संवदिया: कहानी मन की उलझन की (लेखक: फणीश्वरनाथ रेणु)
जब चिट्ठी-पत्री का इतना ज़ोर नहीं हुआ था, तब एक गांव से दूसरे गांव संदेशा पहुंचाने लाने के लिए संवदिया ...
जब चिट्ठी-पत्री का इतना ज़ोर नहीं हुआ था, तब एक गांव से दूसरे गांव संदेशा पहुंचाने लाने के लिए संवदिया ...
सेठ लगनदास का गोद लिया पुत्र मगनदास आराम की ज़िंदगी गुज़ार रहा था, पर क्या होता है जब उसके दत्तक ...
कभी-कभी छोटा-सा हानिरहित मज़ाक किसी के लिए जीवनभर की मधुर याद बन जाता है. स्लेज से फिसलने से डरनेवाली नाद्या ...
एक बच्चे के लिए मां और पिता से ज़्यादा महत्वपूर्ण कुछ और नहीं हो सकता. भारतीय के जानेमाने अंग्रेज़ी लेखकों ...
हर इंसान बदल सकता है और वह बदलाव किसी एक दिन अचानक हो जाता है. जानेमाने फ़िल्मकार-लेखक रहे ख़्वाजा अहमद ...
अगर हम ख़ुद को शांत और संयमित रख सकें तो बड़ी-से-बड़ी आपदा हमारे लिए अवसर बन सकती है. अन्नपूर्णानंद वर्मा ...
सरकारी कामकाज की रफ़्तार किस हिसाब से बढ़ती है? सरकारी बाबुओं का रवैया कैसा होता है? कुल मिलाकर कहें तो ...
कई बार हम अपने अधिकारों और दूसरों की अच्छाई का ग़लत फ़ायदा उठा जाते हैं. मीनाक्षी विजयवर्गीय की यह छोटी-सी ...
किशोरावस्था में हमारे शरीर में अचानक से कई बदलाव आने लगते हैं. शरीर में आनेवाले इन बदलावों का असर दिमाग़ ...
महजबों के बीच नफ़रत की भावना ने किस क़दर घर कर लिया है कि एक मरे हुए आदमी की आख़िरी ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.
© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.