यदि आप भी पेट में बनने वाली गैस की समस्या से परेशान रहते/रहती हैं तो यहां आपको इसके लिए कुछ आसान योग आसन बताए जा रहे हैं, जो आपको इस समस्या से छुटकारा दिलाने में कारगर होंगे. हम आपको यह भी कहना चाहेंगे कि इन आसनों को आप अपने डॉक्टर की सलाह के बाद और किसी योग शिक्षक की देखरेख में ही करें, ताकि आपको इनका पूरा फ़ायदा मिले.
यदि आपके मन में भी यह सवाल है कि आख़िर पेट में इतनी गैस बनती क्यों है? तो आपको बता दें कि गैस बनने का सबसे बड़ा कारण है, इस तरह की चीज़ें खाना, जो गैस पैदा करती हैं. और यह कारण तो आप पूरी तरह से ख़त्म नहीं कर सकते/सकती, क्योंकि ज़्यादा फ़ाइबर वाला खाना गैस बनाता है. वहीं स्वस्थ रहने के लिए डायटीशियन्स हमेशा ही आपको ज़्यादा फ़ाइबर वाली चीज़ें खाने की सलाह देते हैं. पर केवल यही एक कारण नहीं है, जिससे गैस बनती है. कई बार हमारे धीमे मेटाबॉलिज़्म की वजह से भी ऐसा होता है. खाना धीरे पचता है तो बैक्टीरिया पनपने लगते हैं, जो गैस बनाते हैं.
ये तो हमने आपको वो मुख्य कारण बताए, जिनकी वजह से अक्सर पेट में गैस बनती है. लेकिन आपका यह जानना भी ज़रूरी है कि शरीर से गैस का बाहर निकलना एक सामान्य प्रकिया है. एक दिन में 20-25 बार यह प्रक्रिया डकार लेने या फिर अधोवायु (पाद या fart) के ज़रिए पूरी होती है. यदि आपको अक्सर ऐसा लगता है कि पेट फूला हुआ है और गैस भरी हुई है तो प्राकृतिक रूप से इससे निजात पाने में योगासन आपके लिए बेहतरीन रहेंगे. आइए जानें, वे कौन से योगासन हैं, जो आपको पेट की गैस से निजात दिलाने में मदद करेंगे.
पश्चिमोत्तानासन
एक चटाई पर बैठें और अपने पैरों को जोड़ कर सामने की ओर फैलाएं. पैरों की उंगलियों को अपनी ओर खींचे. सांस अंदर लें और सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें. अपनी हथेलियों से पैरों की उंगलियों को छूने का प्रयास करें. ऐसा करते हुए आपके घुटने मुड़ने नहीं चाहिए. जितना आगे तक झुक सकें, झुकें. कुछ पलों तक इसी स्थिति में बने रहें. फिर सामान्य अवस्था में लौटें. शुरुआत में इसे पांच बार दोहराएं और फिर धीरे-धीरे 10 बार तक करें.
बालासन
अपने घुटनों को मोड़ कर वज्रासन में बैठिए. आपके हिप्स आपकी एड़ियों पर होने चाहिए. अब अपने हाथों को ऊपर उठाएं और पीछे की ओर ले जाएं. सांस लें. और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें. आपकी बाहें ज़मीन पर समानांतर होनी चाहिए. कुछ पल इस स्थिति में बने रहें. फिर धीरे-धीरे सांस लेते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं. शुरुआत में इसे पांच बार दोहराएं और फिर धीरे-धीरे 10 बार तक करें.
पवनमुक्तासन
जैसा कि इस आसन के नाम से ही स्पष्ट है कि यह पवन यानी गैस को मुक्त यानी रिलीज़ करने का काम करता है. इस आसान के लिए आपको पीठ के बल लेटना होगा. अपने पैरों को सीधा रखें. अब घुटनों को मोड़ कर धीरे-धीरे उन्हें अपनी छाती से सटाएं. अपने हाथों से घुटनों को यूं पकड़ें, जैसे आप उन्हें आलिंगन में ले रहे हों. अब सिर को उठाते हुए नाक को अपने घुटनों से स्पर्श कराने का प्रयास करें. कुछ पलों तक इसी स्थिति में बने रहें. फिर सामान्य अवस्था में आ जाएं. इसे भी पांच बार से शुरू कर के 10 बार तक बढ़ाएं.
सेतुबंधासन
इस आसन को ब्रिज पोज़िशन भी कहा जाता है. इसके लिए पीठ के बल लेट जाएं. अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को एक दूसरे से थोड़ा दूर रखें. अपने हाथों को फ़र्श पर इस तरह रखें कि हथेलियां नीचे की ओर हों. अब सांस भीतर लेते हुए धीरे से अपने हिप्स को उठाएं, ताकि किसी सेतु (पुल या ब्रिज) जैसा आकार बने. कुछ पलों तक इस स्थिति में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में लौट आएं. सेतुबंधासन को भी पांच बार से शुरू कर के 10 बार तक बढ़ाएं.
फ़ोटो : फ्रीपिक