भाई दूज पर विशेष: हिंदी साहित्य के चारों स्तंभ बंधे थे रेशम के धागे से
हिंदी साहित्य के चार स्तंभ सुमित्रानंदन पंत, जय शंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला कहलाते हैं. हिंदी साहित्य...
हिंदी साहित्य के चार स्तंभ सुमित्रानंदन पंत, जय शंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा और सूर्यकांत त्रिपाठी निराला कहलाते हैं. हिंदी साहित्य...
आज (10 अक्टूबर) विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है और हम सभी जानते हैं कि मानसिक विकार एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या...
महात्मा गांधी के सत्य, अहिंसा और सत्याग्रह के अपने प्रयोगों को दुनिया ने न केवल जाना, बल्कि माना भी. बापू...
हिंदी की महान महिला रचनाकारों में महादेवी वर्मा और सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम हमेशा लिया जाता रहेगा. दोनों बचपन...
रंगमंच यानी थिएटर को समाज का आईना कहा जाता है. पिछले दिनों 51वां विश्व रंगमंच दिवस मनाया गया. इस ख़ास...
आज जब बच्चे अपने माता-पिता से पूछते हैं कि आसमान नीला क्यों दिखाई देता है? पानी हाथ में आने पर...
‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है’ महात्मा गांधी का यह कथन उनके पूरे जीवन पर बिलकुल सटीक बैठता है. जो...
कुछ सालों पहले अक्षय कुमार और रजनीकांत अभिनीत फ़िल्म 2.0 आई थी. इस फ़िल्म में मोबाइल के पक्षियों पर दुष्प्रभाव...
भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति रहे एपीजे अब्दुल कलाम अपने दौर के सबसे सम्मानित और प्रेरक हस्तियों में...
हम हर काम दिल से करते हैं, सिवाय दिल की देखभाल के. ऐसा सिर्फ़ हम भारतीय ही नहीं करते, बल्कि...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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