एक ठहरा हुआ चाकू: कहानी एक गवाह के कशमकश की (लेखक: मोहन राकेश)
क्या चल रहा होता है एक आदमी के मन में, जब उसे पुलिस के सामने गवाही देनी होती है? जानने ...
क्या चल रहा होता है एक आदमी के मन में, जब उसे पुलिस के सामने गवाही देनी होती है? जानने ...
एक अंतराल के बाद गांव जाने पर आपको सबकुछ वहां ठहरा हुआ मिलेगा, पर इस ठहराव में भी आपको बदलाव ...
शिक्षक भले ही एक प्रतिष्ठित पेशा माना जाता हो, पर एक शिक्षक की ज़िंदगी इतनी आसान नहीं होती. मोहन राकेश ...
पति-पत्नी के रिश्ते को बनाए रखने, बचाए रखने के लिए एक पत्नी द्वारा किए जानेवाले प्रयासों की बानगी है मोहन ...
दो बेटों, बिन्नी और लाली की मां बचन अपने बेरोज़गार छोटे बेटे बिन्नी के साथ बंबई की एक झुग्गी बस्ती ...
क्या होता है, टूरिस्ट की कमी का सामना कर रहे एक हिल स्टेशन पर? एक अदद सैलानी पर सभी के ...
सरकारी कामकाज की रफ़्तार किस हिसाब से बढ़ती है? सरकारी बाबुओं का रवैया कैसा होता है? कुल मिलाकर कहें तो ...
ट्रेन के सफ़र में दो अजनबी मिलते हैं. वे टुकड़ों-टुकड़ों में अपनी ज़िंदगी साझा करते हैं. और उसके बाद क्या ...
समंदर किनारे बैठे एक ग़रीब लड़के के साथ एक शरीफ़ परिवार द्वारा किया गया व्यवहार. उस लड़के को मवाली घोषित ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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