यदि आप भी धार्मिक-ऐतिहासिक पर्यटन पसंद करते हैं तो आपके लिए एक अच्छी ख़बर है. छत्तीसगढ़ सरकार जल्द ही राम वनगमन पर्यटन परिपथ की शुरुआत करने जा रही है. आगामी अक्टूबर माह में ही सैलानी इस नए टूरिज़्म सर्किट की सैर कर सकेंगे. इसके बारे में आपके लिए जानकारी जुटाई है सुमन बाजपेयी ने.
अपने 14 वर्ष के वनवास के दौरान श्री राम, सीता व लक्ष्मण छत्तीसगढ़ राज्य के कई स्थानों से गुज़रे भी और वहां रहे भी. उनकी इस यात्रा के पथ पर नया टूरिज़्म सर्किट तैयार किया जा चुका है, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने ‘राम वनगमन पर्यटन परिपथ’ का नाम दिया है. नवरात्रि के दौरान आगामी 7 अक्टूबर 2021 को इसकी शुरुआत करने के लिए एक शानदार समारोह आयोजित किया जा रहा है.
इस टूरिज़्म सर्किट की टैग लाइन है- बात है अभिमान की, छत्तीसगढ़ के स्वाभिमान की, जो इस पहल को अच्छी तरह परिभाषित करती है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा शुरू की गई इस महत्वाकांक्षी परियोजना के शुभारंभ का जश्न 7 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
छत्तीसगढ़ राज्य भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण की अलग-अलग जगहों पर वनवास की कहानियों से भरा पड़ा है. यहां के समुदायों में भगवान राम की कथा से प्रेरित कहानियां और गीत पीढ़ियों से प्रचलित हैं और उन्हें गाया व सुनाया जाता है. रामकथा में छत्तीसगढ़ इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह भगवान राम का ननिहाल है, उनकी माता कौशल्या का जन्मस्थान है. छत्तीसगढ़ वह स्थान भी है, जहां अपनी मां के स्नेह से पोषित होकर राम ‘मर्यादा पुरुषोत्तम राम’ बने.
‘‘अपने वनवास के दौरान राम ने अपना अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया इसलिए हमारा प्रयास है कि हम भगवान राम और माता कौशल्या से जुड़ी यादों को संजो सकें. यही वजह है कि सरकार ने राम वनगमन पथ टूरिज़्म सर्किट परियोजना की कल्पना की है,’’ यह कहना है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का.
इस परियोजना के प्रथम चरण में जंगल के रास्ते उन नौ स्थानों को विकसित करने की योजना है जहां से श्री राम ने यात्रा की थी. ये स्थल हैं: सीतामढ़ी- हरचौका, रामगढ़, शिवरीनारायण, तुरतुरिया, चंदखुरी, राजिम, सिहावा, जगदलपुर और रामाराम.
इस भव्य समारोह का आयोजन, रायपुर से लगभग 25 किमी दूर, चंदखुरी गांव में स्थित प्राचीन कौशल्या माता का मंदिर में किया जाएगा. इस समारोह में संगीत, नृत्य के अलावा लेज़र शो और एलईडी लाइट्स के माध्यम से भव्य दृश्य-श्रव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. लाइट एंड साउंड शो के ज़रिए दर्शक भगवान राम के वनवास और वनगमन पथ की कहानी रंग-बिरंगी लाइट्स के ज़रिए सुन और देख सकेंगे.
इस परियोजना के बारे में छत्तीसगढ़ पर्यटन बोर्ड के प्रबंध संचालक यशवंत कुमार का कहना है,“हमारी मुख्य प्राथमिकता राम वनगमन पथ के चिन्हित स्थलों को प्रमुख पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करना है. अभी चल रही महामारी को ध्यान में रखते हुए, हमारी कोशिश है कि लोग घरेलू पर्यटन के लिए प्रेरित हों. ऐसा करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं और हमें विश्वास है कि राम वनगमन पथ पर्यटकों के लिए एक रोमांचक अनुभव होगा.”
राज्य का लक्ष्य चयनित स्थलों को विकसित एवं सुशोभित कर उन्हें विश्व स्तर के पर्यटन स्थल में तब्दील करना है.