झूठ को सच तू मिरे यार बना सकता है: हनीफ़ इंदौरी ‘दानिश’ की ग़ज़ल
ग़ज़ल हमेशा ही पढ़ने और सुनने वाले के दिल को छू जाती है, क्योंकि सच्चाई, सादाबयानी और साफ़गोई ग़ज़ल का ...
ग़ज़ल हमेशा ही पढ़ने और सुनने वाले के दिल को छू जाती है, क्योंकि सच्चाई, सादाबयानी और साफ़गोई ग़ज़ल का ...
यूं तो हर संजीदा व्यक्ति अपने आसपास के हालात पर नज़र रखता है, हवाओं में मौजूद संदेशों को पढ़ता है ...
यह उम्मीद ही तो होती है, जो हमें जीवंत बनाए रखती है. शकील अहमद की यह ग़ज़ल भी आपको उम्मीद ...
ज्ञान प्रकाश विवेक की ग़ज़ल संग्रह ‘गुफ़्तगू आवाम से है’ की ग़ज़लें अपने संग्रह के नाम के मुताबिक आवाम की ...
सियासत हमेशा ही माहौल को नफ़रतभरा बना देती है, लेकिन नफ़रत से केवल नफ़रत ही पैदा होती है. नफ़रत से ...
अदम गोंडवी आम आदमी के कवि थे. आवाम की तकलीफ़ हमेशा उनकी कलम का हिस्सा रही. अपनी कविताओं से उन्होंने ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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