यूं तो हम सभी अपने काम की शुरुआत एंट्री लेवल से करते हैं और धीरे-धीरे काम सीखते हुए प्रमोशन्स पाते हैं और आगे बढ़ते रहते हैं. इस तरह से आगे बढ़ने का मतलब है कि हमारे बॉसेस की उम्र हमसे ज़्यादा ही होगी. लेकिन जीवन इतनी सीधी रेखा पर नहीं चलता. उच्च संस्थानों से शिक्षा पाए हुए युवा इन दिनों, अपने नॉलेज और योग्यता के बल पर सीधे ही ऊंचे पदों के लिए सलेक्ट हो जाते हैं. ऐसे में यदि आपके बॉस की उम्र आपकी उम्र से कम हो तो आप कैसे मैनेज करेंगी/करेंगे? आज हम इसी बात पर चर्चा कर रहे हैं…
हो सकता है कि आप सालों के अनुभव के बाद उस पद पर पहुंचे हों, जो आपका ख़्वाब हो. लेकिन कुछ ही दिनों बाद आप पाएं कि आपका नया बॉस उम्र में आपसे काफ़ी छोटा/छोटी है. ये भी संभव है कि किसी व्यक्तिगत कारण से आपने नौकरी छोड़ी या सबैटिकल लिया और दोबारा ऑफ़िस जॉइन करने पर पाया कि अब जो आपका बॉस है, वह आपसे 10 या 15 वर्ष छोटा है और आपको उसे रिपोर्ट करना होगा. आप इस पसोपेश में हैं कि बॉस के साथ अपने वर्क रिलेशन्स कैसे मैनेज करें तो आपको बता दें कि यह काम उतना भी कठिन नहीं, जितना कि आप सोच रहे/रही हैं.
वर्ष 2012 में एक अमेरिकी कंपनी करियर बिल्डर के सर्वे में यह बात सामने आई कि अमेरिकी वर्कफ़ोर्स में लगभग 34% लोग अपने से उम्र में छोटे बॉस को रिपोर्ट करते हैं. यानी यदि आपके साथ ऐसा हुआ है, इसका यह क़तई मतलब नहीं कि यह कोई अजूबे वाली बात है. साथ ही आपको यह याद रखना चाहिए कि हर किसी के करियर का ग्राफ़ उसकी परिस्थितियों के मुताबिक़ बनता है. हो सकता है कि आप ब्रेक के बाद काम पर लौटे हों और आपका/आपकी युवा बॉस ने अपना ग्रैजुएशन या पोस्टग्रैजुएशन ही एक ऐसे संस्थान से किया हो कि उसे अपने सब्जेक्ट का इतना गहरा ज्ञान हो कि आपकी कंपनी ने उसे वह पद पाने के लायक़ समझा हो. अत: उम्र को अपने और इसके वर्क-रिलेशनशिप के बीच आड़े न आने दें. नीचे दिए गए कुछ टिप्स को अपना कर आप अपने युवा बॉस के साथ अपने समीकरण सही तरीक़े से बिठा सकते/सकती हैं.
यदि बॉस वयस्क है तो उम्र मायने नहीं रखती
जब कोई वयस्क हो जाता है तो उसकी राय मायने रखती है, स्किल्स मायने रखते हैं, उम्र नहीं. यदि बॉस उम्र में आपसे छोटा/छोटी है तो कोई बात नहीं. आप अपने पद के मुताबिक़, अपना बेहतरीन परफ़ॉर्मेंस दें, उनकी बातों को मानें और समय-समय पर अपनी सलाह दें, ताकि वर्कप्लेस पर आप अपने काम के साथ जस्टिस करें. यह सिरदर्द साथ न लें कि यह मेरे भाई/बहन/बेटे/बेटी के उम्र का है तो मैं इसके साथ काम कैसे करूं. बस, अपना बेस्ट देते चले जाएं.
मान कर चलें कि बॉस इस जॉब के लिए उपयुक्त है
केवल इसलिए कि वह आपसे उम्र में छोटा/छोटी है, यह न समझें कि बॉस इस पद के योग्य नहीं है. यदि वह योग्य नहीं होता/होती तो कंपनी उसे हायर ही नहीं करती. उसे इस जॉब के लिए चुना गया है, इसका सीधा मतलब है कि उसके पास वह स्किल सेट है, जो एम्प्लॉयर उस पद के लिए चाहते थे. हो सकता है कि उसकी मैनेजमेंट स्किल अच्छी हो या फिर टेक्निकल नॉलेज अच्छा हो. एक बार जब आप ये मान लेंगे/लेंगी कि उसमें कोई तो क्वालिटी है, जिसकी वजह से उसे चुना गया है तो आप अपने आप उसके साथ सहयोग करने लगेंगे/लगेंगी. और जब सहयोग करेंगे तो आप ख़ुद देख पाएंगे कि उसमें क्या ख़ूबियां हैं.
बदलाव का समर्थन करें
यदि नया बॉस कोई बदलाव करना चाहता/चाहती है तो उसे स्वीकारें. उस बदलाव का विरोध न करें. हां, यदि आपको लगता है कि उस बदलाव में कुछ और चीज़ें शामिल कर उसे और बेहतर बनाया जा सकता है तो अपनी सलाह ज़रूर दें. यहां आप कुछ अलग नहीं कर रहे/रही हैं, क्योंकि आप यही बर्ताव तब भी करते/करतीं न जब आपका बॉस उम्र में आपसे बड़ा होता/होती? तो अब भी वैसा करने में न चूकें, क्योंकि आप उसके मातहत काम कर रहे/रही हैं.
यदि बॉस आपको कोई नई ट्रेनिंग या टेक्निकल स्किल सीखने को कहते/कहती हैं तो उनकी बात को सीरयसली लें और वह ट्रेनिंग ज़रूर करें. किसी भी उम्र में नई चीज़ सीखी जा सकती है और नई चीज़ सीखने से हमेशा आपका आत्मविश्वास बढ़ता है.
बातचीत और बॉडी लैंग्वेज प्रोफ़ेशनल रखें
जब भी आप अपने बॉस को कोई सलाह दें, उसमें यह बात कभी न झलके कि आप उम्र में बड़े/बड़ी हैं. बजाय इसके आपके सुझाव से होने वाले फ़ायदे उन्हें समझ में आएं. इसके लिए अपनी बात टू द पॉइंट रखें और यह भी बताएं कि आपकी सलाह से किस तरह कंपनी, पॉलिसी या किसी प्रॉसेस का फ़ायदा होगा. यह बताते समय आपकी बॉडी लैंग्वेज उतनी ही प्रोफ़ेशनल रहे, जितनी कि तब होती, जब आपके बॉस की उम्र आपसे बड़ी होती. क्योंकि आप यह सम्मान उस पद पर आसीन व्यक्ति को दे रहे/रही हैं.
साथ ही यदि आप अपने यंग बॉस को कोई ऐसी गतिविधि करते देखें, जो आपको ऑफ़िस के मुताबिक़ उपयुक्त नहीं लगती, तब भी अपनी उम्र के मुताबिक़ ‘बड़ों जैसी’ सलाह देने से बचें. क्योंकि ऑफ़िस में आपके बॉस के मैनेजर्स और घर पर उनके माता-पिता उन्हें ऐसी सलाह देने के लिए मौजूद हैं. और यदि आप इस तरह की बिन मांगी और ग़ैर-ज़रूरी सलाहें देंगे/देंगी तो आपको ‘ऑफ़िस मॉम’/‘ऑफ़िस डैड’ का तमगा पकड़ा दिया जाएगा.
अपना व्यवहार सामान्य रखें
यंग बॉस की नज़रों में ऊपर चढ़ने के लिए ख़ुद को भी युवा दिखाने की कोशिश न करें. अपना गेटअप, चालढाल, बातचीत का तरीक़ा या फिर काम करने का ढंग वैसा ही रखें जैसे कि आप सामान्यत: रखते हैं. याद रखें कि ओरिजनल व्यवहार, बनावटी व्यवहार की तुलना में सभी पसंद करते हैं और मेलेनियल्स या युवा बॉसेस इस बात का अपवाद नहीं हैं. आप अपना प्रोफ़ेशनल और पर्सनल व्यवहार अपनी उम्र के मुताबिक़ ही रखें. इससे आप सहजता से अपना काम कर सकेंगे/सकेंगी.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट