मौजूदा समय में अपने स्वास्थ्य को लेकर हम सभी बेहद सजग हैं और यह होना भी चाहिए. इसके साथ ही खानपान और उससे जुड़ी साफ़-सफ़ाई की आदतों में भी हमें सुधार लाना होगा, ताकि हम महामारी के प्रकोप का यथसंभाव कम कर सकें. इस बारे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गैनाइज़ेशन (WHO) ने हाल ही में सुरक्षित खानपान के लिए कुछ सुझाव दिए हैं. आप भी इन्हें अमल में ज़रूर लाइए.
डब्ल्यूएचओ ने खानपान से जुड़े स्वच्छता के कुछ व्यावहारिक सुझावों का नियमित तौर पर पालन करने की सलाह दी है, ताकि कोविड के इस प्रकोप से बचा जा सके. आप इन सलाहों को अपने रोज़मर्रा के जीवन में लागू करना ज़रूर शुरू कर दें.
साफ़-सफ़ाई का पूरा ध्यान रखें
यूं तो अधिकतर माइक्रोऑर्गनिज़म (सूक्ष्मजीव) किसी तरह की बीमारी पैदा नहीं करते हैं, लेकिन मिट्टी, पानी, पशुओं और मानव में भी कई तरह के ख़तरनाक माइक्रोऑर्गनिज़म पाए जाते हैं. ये आपके हाथों में, किचन साफ़ करने के कपड़ों पर, बर्तनों में और ख़ासतौर पर चॉपिंग बोर्ड्स पर मौजूद हो सकते हैं और हल्के से संपर्क से भी ये आपके भोजन तक पहुंच सकते हैं और इससे आपको भोजन से होने वाली बीमारियां हो सकती हैं. इनसे बचने के लिए:
- खाना पकाने की तैयारी से पहले अपने हाथ अच्छी तरह धोएं और खाना बनाने की
- प्रक्रिया के दौरान भी हाथ धोते रहें.
- स्लैब की सतह, खाना पकाने के बर्तन, उपकरण आदि को अच्छी तरह साफ़ करें.
- भोजन को कीड़े-मकोड़ों व पेट्स से बचा कर रखें.
- टॉयलेट जाने के बाद अपने हाथों को अच्छी तरह धोएं.
कच्चे व पके हुए खाने को अलग-अलग रखें
कच्चा भोजन ख़ासतौर पर मीट, पोलट्री, सीफ़ूड आदि में भी ख़तरनाक माइक्रोआर्गनिज़म हो सकते हैं, जो खाने को स्टोर करने या पकाने के दौरान दूसरे भोजन में ट्रांस्फ़र हो सकते हैं. अत: बहुत ज़रूरी है कि खाद्य पदार्थों का स्टोरेज सही तरीक़े से किया जाए. इसके लिए:
• कच्चे मांस, पोल्ट्री और सीफ़ूड को बिल्कुल अलग ही स्टोर करें.
• कच्चे भोजन को काटने के लिए अलग चॉपिंग बोर्ड, चाकू, बर्तन आदि का इस्तेमाल करें.
• कच्चे और पके हुए भोजन आपस में संपर्क में न आएं, इस बात का ध्यान रखते हुए उन्हें अलग-अलग डब्बों में भरकर रखें.
भोजन को अच्छी तरह पकाएं
अच्छी तरह पकाने से लगभग हर तरह के ख़तरनाक सूक्ष्मजीवी मर जाते हैं. शोधों में पाया गया है कि 70 डिग्री से ऊपर के तापमान पर खाना पकाने से खाना सुरक्षित हो जाता है. कीमा किया हुआ मीट, मीट के बड़े जॉइंट्स और साबुत पोल्ट्री, जैसे- मुर्गा, बतख आदि को पकाते समय इस बात का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए कि वे अच्छी तरह पकाए गए हों. इसके लिए:
• हर तरह के भोजन को और ख़ासतौर पर मीट, पोल्ट्री, अंडे और सीफ़ूड को ख़ूब अच्छी तरह पकाएं.
• सूप, स्ट्यू या ग्रेवी वाली चीज़ों को कम स कम 70 डिग्री तक ज़रूर पकाएं. आवश्यक हो तो थर्मामीटर का उपयोग कर के तापमान जांचते हुए पकाएं.
• पके हुए भोजन को इस्तेमाल कर रहे हैं तो उसे अच्छी तरह गर्म ज़रूर करें.
भोजन को सही तापमान पर स्टोर करें
यदि खाना कमरे के तापमान पर लंबे समय तक रखा हुआ है तो सूक्ष्म-जवाणु ख़ुद की संख्या को बहुत तेज़ी से बढ़ा लेते हैं. पांच डिग्री से नीचे और 60 डिग्री से ऊपर के तापमान पर ये माइक्रोऑर्गनिज़म का पनपना कम या लगभग बंद ही हो जाता है. हालांकि कुछ ख़तरनाक सूक्ष्मजीवी पांच डिग्री के नीचे भी पनप जाते हैं. अत: एहितयात के लिए:
• पके हुए भोजन को दो घंटे से ज़्यादा के समय के लिए सामान्य तापमान पर न छोड़ें.
• पके हुए और ख़राब हो सकने जैसे खाद्य पदार्थों को पांच डिग्री तापमान से नीचे के तापमान पर स्टोर करें.
• सर्व करने से पहले भोजन को 60 डिग्री से ऊपर के तापमान पर गर्म करें.
• फ्रिज में भी लंबे समय तक भोजन स्टोर कर के न रखें.
• फ्रीज़र में जमी हुई चीज़ों को पिघलने के लिए रूम टेम्परेचर पर न छोड़ें.
सुरक्षित पानी और कच्चे खाद्य पदार्थों का ही इस्तेमाल करें
कच्चे पदार्थों, जिनमें फल व सलाद वाली सब्ज़ियों के साथ-साथ पानी और बर्फ़ भी शामिल हैं, में ख़तरनाक माइक्रोऑर्गनिज़म और रसायन मौजूद हो सकते हैं. अत: बहुत ज़रूरी है कि आप कच्चे खाद्य पदार्थों का चयन बहुत सोच-समझकर करें. इस्तेमाल से पहले सब्ज़ियों और फलों को अच्छी तरह धोकर, उनके छिलके निकाल लें. इसके लिए:
• ट्रीट किया हुआ या उबाला हुआ पानी पिएं.
• ताज़े और साबुत फल ही चुनें.
• पॉस्चराइज़्ड दूध का इस्तेमाल करें.
• फलों और सब्ज़ियों को अच्छी तरह धोएं.
• एक्स्पायरी डेट निकल जाने के बाद खाद्य पदार्थों का इस्तेमाल न करें.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट