अपने चेहरे पर झुर्रियां देखने की सोच ही आपको डरा जाती है, लेकिन उम्र का बढ़ना तो एक सच्चाई है. इसे आपको स्वीकारना ही होगा, लेकिन इसका मतलब ये क़तई नहीं कि आप समय से पहले अपने चेहरे पर झुर्रियों को बर्दाश्त करें, ख़ासतौर पर आंखों के आसपास. यहां हम आपको क्रोज़ फ़ीट को मैनेज करने के तरीक़े बता रहे हैं.
आप युवक हों या युवती यदि आपने अब तक ‘क्रोज़ फ़ीट’ टर्म के बारे में नहीं सुना है तो इसके दो ही मतलब हो सकते हैं. पहला ये कि आप अपनी उम्र के दूसरे दशक यानी ट्वेंटीज़ में हैं या फिर आप अपनी त्वचा और झुर्रियों को लेकर बेहद सावधान नहीं हैं. उम्र बढ़ने के साथ-साथ त्वचा पर महीन रेखाएं और झुर्रियों का आना सामान्य बात है, लेकिन यदि आप इसकी रफ़्तार को धीमा कर सकते हैं तो क्यों न किया जाए. झुर्रियां सबसे पहले आंखों के आसपास क्रोज़ फ़ीट के रूप में ही तो नज़र आती हैं.
हंसते समय आपकी आंखों की कोरों और कनपटी के बीच बिल्कुल किसी कौए के पैरों की तरह तीन हिस्सों में आती झुर्रियों को क्रोज़ फ़ीट कहा जाता है. यदि आपके चेहरे पर ये मौजूद हैं तो सबसे पहले यही आपकी उम्र की चुगली करती नज़र आती हैं. अत: आइए इनकी गति को धीमा करने के आसान से तरीक़े जान लेते हैं, ताकि बढ़ती उम्र का असर थमा हुआ नज़र आए.
अच्छी नींद लें, ताकि त्वचा आराम कर सके
तनाव और झुर्रियों का सीधा संबध है. जितना अधिक तनाव आप लेंगे/लेंगी उतनी ही जल्दी झुर्रियां भी बढ़ेंगी. तनाव दूर करने का सबसे अच्छा तरीक़ा है अच्छी नींद. अत: अच्छी नींद लाने की तमाम आदतों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें. मसलन, शाम छह बजे के बाद कैफ़ीन न लेना, सोने के दो घंटे पहले भोजन कर लेना, सोने से घंटेभर पहले स्क्रीन वाले गैजेट्स को बाय-बाय कह देना और सोने से पहले एक ग्लास गर्म या गुनगुना (जैसा आपको पसंद हो) दूध पीना. इस दूध में हल्दी मिला लें तो यह त्वचा के लिए और भी अच्छा उपहार हो जाएगा.
खानपान ऐसा रखें, जो सेहतमंद हो
आपके दिनभर के खानपान में इंद्रधनुष के सभी रंग प्राकृतिक रूप से मौजूद हों तो आपका खानपान सेहतमंद हो जाएगा. भोजन में ओमेगा-3 फ़ैटी ऐसिड्स और विटामिन A, B, C और E से भरपूर फलों व सब्ज़ियों को शामिल करें. इस तरह आपके भोजन में इंद्रधनुष के सभी रंग शामिल भी हो जाएंगे और आपकी त्वचा में कोलैजन का उत्पादन भी बढ़ेगा. ध्यान रहे कि कोलैजन ही तो आपकी त्वचा को वो लचीलापन और दृढ़ता देता है, जो आपकी त्वचा को झुर्रियों के न आने का कारण है. इसके साथ-साथ अपनी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं और समय-समय पर छाछ, जूस, नींबू पानी, नारियल पानी जैसे पोषण देने वाले पेय भी लेते/लेती रहें.
किचन में मौजूद चीज़ों का करें इस्तेमाल
आपके किचन में मौजूद चीज़ें, जैसे- दही, मलाई, हल्दी, खीरा, टमाटर, अंडे की सफ़ेदी, ऐलो वेला, नींबू वगैरह वो चीज़ें हैं, जो प्राकृतिक तौर पर आपकी त्वचा पर मौजूद महीन रेखाओं को दूर करने का काम करती हैं. इन्हें अलग-अलग मास्क के तौर पर चेहरे पर लगाया जा सकता है और चेहरे पर मौजूद झुर्रियों के बढ़ने की गति को कम करता है. इसके अलावा तिल का तेल, नारियल का तेल, बादाम का तेल या आर्गन ऑइल से चेहरे और आंखों के आसपास मालिश करने से भी क्रोज़ फ़ीट व महीन झुर्रियों के बढ़ने की रफ़्तार धीमी होती है.
ऐंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स, आइ क्रीम्स व सीरम्स का इस्तेमाल
ऐंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स त्वचा पर जैसे जादू कर देते हैं, झुर्रियों की रफ़्तार पर लगाम ही लगा देते हैं. अपने स्किन केयर रूटीन में ऐंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स शामिल करें. इसके साथ-साथ एसपीएफ़ वाले प्रोडक्ट्स को अपने स्किन केयर रूटीन का हिस्सा बनाएं. ये सन टैन और सन बर्न से बचाने के अलावा आंखों के निचले हिस्से की स्थिति को सुधारता है. यही नहीं, क्रोज़ फ़ीट पर लगाम कसनी है तो रात को सोने जाने से पहले अपनी आंखों के आसपास व निचले हिस्से पर नमी देने वाली अंडर आइ क्रीम या फिर इसके लिए बनाए गए सीरम लगाना न भूलें. ये सीरम/क्रीम रातभर में आपकी आंखों के निचले हिस्से की सही तरह से मरम्मत कर देंगे और उनके बढ़ने की गति को धीमा कर देंगे. यदि आप यह तय नहीं कर पा रहे/रही हैं कि आपको कौन-सी क्रीम/सीरम लगाना है तो आप डर्मैटोलॉजिस्ट से सलाह ले सकते हैं.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट