इस दुनिया में हर मेहनतकश इन्सान यदि सही तरीक़े से निवेश करे तो वह एक आरामदायक ज़िंदगी जी सकता है. यही नहीं, अपने भविष्य को सुरक्षित भी बना सकता है. पर इसके लिए तैयारी आपको पहले से करनी होगी. पहले से यानी जब आप कमाना शुरू करें, तब से, या यूं कहें कि अपनी उम्र के दूसरे दशक से. यहां हम निवेश की उन आदतों के बारे में बता रहे हैं, जो आपको सुरक्षित भविष्य देंगी.
यदि नौकरी शुरू करते ही आप ख़ुद को इस बारे में फ़ोकस्ड रखें कि आपको बचत और निवेश भी करना है और इसकी सही प्लानिंग भी तो अपना भविष्य सुरक्षित बना सकते हैं. यहां जानिए वे बातें, जिनका ध्यान रख कर यह आसानी से किया जा सकता है:
ख़र्च सीमित रखें
आपकी कोशिश होनी चाहिए कि नौकरी लगने के बाद अपनी पहली सैलरी आने से ही बचत/निवेश की शुरुआत करें. आप अपनी सैलरी का केवल 25% हिस्सा ही ख़र्च करें और बाक़ी का सारा निवेश करें. चूंकि अभी आपने नौकरी शुरू की ही है, आप पर किसी ख़ास लाइफ़स्टाइल को जीने का दबाव नहीं है. हां, यदि अपने कलीग्स को देख कर आप ब्रैंडेड और महंगी चीज़ें पहनने का दबाव महसूस करते हैं तो यह जान लीजिए कि हो सकता है कलीग्स को काम करते हुए आपसे कहीं ज़्यादा समय हो चुका हो, उन पर किसी तरह की ज़िम्मेदारी न हो और सबसे ख़ास बात हो सकता है कि वे निवेश और बचत का सही तरीक़ा न जानते हों. हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप अपनी मनचाही ब्रैंडेड चीज़ों को न ख़रीदें, बल्कि इसके लिए भी प्लानिंग करें, जैसे- हर महीने एक चीज़ अपनी पसंद की ख़रीद ली (लेकिन लोन पर बिल्कुल नहीं!).
इमर्जेंसी फ़ंड बनाएं
जी हां, अपनी पहली सैलरी से ही यह काम शुरू कर दें. समय, परेशानियां, घटनाएं-दुर्घटनाएं कभी बता कर नहीं आते. वर्ष 2020 से पहले किसी ने कोरोना जैसी किसी महामारी के आने और उसमें तमाम लोगों की जानें और नौकरी जाने के बारे में सोच भी नहीं था… लेकिन यह हुआ! इसीलिए हमारी सलाह है कि नौकरी लगते ही आपका सबसे पहला लक्ष्य होना चाहिए कि जितनी जल्दी संभव हो सके, आप इतने पैसे की बचत कर उसे अलग रख दें, जो आपकी छह महीने की सैलरी के बराबर हो.
इन्श्योरेंस में निवेश करें
जीवन बीमा और मेडिकल इन्श्योरेंस के मामले में आपकी उम्र जितनी कम होगी, आपकी प्रीमियम की राशि भी काफ़ी कम होगी. आपकी कोशिश होनी चहिए कि आप कम से कम अपनी सालाना सैलरी के 20 गुना के कवर वाला लाइफ़ इन्श्योरेंस लें. उम्र के दूसरे दशक में आपको इसके लिए अंदाज़न 12 से 15 हज़ार रुपए सालाना तक ही प्रीमियम देना होगा. इसके अलावा ये बिल्कुल न सोचें कि आपको कोई बीमारी नहीं हो सकती, क्योंकि बीमारियां और दुर्घटनाएं कभी भी हो सकती हैं और ऐसे में अस्पताल का बिल आपकी बचत पर निर्ममता से डाका डाल सकता है. अत: मेडिकल इन्श्योरेंस ज़रूर लें.
ऐसेट्स में निवेश करें
उम्मीद है कि आप ऐसेट्स और लाइबिलिटीज़ में अंतर समझते होंगे. उदाहरण के तौर पर यदि आप महंगे गैजेट्स, कार, महंगे कपड़ों आदि में निवेश करते हैं तो आप लाइबिलिटीज़ में निवेश कर रहे हैं. चूंकि कार या गैजेट्स के लिए आपको लोन लेना पड़ सकता है, जिसकी ईएमआईज़ भी देनी होंगी. यदि आप बिना लोन के भी ये चीज़ें लेते हैं तो कार के केस में पेट्रोल/डीज़ल की कीमत आपका एक रेकरिंग ख़र्च रहेगा. इसके अलावा गैजेट्स और कार जैसी चीज़ों की कीमत समय के साथ कम होती जाएगी, उनके रख-रखाव पर भी ख़र्च आएगा.
वहीं यदि आप होम लोन, म्यूचुअल फंड्स, गर्वन्मेंट बॉन्ड्स आदि में निवेश करते हैं तो ये वो ऐसेट्स हैं, जो भविष्य में आपको अच्छे रिटर्न्स देंगे. होम लोन लेने पर तो आपको टैक्स से भी छूट मिलेगी और धीरे-धीरे कर के आपका अपना घर बन जाएगा.
लक्ष्य बना कर करें बचत
यदि आप निवेश के ज़रिए अपने भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहते है तो आपको फ़ायनांशिल गोल्स तय करने होंगे. उदाहरण के लिए यदि आप सालभर बाद विदेश यात्रा पर जाना चाहते/चाहती हैं तो बजाय इसके लिए लोन लेने के, आप बचत शुरू करें. ख़र्च का मोटा अनुमान लगाए और उसके मुताबिक़ एक तय राशि हर माह बचाएं. साल के अंत तक आपके पास इस ट्रिप के लिए आवश्यक पैसे मौजूद होंगे. यही बात महंगे गैजेट्स और आपकी अन्य इच्छाओं को पूरा करने पर भी लागू होती है.
पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड के मामले में बरतें सावधानी
आजकल पर्सनल लोन बहुत ही आसानी से उपलब्ध हैं. घर का रेनोवेशन कराना हो, विदेश की ट्रिप पर जाना हो या फिर कोई महंगा गैजेट ख़रीदना हो… सभी के लिए आसानी से लोन मिल जाता है. लेकिन याद रखें कि ऐसे लोन दरअसल आपके लिए लाइबिलिटी ही हैं. यह बात आपको तब और शिद्दत से महसूस होगी, जब यह लोन लेने के बाद आपकी सैलरी से ईएमआई जाना शुरू होगी. अत: पर्सनल लोन के प्रलोभन से बचें और लक्ष्य बना कर, बचत कर के ही अपनी इच्छाओं को पूरा करें.
यह भी ध्यान रखें कि यदि आपने पर्सनल लोन्स की ईएमआई या क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान समय पर नहीं किया तो आपको क्रेडिट स्कोर कम हो सकता है. जिससे भविष्य में ज़रूरत पड़ने पर आपको कोई आवश्यक लोन मिलने में दिक़्क़त भी हो सकती है. वहीं क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते समय यह ध्यान रखें कि आपकी महीने की जो तयशुदा सीमा है उसके 30% तक राशि का ही इस्तेमाल करें और उसके भुगतान समय पर करें. अन्यथा वहां भी आपको ब्याज के रूप में एक बड़ी चपत लग सकती है.
फ़ोटो : फ्रीपिक