lekhak: रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’

Duniya Meri Bhains By Ramshankar Vidrohi

दुनिया मेरी भैंस: रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की कविता

देसी अंदाज़ में दुनिया की बात करनेवाले कवि रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की कविता दुनिया मेरी भैंस कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा ...

Ramshankar-Yadav-Vidrohi_Kavita

मुझको इस आग से बचाओ मेरे दोस्तों: रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की कविता

इतिहास की नाइंसाफ़ियों का ज़बर्दस्त दस्तावेज़ है जेएनयू के कवि कहलानवाले रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की लंबी कविता ‘मुझको इस आग ...

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