अब वह समय नहीं रहा, जब स्टूडेंट्स पढ़ाई पूरी करने के बाद ही कोई नौकरी लिया करते थे. आज के युवा पढ़ाई के साथ-साथ अपना करियर बनाने के लिए काम करते हैं. और यह बात सुनने में जितनी मुश्क़िल लगती है, दरअसल उतनी मुश्क़िल है नहीं. यदि संतुलन साधने के की कला आपको आती है तो नौकरी के साथ-साथ अपने करियर को आगे बढ़ाया जा सकता है. कैसे? यहां जानें…
यदि आप करियर के प्रति फ़ोकस्ड हैं तो नौकरी के साथ-साथ करियर को आगे बढ़ाना आपके लिए ज़्यादा कठिन नहीं होगा. कई बार जब हम केवल करियर पर फ़ोकस्ड रहते हैं और जॉब करने के बारे में नहीं सोचते तो असफलता मिलने पर यह सोच कर दुखी हो जाते हैं कि अब यदि नौकरी करनी पड़ी तो अपने साथियों के मातहत काम करना पड़ेगा. जबकि यदि आप नौकरी करते हुए अपने करियर की सफलता को हासिल करने में नाकाम भी रहते हैं तो आपको लगता है कि मेरे पास नौकरी है, मैं अपने ख़र्च ख़ुद उठा रहा/रही हूं तो क्यों न एक प्रयास और कर देखूं.
इस बात का बड़ा ही जीवंत और ताज़ा उदाहरण आपने वेबसीरीज़ ‘पंचायत’ में देखा ही होगा और हमें पता है कि इसे सराहा भी होगा. तो अपने जीवन में आप भी नौकरी के साथ-साथ अपने करियर को आगे बढ़ाने की तैयारी कर सकते हैं. इसके लिए इन कुछ बातों पर ध्यान देंगे तो नौकरी और करियर बढ़ाने के बीच संतुलन साधना आसान रहेगा.
अच्छी तरह आकलन करें
ग्रैजुएशन के बाद, जब आपका मन इस बात को लेकर डांवाडोल होता रहता है कि नौकरी करूं या करियर को ऊंचाई पर ले जाने को आगे पोस्ट-ग्रैजुएशन करूं तब यह बात ज़रूर ध्यान रखें कि उम्र का दूसरा दशक जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है. इस समय आप जो कुछ भी सीखते हैं, वह जीवनभर काम आता है और आपको तरक़्क़ी भी दिलाता चला जाता है. अत: इस समय केवल पोस्ट-ग्रैजुएशन पर पूरा ध्यान लगाने की जगह यदि आप जॉब लेना चाहते हैं तो क्यों? क्या आप जॉब इसलिए करना चाहते हैं कि अपने पोस्ट-ग्रैजुएशन या आगे के करियर के लिए ख़ुद को सेल्फ़-फ़यनांस कर सकें? या फिर आप नौकरी इसलिए नहीं करना चाहते, ताकि आप पोस्ट ग्रैजुएशन के बाद ही जॉब करें.
यह भी सोचें कि तब क्या करेंगे, जब आप पोस्ट-ग्रैजुएशन के लिए होने वाली प्रवेश परीक्षा में सफल न हो पाएं? इन सब बातों का आकलन कर आप सबसे पहले इस नतीजे पर पहुंचे कि क्या आप वाक़ई नौकरी के साथ-साथ करियर को आगे बढ़ाना चाहते/चाहती हैं? एक बार जब आपके दिमाग़ में यह बात स्पष्ट हो जाए कि आपको नौकरी के साथ ही अपना करियर आगे बढ़ाना है तो इस आलेख की अगली कुछ बातें आपके लिए काम की साबित होंगी.
संतुलन बनाना है तो इस बात पर ध्यान दें
आप नौकरी इसलिए चुन रहे/रही हैं कि आपको इसके साथ करियर बनाना है, है ना? अत: यह बात हमेशा दिमाग़ में रखें कि ऐसी नौकरियों के ऑफ़र से आपको बचना होगा जहां पैकेज अच्छा दिया जा रहा है, लेकिन समय की मांग बहुत ज़्यादा है. जहां कम छुट्टियां मिलें, काम के घंटे बहुत लंबे हों, छुट्टियां मुश्क़िल से मिलती हों, ऐसे जॉब्स के लिए हां न कहें. इसके बजाय भले ही आपको कुछ पैसे कम मिलें, लेकिन आपको फ़्लेग्ज़िबल वर्किंग ऑवर या वर्क फ्रॉम होम जैसे कामों को वरीयता देनी चाहिए. यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि आप पोस्ट ग्रैजुएशन या आगे के स्किल डेवलेपमेंट को लेकर कोई क्लास जॉइन करना चाहते/चाहती हैं तो वह आपके ऑफ़िस के आसपास हो, ताकि ट्रैवलिंग में आपका समय कम ज़ाया हो.
प्लान B हमेशा तैयार होना चाहिए
एचआर प्रोफ़ेशनल्स की मानें तो अधिकतर लोग अपने करियर को लेकर आश्वस्त नहीं होते, ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि आपके पास एक प्लान B ज़रूर हो. यदि आप नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई करते हैं तो असफल होने पर भी इस बात का आत्मविश्वास बना रहता है कि आपने ख़ुद को सेल्फ़-फ़ायनांस किया है और आपके पास नौकरी का अनुभव भी है, जो आगे नौकरी करने में आपके काम ही आएगा. यदि आप हिम्मत नहीं हारेंगे/हारेंगी तो सफलता आपको ज़रूर मिलेगी. दोबारा ट्राय करें और हां नौकरी उसी क्षेत्र में करें, जिस क्षेत्र में अपने करियर को आगे बढ़ाने का सपना आप देख रहे/रही हैं. ताकि आप पहले या दूसरे किसी भी रास्ते से उस ओर बढ़ते रहें, जहां आप जाना चाहते हैं. हां, नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई के लिए वक़्त निकालने में कोई कोताही न बरतें.
टाइम मैनेजमेंट हमेशा काम आता है
यदि आप नौकरी और पढ़ाई साथ-साथ कर रहे/रही हैं तो टाइम मैनेजमेंट सबसे महत्वपूर्ण है. इसके लिए यह भी ज़रूरी है कि जब आप नौकरी चुनें तो अपने बॉसेस को इस बारे में जानकारी दें कि आप आगे पढ़ना और करियर में आगे बढ़ना चाहते/चाहती हैं. अक्सर आपके सपनों को पूरा करने में आपके ऑफ़िस कलीग्स अपनी भूमिका निभाने में पीछे नहीं रहते हैं और हो सकता है कि आपको भी अपने बॉसेस और कलीग्स का पूरा सहयोग मिले. इससे आपकी राह आसान हो जाएगी.
यही नहीं, कोशिश करें कि आपका सेंटर/कॉलेज/इंस्टीट्यूट आपके ऑफ़िस से नज़दीक हो, छुट्टी वाले दिनों को आप यूं ही बेकार न जाने दें और साथ ही अपना टाइम-टेबल बना कर उसके हिसाब से काम करें. इससे आपको काफ़ी फ़ायदा होगा.
फ़ोटो : फ्रीपिक