नमक: अनामिका की कविता
नमक कहने को तो एक आम-सी चीज़ है, पर उसकी व्यापकता इस आम-सी चीज़ को ख़ास बनाने के लिए काफ़ी ...
नमक कहने को तो एक आम-सी चीज़ है, पर उसकी व्यापकता इस आम-सी चीज़ को ख़ास बनाने के लिए काफ़ी ...
एक औरत के जितना सामंजस्य बिठाकर भला और कौन चल सकता है. अपने पहले राजकीय प्रवास पर गई औरत के ...
कूड़ा बीनते बच्चों को देखकर किसका मन द्रवित नहीं होता होगा! कूड़ा बीनते बच्चों को देखकर कोई भी संवेदनशील मन ...
बंगाल का काला जादू उत्तर की कई लोककथाओं में बदनाम रहा है. उन लोक कथाओं में रोजी कमाने बंगाल की ...
एक बेरोज़गार मन को बांचती है लोकप्रिय कवयित्री अनामिका की कविता ‘बेरोज़गार’. किसी कॉलसेंटर के घचर-पचर-सा रतजगा जीवन क्या जाने ...
एक औरत को मरने की भी फ़ुर्सत नहीं होती, ख़ासकर जब वह मां होती है. लोकप्रिय कवयित्री अनामिका की कविता ...
हाल ही में साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवयित्री अनामिका की कविताएं अपने अंदर कहानियां समेटे होती हैं. वे आपसे बतियाती ...
आज साहित्य अकादमी ने अपने 20 भारतीय भाषाओं के वार्षिक पुरस्कार की घोषणा की. हिंदी में जानी-मानी कवयित्री और उपन्यासकार ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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