तू फूल की रस्सी न बुन: कुंवर बेचैन की कविता
अपनी कविताओं के माध्यम से चुटीले अंदाज़ में समाज को संदेश देनेवाले कुंवर बेचैन की यह कविता सबकुछ जानते समझते...
हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.
अपनी कविताओं के माध्यम से चुटीले अंदाज़ में समाज को संदेश देनेवाले कुंवर बेचैन की यह कविता सबकुछ जानते समझते...
त्यौहारों की दस्तक तो जन्माष्टमी से शुरू हो ही चुकी है. फ़ैशन की दुनिया में भी त्यौहारों की उजास फैली...
कुछ रिश्तों के धागे उतने भी सीधे-सरल नहीं होते, जितना हम समझते हैं. और कुछ रिश्ते उतने भी जटिल नहीं...
मैनिक्योर आप कर/करवा तो लेती हैं, लेकिन अक्सर यह सोचते हुए कि ये पैसे तो वेस्ट ही जाने वाले हैं!...
उम्मीद पर दुनिया कायम है, इस कविता में कवि केदारनाथ अग्रवाल एक बेहतर उज्जवल भविष्य की उम्मीद जता रहे हैं....
यदि आप उन लोगों में से हैं जो भोजन की न्यूट्रिशन वैल्यू को ले कर सचेत रहते हैं तो ज़ाहिर...
बेमेल ब्याह से न जाने कितनी ज़िंदगियां बर्बाद हुई है. क्या अनपढ़ सुमरचन्ना और आरती कुमारी की ज़िंदगी भी ऐसी...
पांवों के निशान बताते हैं कि हमने किस दिशा में कितनी दूरी तय की है. कंक्रीट की सड़क पर बने...
कभी-कभी अपनी ही ग़लतियां हमें चुभने लगती हैं. अपनी ग़लतियों की चुभन से यदि हम जीवन का नया अनुभव लेते...
पेशे से निश्चेतना चिकित्सक (anesthesiologist) मोहन कुमार नागर छिंदवाड़ा के रहने वाले युवा कवि और तल्ख़ आलोचक थे. उनके तीन...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.