लेटर बॉक्स: डॉ यश गोयल की कहानी
भागती दुनिया में चिठ्ठियां अब शायद ही कोई भेजता हो. वैसे भी जब सूचना लाइव भेजी जा सकती हो तो...
हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.
भागती दुनिया में चिठ्ठियां अब शायद ही कोई भेजता हो. वैसे भी जब सूचना लाइव भेजी जा सकती हो तो...
अब वह समय नहीं रहा, जब स्टूडेंट्स पढ़ाई पूरी करने के बाद ही कोई नौकरी लिया करते थे. आज के...
घर वह जगह है, जहां हमें पूरी दुनिया जीतने के बाद लौटना है. पर कुछ ऐसे बेघर लोग भी होते...
एक पिता के लिए बेटियां क्या होती हैं, बता रही है कुंवर बेचैन की कविता ‘बेटियां’. बेटियां शीतल हवाएं हैं...
जिस तरह सादे या बोल्ड कलर की ड्रेसेस अपना एक अलग मुक़ाम रखती हैं, बिल्कुल उसी तरह कई रंगों के...
ग्रीन टी का सेवन हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है, यह बात तो आपको मालूम ही है. अब यह...
बारिश सिर्फ़ आसमान से बरसती हुई पानी की बूंदें नहीं हैं, बल्कि एक कवि की नज़र से देखने पर बहुत...
हेल्थ कॉन्शस लोगों की नई जमात ने सदियों से भारतीय थाली में मौजूद रहे अचार को सेहत के लिए ख़तरनाक...
क्या आप जानते हैं कि कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अपनी जीवनशैली यानी लाइफ़स्टाइल में बदलाव...
अरुण चन्द्र रॉय की कविता ‘डरता हूं मेरे बच्चे’ बयां करती है एक मध्यवर्गीय कस्बाई पिता का भय. कार्टून चैनलों...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.