महामारी के दौर के बाद इन दिनों ऑफ़िस खुल चुके हैं. कई ऑफ़िसों में अब भी आधी संख्या में कर्मचारियों को बुलाया जा रहा है और उन्हें रोटेशन में भी बुलाया जा रहा है. यूं तो मीटू अभियान के बाद ऑफ़िसों में महिलाओं के साथ छेड़छाड़ करने से पुरुष डरते हैं, लेकिन विकृत मानसिकता वाले पुरुष कहीं भी पाए जा सकते हैं. यदि आपके साथ भी ऑफ़िस में छेड़छाड़ हो या आपको परेशान किया जा रहा हो तो ये टिप्स आपको इस परेशानी से निपटने में मदद करेंगे.
आप कामकाजी हैं तो यह बात आप भी अच्छी तरह जानती होंगी कि दफ़्तरों में यौन उत्पीड़न अधिनियम, 2013, के तहत महिलाओं को सुरक्षित रखने का प्रावधान किया गया है. इसके तहत हर ऑफ़िस के एचआर डिपार्टमेंट के लिए महिलाओं की सुरक्षा से जुड़ी एक समिति बनाना और अपने कर्मचारियों को इसकी जानकारी देना अनिवार्य है, ताकि कोई महिला ख़ुद के साथ हुई छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज करा सके. लेकिन कई बार आप ख़ुद भी सजग रह कर भी इस तरह की छोटी-मोटी परेशानी को हल कर सकती हैं, जैसे- दोस्ती के बहाने आपके शरीर पर हाथ फिराना या जबरन छूने की कोशिश करना और कुछ नहीं तो यूं तारीफ़ करना जो आपको कतई पसंद न आए. कैसे? हम यहां उसी के तरीक़े बता रहे हैं:
जब आपको डर महसूस हो
महिलाओं का सिक्स्थ सेंस हमेशा ही तगड़ा होता है. वे अपने प्रति किसी के दूषित मनोभावों को तुरंत ताड़ लेती हैं. पर समस्या ये है कि केवल यह महसूस करने पर कि समाने वाले के इरादे अच्छे नहीं हैं, आप उसकी आधिकारिक शिकायत तो कर नहीं सकतीं. क्योंकि इससे आपको यह सुनने को मिलेगा कि यह महज़ आपका ख़्याल है. यदि आफ़िस में किसी सहकर्मी के साथ आपको ऐसा महसूस होता है तो उससे अकेल न मिलें. कोशिश करें कि उससे होने वाली बातचीत सबके सामने हो. यदि अकेले में बातचीत हो तो अपना चेहरा भावहीन बनाए रखें. न तो दोस्तीभरा लहजा रखें और ना ही रूखा. इससे वह व्यक्ति आगे बढ़ने को हतोत्साहित होगा.
जब लगे कि कोई घूर रहा है
यदि आपको यह महसूस होता है कि कोई लगातार आपको घूर रहा है और इससे आप असहज हो रही हों तो सबसे अच्छा तरीक़ा है एक-दो कलीग्स की उपस्थिति में उस व्यक्ति से सीधे बात करें. कहें,‘‘मुझे ऐसा लगता है कि आप मुझे घूरते हैं और यह बात मुझे पसंद नहीं है.’’ यूं तो इस तरह की बात कहने पर उसे रुक जाना चाहिए, लेकिन यदि फिर भी वह न माने तो आप सीधे ही पूछ लें,‘‘क्या परेशानी है? क्या मेरे कपड़ों पर कुछ लगा हुआ है या फिर कोई और समस्या है? यूं लगातार घूर क्यों रहे हैं आप?’’ यह बात भी आप एक-दो कलीग्स की उपस्थिति में तभी कहें, जब आपको महसूस हुआ हो कि वह घूर रहा था. उम्मीद तो यही है कि वह इससे शर्मिंदा होगा और घूरना बंद कर देगा.
जब कोई जबरन करें तारीफ़ या कसे फब्ती
यदि आफ़िस में कोई पुरुष आपकी ऐसी तारीफ़ करता या फब्ती कसता है, जो आपको पसंद नहीं और जिससे आपको महसूस होता है कि इसके इरादे अच्छे नहीं हैं तो ऐसा करने वाले को तुरंत अपनी नाराज़गी जताएं. उसे कलीग्स के सामने ही स्पष्ट शब्दों में बता दें कि यह आपको पसंद नहीं आया और आगे वह इसे न दोहराए. यदि फिर भी वह नहीं रुकता तो आप उसे यह कह कर चेतावनी दे सकती हैं कि यदि अगली बार ऐसा हुआ तो आप मामला एचआर तक ले जाएंगी. उसे अपनी नौकरी प्यारी होगी तो वह तुरंत रुक जाएगा. लेकिन यदि वह फिर भी ऐसा करता है तो आप उसके ख़िलाफ़ सबूत जुटाएं और उन्हें लेकर वाक़ई एचआर से शिकायत करें. यहां हम फिर दोहराएंगे कि एचआर से शिकायत करने से पहले आपके पास इस बात के पुख़्ता सबूत होने चाहिए कि उसने आपके मना करने के बाद भी आप पर टिप्पणी की या कोई ओछा कमेंट किया.
जब कोई आपको जबरन छुए
हालांकि इस तरह की हरकत किसी भी पुरुष को ऑफ़िस में अब नहीं करनी चाहिए, क्योंकि इसके लिए कड़ी सज़ा का प्रावधान है. लेकिन बावजूद इसके यदि कोई आपको छूने, हाथ टिकाने, ख़ुद को आप पर छुकाने या जबरन पकड़ने की कोशिश करता है तो इसकी शिकायत तुरंत एचआर से या अपने बॉस से करें. इस मामले में पहली बार ही शिकायत कर देने से चीज़ें जल्दी संभल जाएंगी. यदि उस व्यक्ति ने किसी के सामने ऐसा किया है तो आपको उससे आपकी गवाही देने को भी कहना चाहिए. हां, ऐसे मामलों में ख़ुद ही किसी तरह की हिंसा या गाली-गलौच से बचना चाहिए, ताकि कहीं आपको ही अपराधी न साबित कर दिया जाए. ऐसी बातों से प्रोफ़ेशनल तरीक़े से निपटने के लिए हमेशा सतर्क रहें और सबूत इकट्ठा ज़रूर करें. क्योंकि ये सबूत ही आपके केस को मज़बूत बना कर आपको न्याय दिलाएंगे.
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