तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत हो: जॉन एलिया की शायरी
उर्दू की कई ग़ज़लें महबूबा की नई तस्वीर पेश करती हैं. जॉन एलिया की रचना ‘तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत ...
उर्दू की कई ग़ज़लें महबूबा की नई तस्वीर पेश करती हैं. जॉन एलिया की रचना ‘तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत ...
ग़ुलाम अली की आवाज़ में आपने भी यह ग़ज़ल सुनी होगी. बीते समय की तलाश पर ले चलती गुलज़ार साहब ...
प्रिय के विरह में दुखी प्रेमिका अपने प्रेमी के आगमन की कामना करती है. वह उसके संभावित आगमन पर उसके ...
जहां घरों में खिड़की रौशनी और हवा की आवाजाही के लिए लिए ज़रूरी है, वहीं जीवन में खिड़की उम्मीदों को ...
साहित्य अकादमी विजेता कवि-लेखक कैलाश वाजपेयी की यह चर्चित कविता भाग्य के भरोसे रहनेवाले, आसानी से हार मान लेनेवाले और ...
छोटी कविताओं में गंभीर बातें कह जाने का हुनर रखने वाले हमारे समय के जाने-माने कवि नरेश सक्सेना की यह ...
जुलाहे की तरह बारीक़ी से रिश्तों के धागे बुनने का हुनर अगर हम सबको आता तो हमारी ज़िंदगी वाक़ई गुलज़ार ...
कहने को तो आजकल कहा जाने लगा है कि एक बेटी मां से कहीं ज़्यादा पिता के क़रीब होती है. ...
मधुशाला और अग्निपथ जैसी गंभीर रचनाओं के कवि हरिवंशराय बच्चन उम्दा बाल कविताएं भी लिखते थे. उनकी कविता ‘आ रही ...
कुछ कविताएं दिल में इस तरह उतर जाती हैं कि किसी संघर्ष का एंथम बन जाती हैं. वर्ष 2012 के ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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