मक्रील: एक बेबस बूढ़े कवि की प्रेम कहानी (लेखक: यशपाल)
यौवन से सुंदर भला और क्या हो सकता है? सुंदर से सुंदर इंसान बुढ़ापे के आगे बेबस होता है. ऐसे ...
यौवन से सुंदर भला और क्या हो सकता है? सुंदर से सुंदर इंसान बुढ़ापे के आगे बेबस होता है. ऐसे ...
नए और पुराने संस्कारों के बीच के धर्मयुद्ध को बयां करती है यशपाल की कहानी, धर्मयुद्ध. श्री कन्हैयालाल के पारिवारिक ...
एक महिला अनाथ बच्चे को मज़दूरी करते देख द्रवित हो जाती है. वह उसे घर ले आती है. अपने बेटे ...
एक अधेड़ व्यक्ति की पत्नी और पड़ोस में रहनेवाले एक युवक की अधूरी प्रेम कहानी. इंसानी स्वभाव और दुर्बलताओं का ...
कहते हैं एक भारत में कई-कई भारत बसते हैं. कहानी आदमी का बच्चा में आदमी के बच्चे और कुत्ते के ...
इंसान स्वभाव से दोगला होता है. मुश्क़िल से मुश्क़िल वक़्त में ‘आपदा में अवसर’ की तलाश करनेवाला आदमी, दिखावे के ...
क्यों उबेदुल्ला से शाहिद बना पुलिसवाला अदालत में अपने बयान से मुकर गया? जानने के लिए पढ़ें यशपाल की कहानी ...
यशपाल की इस कहानी की पृष्ठभूमि उस समय की है, जब भारत में बाल विवाह का प्रचलन था. फूलो पांच ...
इज़्ज़त एक ऐसी शै है, जिसे बनाए और बचाए रखने का जतन हर इंसान करता है. दौलत से आई हुई ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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