‘‘मांओं को अब बच्चों की परवरिश यूं करनी होगी कि कोई उन्हें भटका न सके.‘‘
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
जगत मिथ्या और ब्रह्म सत्य है या ब्रह्म मिथ्या और जगत सत्य. ये विवाद सदैव से चलता आया है और ...
आज के गैजेट्स से भरे समय में बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं है, चीज़ें उतनी सहज नहीं है, जितनी ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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