नष्ट कुछ भी नहीं होता: प्रियदर्शन की कविता
कहते हैं कोई भी चीज़ चिरस्थाई नहीं होती. अर्थात नष्ट होना सबकी नियति है. पर क्या चीज़ें वाक़ई नष्ट हो ...
कहते हैं कोई भी चीज़ चिरस्थाई नहीं होती. अर्थात नष्ट होना सबकी नियति है. पर क्या चीज़ें वाक़ई नष्ट हो ...
हम हर चीज़ को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं, पर मौत की अनदेखी नहीं कर सकते हैं. कुंवर नारायण की छोटी-सी ...
अपनी कविताओं में अपने जीवन की छोटी-मोटी घटनाओं का बरबस ज़िक्र करके समाज के तानेबाने और देश-दुनिया की स्थिति बयां ...
इन दिनों हमारे देश में हमारी मातृभूमि और देशभक्ति की भावना का ज़िक्र अक्सर होता रहता है. सोशल मीडिया पर ...
वीरेन डंगवाल को साधारण मनुष्य का कवि कहा जाता है, वे सच्चे अर्थों में जनकवि कहाते हैं. क्यों कहाते हैं ...
महानगरीय जीवन की आपाधापी में सुबह के बाद अब सीधे रात होने लगी है. खोई हुई इसी शाम की तलाश ...
एक कवि अपने शब्दों के साथ कितनी ख़ूबसूरती से दृश्यों का तानाबाना बुन सकता है आलोक धन्वा की कविता ‘सफ़ेद ...
अदम गोंडवी जनता के कवि माने जाते हैं. उन्होंने हमेशा आम जन के सरोकारों पर अपनी बात बेबाकी से रखी. ...
आम आदमी की ज़िंदगी को फ़ंटासी से भरे गीतों के बजाय उसी के जीवन के शब्दों में ढालने का काम ...
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना अपनी बाल कविताओं के लिए जाने जाते थे. कविता मेघ आए में उन्होंने आसमान में घिर आए ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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