यह तो हम सभी जानते हैं कि त्वचा के खुले रोमछिद्र यानी ओपन पोर्स अधिकतर तैलीय त्वचा पर होते हैं. और यह भी पूरी तरह सच है कि ये ओपन पोर्स हमें उम्रदराज़ दिखाते हैं. लेकिन यदि हम आपसे यह कहें कि ओपन पोर्स को कम किया जा सकता है तो? जी हां, यह बिल्कुल सही है. और हम यहां इसके तरीक़े बता रहे हैं.
क्या आपको यह पता है कि रोमछिद्र हमारी त्वचा के लिए वायु संचार का यानी वेंटिलेशन का काम करते हैं? हमारी त्वचा इन पोर्स के ज़रिए ही सांस लेती है. और पोर्स हमारे शरीर के हर हिस्से की त्वचा पर मौजूद होते हैं. जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, वैसे-वैसे ये पोर्स उभरकर नज़र आने लगते हैं. पोर्स का इस तरह बढ़ना बेहद स्वाभाविक प्रक्रिया है. और यह बात हम आपको इसलिए बता रहे हैं कि यदि आप ये सोच रही हों कि हम आपको पोर्स से छुटकारा पाने के तरीक़े बता रहे हैं तो आप ग़लत हैं.
एक सच यह भी है कि ऑइली त्वचा वाले लोगों में ओपन पोर्स की समस्या पोर्स में मेकअप, धूल-गंदगी और प्रदूषण के कणों के फंस जाने यानी क्लॉगिंग की वजह से भी होती है. तो हमारे कहने का मतलब यह है कि जहां पोर्स से छुटकारा पाना संभव नहीं हैं, वहीं राहत की बात यह है कि जिस तरह हम बढ़ती उम्र के निशानों, बारीक़ रेखाओं और झुर्रियों को मैनेज करते हैं, ठीक उसी तरह बड़े, ओपन पोर्स को भी मैनेज किया जा सकता है. और यहां हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं. अपने पोर्स को मैनेज करने के लिए आपको अपनी त्वचा की देखभाल के रूटीन में शामिल क्लेंज़िंग, टोनिंग और मॉइस्चराइज़िंग जैसे स्टेप्स में इस्तेमाल होनेवाले प्रोडक्ट्स में थोड़ा बदलाव लाना होगा. इसके लिए:
अपने मौजूदा फ़ेस वॉश को सोप-फ्री फ़ेस वॉश से बदल दें
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया क्लॉगिंग की वजह से भी ओपन पोर्स की समस्या होती है. इसके लिए बहुत ज़रूरी है कि दिनभर के काम के बाद जब आप घर पहुंचें तो अपने चेहरे को अच्छी तरह क्लेंज़ करें, ताकि चेहरे पर मौजूद धूल, गंदगी, मेकअप और प्रदूषण के कण पूरी तरह हट जाएं और पोर्स बंद न रहने पाएं. इसके लिए आप अपने मौजूदा क्लेंज़र की जगह ऐसे सोप-फ्री क्लेंज़र का इस्तेमाल करें, जिसमें साबुन, कृत्रिम ख़ुशबू और प्रिज़र्वेटिव्स ना हों. क्योंकि ये चीज़ें आपकी त्वचा को नुक़सान पहुंचाती हैं.
ऐल्कहॉल मुक्त टोनर का इस्तेमाल करें
जब बात स्किनकेयर की हो तो शायद यह बहस कभी ख़त्म नहीं होगी कि स्किनकेयर के रूटीन में रोज़ाना टोनर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए या नहीं? लेकिन आपको मालूम होना चाहिए कि ऑइली त्वचा वालों के लिए, जिन्हें ओपन पोर्स की समस्या सबसे ज़्यादा होती है, टोनर का इस्तेमाल करना बहुत ज़रूरी है. इसके इस्तेमाल से न सिर्फ़ पोर्स में जमा गंदगी साफ़ होती है, बल्कि यह पोर्स को कसने का काम भी करता है. ऐल्कहॉल रहित फ़ॉर्मूला वाले टोनर का ही इस्तेमाल करें, क्योंकि यह आपकी त्वचा को किसी तरह का नुक़सान नहीं पहुंचाता है. साथ ही, अपने डर्मैटोलॉजिस्ट की सलाह लें कि आपके लिए कौन-सा टोनर सही रहेगा.
ऑइल-फ्री फ़ॉर्मूला वाले हों मॉइस्चराइज़िंग प्रोडक्ट्स
हम यहां फिर दोहराएंगे कि अक्सर ऑइली त्वचा पर ही ओपन पोर्स ज़्यादा दिखाई देते हैं. अत: जब क्लेंज़िंग और टोनिंग के बाद मॉइस्चराइज़र लगाने की बारी आए तो जेल बेस्ड या ऑइल फ्री हल्के मॉइस्चराइज़र का ही इस्तेमाल करें. यदि मॉइस्चराइज़र में रेटिनॉल या हायलूरॉनिक ऐसिड मौजूद हो तो यह बात सोने पर सुहागा साबित होगी, क्योंकि ये दोनों पोर्स को समतल दिखाने में सहायक हैं. यदि आप ख़ुद अपने लिए कोई अच्छा मॉइस्चराइज़र न चुन पा रही हों तो अपने डर्मैटोलॉजिस्ट की सलाह पर मॉइस्चराइज़र चुनें. यदि नाइट क्रीम या सीरम आदि का इस्तेमाल करना चाहती हैं तो इनका चयन भी अपने डर्मैटोलॉजिस्ट की सलाह पर ही करें.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट