यौवन से लेकर बुढ़ापे तक औरतों का नींद से नाता उनके संपूर्ण जीवनचक्र को बयां कर जाता है. कवयित्री अनुराधा...
पत्नी के मरने के बाद प्रभाती, दूसरी शादी कर आता है. उसकी नई बीवी अंगूरी उससे उम्र में काफ़ी छोटी...
विभाजन के दौर में नई खिंची सरहद के दोनों ओर अफ़रातफ़री का माहौल था. जानमाल की हिफ़ाज़त के लिए हिंदुस्तान...
दिखावा फिर चाहे निजी हो या सामाजिक यह किस तरह ले डूबता है, बिना सोचे-समझे लीक पर चलते चले जाने...
अल्सेशियन मां और भूटिए पिता की संतान नीलू एक अनाथ कुत्ता है. उसकी और हिंदी की मशहूर लेखिका महादेवी वर्मा,...
कहीं भागदौड़ से भरी ज़िंदगी और पुरुषों से आगे या उनके समकक्ष बने रहने की ज़िद महिलाओं को अपने जीवन...
बुआ की सख़्तमिज़ाजी प्रसिद्ध थी. पूरा घर उनके कायदे में बंधा था. व्यवस्था पसंद बुआ की बेटी एक बार बीमार...
लड़कियां भागती हैं. पर लड़कियों क्यों भागती हैं? क्यों भागती आई हैं? क्यों भागती रहेंगी? वे अपने पीछे क्या छोड़...
वर्तिका नन्दा की यह कविता उन रानियों की कहानी है, जिनके पास सारे सच तो थे, पर ज़ुबां बंद थी....
पहाड़ों की एक मासूम-सी दादी कहती है, टॉर्च में उजाले के साथ आग भी होनी चाहिए…दादी के माध्यम से कवि...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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