सड़क के किनारे: पत्थर दिल या दिल पर पत्थर रखनेवाली मां की कहानी (लेखक: मंटो)
अपनी नवजात बच्ची को छोड़ रही एक मां की दर्दभरी दास्तां, पढ़ें मंटो की कहानी सड़क के किनारे में. “यही...
हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.
अपनी नवजात बच्ची को छोड़ रही एक मां की दर्दभरी दास्तां, पढ़ें मंटो की कहानी सड़क के किनारे में. “यही...
विवादित फ़िल्म क्यों विवादित है, इसे जानने के लिए उस देखना तो बनता ही था. लेकिन देखकर समझ में नहीं...
पब्लिक ट्रान्सपोर्ट को किसी भी शहर की जीवनरेखा कहा जाता है. क्या होता है जब एक शहर में ट्राम कर्मचारी...
इन दिनों सोशल मीडिया के ज़रिए किस तरह लोगों का ध्यान अपने जीवन की बुनियादी ज़रूरतों से इतर धर्म और...
कुछ कविताएं दिल में इस तरह उतर जाती हैं कि किसी संघर्ष का एंथम बन जाती हैं. वर्ष 2012 के...
वर्षों पहले लिखी अदम गोंडवी की छोटी-सी रचना ‘घर में ठंडे चूल्हे पर अगर ख़ाली पतीली है’ आज के सामाजिक...
‘फ़िक्शन अफ़लातून’ हिंदी की इस नई वेबसाइट की पहली प्रतियोगिता थी. हम इसे लेकर बेहद उत्साहित थे और आपकी प्रतिक्रियाओं...
आजकल बच्चे हों या बड़े, सभी तनाव की शिकायत करते हैं और यह सच्चाई भी है कि तनाव सभी के...
यूं तो हर संजीदा व्यक्ति अपने आसपास के हालात पर नज़र रखता है, हवाओं में मौजूद संदेशों को पढ़ता है...
देश के वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए क्या आपको लगता है कि क़ानून के सामने सभी लोग बराबर हैं? संविधान...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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