त्वचा की देखभाल करना है तो एक्स्फ़ॉलिएशन या स्क्रबिंग आपके साप्ताहिक रूटीन का हिस्सा होनी ही चाहिए. यह बात तो आपसे हमेशा कही गई होगी, लेकिन क्यों? आज आपको यहां इस बात का जवाब मिलेगा और हमें पता है कि जब आप इसे पढ़ेंगे तो आप युवक हों या युवती स्क्रबिंग को अपनी त्वचा की देखभाल के महत्वपूर्ण रूटीन की तरह शामिल कर लेंगे. एक बात और स्क्रबिंग के दौरान आपको इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि आपकी त्वचा कैसी है या स्किन टाइप क्या है. तभी आपको स्क्रबिंग के पूरे फ़ायदे मिल सकेंगे, अन्यथा आप अपनी त्वचा को अनजाने में नुक़सान न पहुंचा बैठें. आइए, यहां जानें कि क्यों ज़रूरी है स्क्रबिंग.
यदि त्वचा को स्वस्थ, दमकता हुआ, लचीला और सही रंगत का बनाए रखना है तो सप्ताह में एक बार इसे स्क्रब करना ज़रूरी है. धूल, गंदगी और पर्यावरण में मौजूद प्रदूषण के कण त्वचा पर जम जाते हैं और वे त्वचा की रंगत को बुझा हुआ बना देते हैं. कैसे? चलिए आपको इसकी तह में ले चलें.
हमारी त्वचा पर कितनी कोशिकाएं होती हैं?
वैज्ञानिकों के एक अनुमान के मुताबिक़ मानव शरीर कुल लगभग 10 ट्रिलियन यानी सौ खरब कोशिकाओं से मिलकर बना होता है. और हमारी त्वचा पर कुल मिलाकर लगभग 1.6 ट्रिलियन कोशिकाएं यानी सेल्स होती हैं. और रोज़ाना यानी 24 घंटे में हमारी त्वचा से तक़रीबन 10 लाख कोशिकाएं झड़ जाती हैं. यही नहीं, 28 दिनों के भीतर हमारी त्वचा की ऊपरी पर्त ख़ुद का पुनर्निमाण कर लेती है. नई बनी हुई कोशिकाएं ख़ुद को ऊपर की ओर यानी त्वचा की सबसे ऊपरी पर्त की ओर धकाती हैं और ऊपर आ जाती हैं. इस वजह से वहां मौजूद पहले वाली स्किन सेल झड़कर नीचे गिर जाती है. यह क्रिया हमारी त्वचा पर निरंतर चलती रहती है.
आख़िर ये झड़ी हुई स्किन सेल्स जाती कहां हैं?
अब यदि आप यह सोच रहे हैं कि इस तरह झड़ी हुई स्किन सेल्स आख़िर कहां चली जाती हैं? तो आपको बता दें कि आपके अपने घर में ये धूल-गंदगी के रूप में मौजूद होती हैं. जो गंदगी आपको ज़मीन, टेबल, फ़ोटो फ्रेम्स, फ़ोन, लैपटॉप, काउंटर टॉप पर नज़र आती है और जिसे साफ़ करने में आपकी बैंड बज जाती है, उसमें से अधिकतर डेड स्किन सेल्स ही होती हैं. एक अनुमान के मुताबिक़ सालभर में एक व्यक्ति के शरीर से लगभग 3.6 किलोग्राम स्किन सेल्स झड़ती हैं. और जिन्हें हम डस्ट माइट्स कहते हैं, जिनसे कई लोगों को एलर्जी भी होती है, जो हमारे घर में बहुत ही छोटे यानी माइक्रोस्कोपिक जीवाणु मौजूद होते हैं, वे इन डेड स्किन सेल्स को खाकर ही जीवित रहते हैं.
क्या पूरी स्किन सेल्स झड़ जाती हैं?
नई स्किन सेल्स, ज़्यादातर पुरानी सेल्स को धक्का देकर हटा देती हैं, लेकिन बावजूद इसके त्वचा पर मौजूद तेल, पसीने, धूल-गंदगी और प्रदूषण के कणों चलते सभी पुरानी सेल्स झड़ नहीं पातीं और कुछ हमारे चेहरे पर मौजूद रह जाती हैं. चूंकि ये डेड सेल्स हैं, त्वचा पर जबरन मौजूद हैं तो ये त्वचा को बेजान दिखाने लगती हैं. त्वचा की रंगत को गहरा कर देती हैं. यही वजह है कि चाहे आप युवक हों या युवती आपको सप्ताह में एक बार अपनी त्वचा को स्क्रब कर के डेड स्किन सेल्स को हटाने की सलाह दी जाती है. सप्ताह में एक बार त्वचा को स्क्रब करने से डड सेल्स हटती हैं, जिससे त्वचा की रंगत में सुधार आता है. तो हमारी बात मानिए और स्क्रबिंग को अपनी त्वचा की देखभाल के रूटीन में शामिल कर लीजिए. यहां हम आपको यह भी बताना चाहेंगे कि अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार ही आपको इसे स्क्रब करना चाहिए. लेकिन इसपर लंबी चर्चा फिर कभी.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट