प्रेम कहानियां अमूमन सभी को पसंद होती हैं. अगर आप भी प्रेम कथा पढ़ना चाहते हैं तो इरा टाक का लिखा उपन्यास ‘लव ड्रग’ आपको एक बार ज़रूर पढ़ना चाहिए. यह उपन्यास आप एक सिटिंग में चार से पांच घंटे में आसानी से ख़त्म कर लेंगे और आपको यूं महसूस होगा, जैसे कि आपने अभी-अभी एक रोमैंटिक मूवी देख ली हो.
पुस्तक: लव ड्रग
विधा: उपन्यास
लेखिका: इरा टाक
प्रकाशक: पेंगुइन हिंद पॉकेट बुक्स
मूल्य: रु 199/-
उपलब्ध: ऐमाज़ॉन और रीटेल स्टोर्स पर
रेटिंग: 4/5
पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया से हाल में आया लेखिका इरा टाक का उपन्यास लव ड्रग आपको प्रेम के कई रंगों से रूबरू कराता है. पहला प्रेम, पहली बार दिल का टूटना फिर ज़िंदगी से तालमेल बिठाने की कोशिश और भी बहुत कुछ, जो पढ़ते हुए धीरे-धीरे किसी ड्रग की तरह आपके ज़ेहन में उतरता चला जाता है.
उपन्यास की नायिका शाज़िया के जीवन में पहला प्यार तब दस्तक देता है, जब वह उसके लिए तैयार भी नहीं होती. सबकुछ स्वार्गिक चल रहा होता है कि अचानक पहला प्यार जीवन से चला जाता है, सबकुछ जैसे तबाह हो गया हो. यहां से उपन्यास के लव ड्रग नाम की सार्थकता शुरू होती है, जो उपन्यास के अंत तक साथ चलती रहती है.
प्यार में आपने जितनी बातें सुनी होंगी, जैसे- पहला प्यार, पहले प्यार का ख़ुमार, पहली बार दिल टूटना, दिल का कहीं न लगना, ब्रेकअप, रिबाउंड, दोबारा प्यार से दहशत, दूसरे प्यार की दस्तक को रिबाउंड का नाम देना, प्रेम, इक़रार, इनकार, फ़्लिंग, रिश्तों में उतार-चढ़ाव वगैरह तो आप उन सभी से एक बार फिर रूबरू होंगे. लेकिन इश्क़, मोहब्बत, लव चीज़ ही ऐसी है कि जिसके बारे में कितनी ही बार क्यों न पढ़ लिया जाए, कितने ही लेखकों को क्यों न पढ़ लिया जाए, लेकिन फिर भी हम बार-बार नए अंदाज़ में उसे पढ़ते ही रहना चाहते हैं.
इस उपन्यास की भाषा आज के युवा की भाषा है, उपन्यास का प्रवाह आपको बांधे रखता है. उपन्यास की नायिका आज की पीढ़ी की लड़की का प्रतिनिधित्व करती है. अपने करियर से समझौता नहीं करती, अपने प्यार के लिए लड़ती है, चीज़ों का विश्लेषण भी करती है. बावजूद इसके कई बार लगता है कि वह अपने करियर के मुख्य उद्देश्य से भटक क्यों गई? उसने करियर को बहुत शिद्दत से तवज्जो क्यों नहीं दी? फिर आप उपन्यास के नाम पर लौटते हैं तो समझ पाते हैं कि लव ऐसा ड्रग है, जो हर ड्रग की तरह आपको अपने मुक़ाम से थोड़ा डिविएट तो कर ही सकता है. और आप अपने सवालों को दरकिनार कर जाते हैं.
बड़े प्रकाशन संस्थानों की किताबों में अमूमन एडिटिंग और प्रूफ़िंग की ग़लतियां नहीं होती हैं. छपाई, काग़ज़ और किताब की गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाता. ज़ाहिर है, पेंगुइन हिंद पॉकेट बुक्स की इस किताब में ये सारी ख़ासियतें भी हैं. यदि आप प्रेम कहानियों को पढ़ने के शौक़ीन हैं तो ‘लव ड्रग’ को अपनी आगे पढ़ी जानेवाली किताबों की सूची में ज़रूर शामिल कर सकते हैं.
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