फ़िक्शन अफ़लातून#4 नीली शॉल (लेखिका: राजुल अशोक)
कुछ चीज़ें अपने साथ यादों की पोटली लेकर चलती हैं. कहानी प्रतियोगिता फ़िक्शन अफ़लातून में लेखिका राजुल अशोक की इस ...
कुछ चीज़ें अपने साथ यादों की पोटली लेकर चलती हैं. कहानी प्रतियोगिता फ़िक्शन अफ़लातून में लेखिका राजुल अशोक की इस ...
नए और पुराने संस्कारों के बीच के धर्मयुद्ध को बयां करती है यशपाल की कहानी, धर्मयुद्ध. श्री कन्हैयालाल के पारिवारिक ...
एक सती का पति होने के क्या मायने हैं, जानने के लिए ज़रूर पढ़ें शरतचंद्र द्वारा लिखी गई यह कहानी. ...
एक बेहद क़ाबिल लेकिन हद दर्जे के पियक्कड़ मेकैनिक की गुदगुदा देनेवाली कहानी. मुझे बेशुमार लोगों का क़र्ज़ अदा करना ...
एक अंतराल के बाद गांव जाने पर आपको सबकुछ वहां ठहरा हुआ मिलेगा, पर इस ठहराव में भी आपको बदलाव ...
कई बार आपके बारे में दूसरे लोग वह सच जानते हैं, जो आपको पता नहीं होता. ऐसी ही कहानी है ...
मालकिन दीपा और सचहचरी सहायिका मीरा की बोरियत से भरती जा रही ज़िंदगी में तब रोमांचक आश्चर्य की एंट्री होती ...
हरिशंकर परसाई की यह रचना तो वैसे दशकों पहले की है. पर देश की मौजूदा आबोहवा में कहानीनुमा व्यंग्य ‘आवारा ...
शेखर की मां मर गई है. पर मां की यादें, उसकी बातें अब भी उसके मस्तिष्क में घूम रही हैं. ...
संवेदनशील कहानियों के लिए मशहूर लेखक गुलशेर ख़ान शानी ने कहानी ‘बोलनेवाले जानवर’ में दो अलग-अलग परिवेश में रहनेवालों की ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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