मुक्त करता है… मुक्त करता है तमाम नकारात्मकताओं से… क्या पता इसी वजह से मैं कम मेंटल हूं. पता नहीं आप कब इसे आज़माकर देखेंगे… आलेख साधारण-सा है, पर जानकारी अनमोल है!

कोई बड़ा-सा वृक्ष देखकर लिपट जाइएगा, लोग आपको मेंटल समझेंगे, समझने दीजिए, पर उन्हें क्या पता कि दरअसल मेंटल कौन है? जब लिपट रहें हों, तो एक बार मुझे याद कर लीजिएगा, क्योंकि ऊर्जा हर सीमाओं को लांघकर मंज़िल तक आ ही जाती है. क्या पता वो पॉज़िटिव वाइब्स मेरी भी मदद करें!

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

Tags: #healthiswealth#healthtips#traditionalknowledge#देसी#भटकोaffection for treesaflatoon tanBlinded by Sciencedoctor Deepak AcharyaHealthhealth tipsherbal-verbalhugging treesindigenous knowledgeMatthew SilverstonenatureOye Aflatoontraditional knowledgetrees make us Healthytrees will make us healthytrees will remove depressionWanderingways to drive away depressionअफलातून तनओए अफलातूनडिप्रेशन दूर भगाने का तरीक़ाडॉक्टर दीपक आचार्यदेसी ज्ञानपारंपरिक ज्ञानपेड़ दूर करेंगे डिप्रेशनपेड़ बख़्शेंगे सेहतपेड़ बनाएंगे सेहतमंदपेड़ों का आलिंगनपेड़ों से स्नेहप्रकृतिब्लाइंडेड बाय साइंसमैथ्यू सिल्वरस्टोनसेहतहर्बल-वर्बलहेल्थहेल्थ टिप्स
डॉक्टर दीपक आचार्य

डॉक्टर दीपक आचार्य

डॉक्टर दीपक आचार्य, पेशे से एक साइंटिस्ट और माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं. इन्होंने मेडिसिनल प्लांट्स में पीएचडी और पोस्ट डॉक्टरेट किया है. पिछले 22 सालों से हिंदुस्तान के सुदूर आदिवासी इलाक़ों से आदिवासियों के हर्बल औषधीय ज्ञान को एकत्र कर उसपर वैज्ञानिक नज़रिए से शोध कर रहे हैं.

Related Posts

फ़िक्शन अफ़लातून#12 दिखावा या प्यार? (लेखिका: शरनजीत कौर)
ज़रूर पढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#12 दिखावा या प्यार? (लेखिका: शरनजीत कौर)

March 18, 2023
फ़िक्शन अफ़लातून#11 भरा पूरा परिवार (लेखिका: पूजा भारद्वाज)
ज़रूर पढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#11 भरा पूरा परिवार (लेखिका: पूजा भारद्वाज)

March 18, 2023
फ़िक्शन अफ़लातून#10 द्वंद्व (लेखिका: संयुक्ता त्यागी)
ज़रूर पढ़ें

फ़िक्शन अफ़लातून#10 द्वंद्व (लेखिका: संयुक्ता त्यागी)

March 17, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
ओए अफ़लातून

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • टीम अफ़लातून

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist