“मैं पद्मश्री हूं और इन दिनों पद्मासन में बैठने की कोशिश कर रहा हूं,’’ यह कहना था अभिनेता परेश रावल का, जिन्होंने दुनिया के सबसे पुराने योग स्कूल की निदेशक डॉ हंसा योगेंद्र के 76वें जन्मदिन समारोह पर उनकी किताब ‘7 Rules to Reset Your Mind and Body for Greater Well-Being’ का हिंदी संस्करण ‘7 सूत्र: बेहतर जीवन के लिए अपने तन और मन को करें रीसेट’ लॉन्च किया. मालूम हो कि परेश पिछले आठ महीनों से इंस्टीट्यूट के एक शिक्षक से योग सीख रहे हैं.
बीते रविवार की सुबह दुनिया का सबसे पुराना योग स्कूल फूलों से सजा हुआ था और जश्न के लिए तैयार था. आठ अक्टूबर सांताक्रूज़ ईस्ट के योग इंस्टीट्यूट के लिए ऐतिहासिक दिन था. डॉ हंसाजी योगेंद्र, योग इंस्टीट्यूट की निदेशक का 76वां जन्मदिन था, हालांकि उनका जोश आज भी 17 वर्ष की किसी किशोरी से कम नहीं है.
प्रसिद्ध अभिनेता व पद्मश्री पुरस्कार प्राप्तकर्ता परेश रावल ने बतौर विशेष अतिथि समारोह का आगाज़ किया. सिल्वर स्क्रीन पर अपना लोहा मनानेवाला अभिनेता पिछले आठ महीनों से इंस्टीट्यूट के एक शिक्षक से योग सीख रहे हैं. उन्होंने इस अवसर पर योग के कारण उनके जीवन में आए बदलावों का ज़िक्र भी किया.
डॉ. हंसाजी योगेंद्र को उनके जन्मदिन की शुभकामनाएं देते हुए, परेश रावल ने कहा, “मैं हंसाजी के लंबे और स्वस्थ जीवन की दुआ करता हूं, क्योंकि जब वे स्वस्थ रहेंगी, तभी तो हमारी ज़िंदगी भी लंबी और स्वस्थ बनी रहेगी. समाज को स्वस्थ आत्माओं की आवश्यकता है.’’
इस अवसर पर हल्के-फुल्के अंदाज़ में परेश ने खुलासा किया, “मैं पद्मश्री हूं, पद्मासन में बैठने की कोशिश कर रहा हूं. योग ने मेरे शरीर, मन और आत्मा का उद्धार किया है और मुझे और बेहतर अभिनेता बनने में भी मदद की है. मेरा मानना है कि जब मैं योग करता हूं, तो मेरे मन, शरीर और आत्मा का डायलिसिस हो जाता है. मैं (निर्देशक) उमेश शुक्ला का धन्यवाद करता हूं, जिन्होंने मुझे योग इंस्टीट्यूट की राह दिखाई.”
डॉ योगेंद्र ने परेश रावल के डायलिसिस वाले उदाहरण की प्रशंसा करते हुए कहा, “जैसा मन, वैसा आदमी. योग के आसन आपके व्यक्तित्व पर प्रभाव डालते हैं. प्रकृति ही योग की तकनीक का स्रोत है. अत: आपको प्राकृतिक तत्वों के नाम के बहुत सारे आसन मिलेंगे. आप जितना प्रकृति के क़रीब होते हैं, भीतर से उतने ही शांत रहते हैं.”
डॉ. हंसा योगेंद्र ने परेश को इंगित करते हुए पूछा, “क्या आपको इनकी उम्र पता है? ये 68 साल के हैं और अब इतनी ही उम्र के बने रहेंगे, क्योंकि अब ये योग के मार्ग पर चल पड़े है. परेश जी जानते हैं कि कैसे जीवन जीना है और ख़ासकर, कैसे दुनिया के उतार-चढ़ाव को मुस्कुराते हुए लेना है.”
इस मौके पर डॉ हंसाजी की लेटेस्ट किताब ‘7 Rules to Reset Your Mind and Body for Greater Well-Being’ का हिंदी संस्करण है ‘7 सूत्र: बेहतर जीवन के लिए अपने तन और मन को करें रीसेट’ भी लॉन्च हुआ. यह किताब अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करती है.