बसंती हवा: केदारनाथ अग्रवाल की कविता
केदारनाथ अग्रवाल की कविता ‘बसंती हवा’ अल्हड़ अल्मस्त बसंती हवा की आत्मकथा जैसी है. हवा हूं, हवा, मैं बसंती हवा...
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आपको पसंद हो न हो, एक मां को एक साथ कई काम करने पड़ते हैं. ऐसे में एक मां को...
एक बेरोज़गार मन को बांचती है लोकप्रिय कवयित्री अनामिका की कविता ‘बेरोज़गार’. किसी कॉलसेंटर के घचर-पचर-सा रतजगा जीवन क्या जाने...
क्या आप जानते हैं, हाल ही में छपी एक कंडोम निर्मता और सप्लायर कंपनी की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में...
आज़ादी के पहले के साम्प्रदायिक माहौल को बयां करते हुए लिखी गई लेखिका-कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान की यह कहानी इंसानियत...
शुगर यानी डायबिटीज़ के रोगियों की टेंशन तब बढ़ जाती है, जब कोई उन्हें स्टार्च खाने कहे, लेकिन डॉक्टर दीपक...
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हेयर सीरम एक ऐसा हेयर केयर प्रोडक्ट है, जिसका यदि सही तरीक़े से इस्तेमाल किया जाए तो यह आपको बालों...
कभी-कभी जीवन में ख़ुद के साथ या अपने क़रीबी लोगों के साथ घटी कुछ घटनाएं हमें एक अलग ही दुनिया...
मेकअप हमारे चेहरे को ख़ूबसूरत ही नहीं दिखाता, बल्कि उसे उम्रदराज़ दिखने से भी बचा ले जाता है. मेकअप की...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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