फ़र्क़: आलोक धन्वा की कविता
कहते हैं आत्महत्या करना कायरों का काम है. पर कई बार हत्याएं आत्महत्याओं में तब्दील की दी जाती हैं. एक ...
कहते हैं आत्महत्या करना कायरों का काम है. पर कई बार हत्याएं आत्महत्याओं में तब्दील की दी जाती हैं. एक ...
पतंग के बहाने कवि आलोक धन्वा बालसुलभ इच्छाओं का सुंदर चित्रण करते हैं. पतंग की ऊंचाइयों के माध्यम से बालमन ...
एक कवि की दुविधा, कर्तव्य, सीमा और पीड़ा को व्यक्त करती आलोक धन्वा की लंबी रचना ‘जनता का आदमी’ एक ...
बचपन की यादें जब बाहर निकलती हैं तो एक ऐसा तिलस्मी संसार रचती हैं कि कई बार हम ख़ुद आश्चर्यचकित ...
स्त्रियां हमारे समाज को इंसानी अच्छाई का पाठ पढ़ानेवाली पहली गुरु होती हैं. आलोक धन्वा की कविता चौक इस सच्चाई ...
बारिश सिर्फ़ आसमान से बरसती हुई पानी की बूंदें नहीं हैं, बल्कि एक कवि की नज़र से देखने पर बहुत ...
बचपन अपने रास्ते तलाश लेता है. हर हाल में ख़ुशियों के लम्हे जुगाड़ लेता है. आलोक धन्वा की यह छोटी-सी ...
किसी को भुलाना कितना मुश्क़िल होता है, ख़ासकर उसे जिसे आपने प्यार किया हो, जिससे आपने प्यार पाया हो. भूल ...
एक कवि अपने शब्दों के साथ कितनी ख़ूबसूरती से दृश्यों का तानाबाना बुन सकता है आलोक धन्वा की कविता ‘सफ़ेद ...
धरती के आकार लेने के इतिहास, इंसानी सभ्यता की तारीख़ों और जूते के बीच क्या संबंध है? काफ़ी तफ़सील से ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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