शाह की कंजरी: कहानी हीरा मंडी की एक मुजरेवाली की (लेखिका: अमृता प्रीतम)
किसी पुरुष की ज़िंदगी में दूसरी औरत होने का दुख क्या होता है? अमृता प्रीतम की कहानी ‘शाह की कंजरी’ ...
किसी पुरुष की ज़िंदगी में दूसरी औरत होने का दुख क्या होता है? अमृता प्रीतम की कहानी ‘शाह की कंजरी’ ...
क्या हमारा दिल भी हमारी अमीरी और ग़रीबी के मुताबिक़ छोटा या बड़ा होता है? रबिंद्रनाथ टैगोर की इस कहानी ...
ख़ूबसूरत लड़कियों को चिढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला एक जुमला ‘अंगूर की बेल’ कैसे एक परिवार की तीन पीढ़ियों ...
कुछ रिश्ते ख़ून के नहीं होते, पर उनका गाढ़ापन ख़ून के रिश्ते से कम नहीं होता. ऐसा ही रिश्ता था ...
शिक्षा व्यवस्था में ट्यूशन कल्चर के आने से न जाने कितने प्रतिभाशाली बच्चों के साथ अन्याय हुआ है. मन्नू भंडारी ...
कुछ रिश्तों के धागे उतने भी सीधे-सरल नहीं होते, जितना हम समझते हैं. और कुछ रिश्ते उतने भी जटिल नहीं ...
बेमेल ब्याह से न जाने कितनी ज़िंदगियां बर्बाद हुई है. क्या अनपढ़ सुमरचन्ना और आरती कुमारी की ज़िंदगी भी ऐसी ...
कुछ लोग हर रिश्ते में अपना नफ़ा तलाशते हैं? हर आपदा में अवसर खोजते हैं. और वहीं कुछ बेहद साफ़दिल ...
पति-पत्नी के रिश्ते को बनाए रखने, बचाए रखने के लिए एक पत्नी द्वारा किए जानेवाले प्रयासों की बानगी है मोहन ...
आप दुनिया में कहीं भी चले जाएं, पर अपने देश की बातें और यादें पीछा नहीं छोड़ती हैं. भीष्म साहनी ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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